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1,609,044 | [
"हर घर बिजली कनेक्शन की जांच करेंगे इंजीनियर"
] | <p><b>देहरादून। </b>इंजीनियर पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम जीवन ज्योति योजना में हर घर बिजली कनेक्शन का घर-घर जाकर निरीक्षण करेंगे। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए।</p><p>सचिव ने बताया कि मार्च, 2021 तक 6289 तोकों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। टिहरी में 19, पौड़ी में 43, रुद्रप्रयाग में 14 तोकों में काम होना है। रुद्रप्रयाग में वन विभाग की एनओसी ली जा रही है। नए तोक और घरों को लेकर विधायकों से प्रस्ताव लेने को कहा जा रहा है। प्रस्ताव आते ही उनका सर्वे कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। हर बिजली कनेक्शन की मौके पर जाकर ही जेई से एसई जांच करेंगे। कार्यों की गुणवत्ता भी जांची जाएगी। थर्ड पार्टी से निगरानी को आरक्योएम कंसल्टेंट एजेंसी को नियुक्त किया गया। इंजीनियरों को तेजी के साथ काम पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं।</p> | 0 |
1,609,045 | [
"मोदी समेत कई नेताओं ने तीरथ को बधाई दी"
] | <p><b>देहरादून। </b>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों व नेताओं ने मुख्यमंत्री तीरथ रावत को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और ईश्वर से उनके दीर्घायु की कामना की।</p><p>पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए जन्मदिन की हार्दिक बधाई देते हुए सीएम के उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम तीरथ को बधाई देते कहा कि मुझे विश्वास है कि आपके कुशल प्रबंधन में उत्तराखंड प्रगति व समृद्धि के नए आयाम गढ़ेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, डा. रमेश पोखरियाल निशंक, गजेंद्र सिंह शेखावत, नरेंद्र सिंह तोमर, हरदीप सिंह पुरी आदि ने भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने ट्वीट करते हुए केदार बाबा से दीर्घायु की कामना की। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्री राम आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं और विश्वास जताया कि आपके नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के नित नए मानक स्थापित करेगा। मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, हिप्र के सीएम जयराम ठाकुर, त्रिपुरा के सीएम विप्लब कुमार देव ने भी तीरथ को बधाइयां दीं।</p> | 0 |
1,608,344 | [
"दिग्गजों से आदर्श की उम्मीद ",
"देश की नामी हस्तियों की प्रशंसा के गीत गाने वाले आम लोग अब कोरोना से बचाव की बुनियादी सावधानियों पर भी संदेह करने लगे हैं।"
] | <p>मानव जाति के अब तक के इतिहास में शायद ही इंसानों पर इस कदर चौतरफा वार हुआ होगा, जैसा अभी कोरोना महामारी के समय हो रहा है। मसला स्वास्थ्य (शारीरिक और मानसिक, दोनों) का हो या फिर रोजगार, शिक्षा, आवागमन अथवा पारस्परिक संबंधों का, लोग परेशान हैं। वायरस, उसके प्रसार, संक्रमण-दर और मृत्यु की आशंका आदि को लेकर प्रचारित-प्रसारित होने वाली तमाम सूचनाएं तेजी से बदल रही हैं, और उतनी ही तीव्रता से नामचीन हस्तियों (राजनेता, उद्योगपति, फिल्मी कलाकार, डॉक्टर आदि) का अपनी ही ‘सलाहों’ पर खरे न उतरना भी हमें हैरत में डाल रहा है। पल-पल बदलती जानकारियों के कारण हमारे छोटे-बडे़ लक्ष्य प्रभावित हो रहे हैं। मसलन, छात्र-छात्राओं को मार्च, 2020 में जब कॉलेज कैंपस खाली करने के लिए कहा गया था, तब उन्होंने यह नहीं सोचा होगा कि अपने शिक्षण संस्थान से वे इतने समय तक (करीब एक साल) दूर रहेंगे। और अब तो, फिर से अलग-अलग रूप में लॉकडाउन लागू किए जा रहे हैं, जिनसे एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल बनता जा रहा है, जबकि शिक्षण संस्थान पर्याप्त तैयारी के बिना विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।</p><p>दिलचस्प बात यह है कि खेल जगत, उद्योग, राजनीति, फिल्म जैसे तमाम क्षेत्रों की कमोबेश सभी हस्तियों ने कोविड-19 से बचने के लिए उचित व्यवहार अपनाने की जरूरत को बार-बार दोहराया, लेकिन उनकी ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो भी लोगों की नजरों में आए, जिनमें ये ‘जिम्मेदार नागरिक’ खुद अपनी ही बातों पर अमल नहीं कर रहे। यही कारण है कि आम लोग, जो इन हस्तियों की प्रशंसा के गीत गाते नहीं थकते, कोरोना से बचाव की बुनियादी सावधानियों पर संदेह करने लगे हैं।</p><p>सभी क्षेत्रों का हाल समान है। राजनेताओं से उम्मीद की जाती है कि वे हमें ऐसा रास्ता दिखाएंगे, जिनसे हम महामारी से बच सकेंगे। यही उम्मीद फिल्मी कलाकारों, खिलाड़ियों आदि से भी की जाती है। मगर हम सबने देखा कि किस तरह से अधिकांश हस्तियां सरकारी दिशा-निर्देशों को रटती तो रहीं, लेकिन उन्होंने वैसा आचरण नहीं किया। एकाध को छोड़कर तो किसी ने यह देखने की भी जहमत नहीं उठाई कि प्रवासी श्रमिकों की भूख शांत करने या उन्हें घर तक पहुंचाने में उनकी छोटी सी मदद ही काफी कारगर हो सकती है। यह तो कुछ मीडियाकर्मी और फिल्मी कलाकार थे, जिन्होंने उन मजदूरों के दर्द को समझा। ऐसा करके संभवत: उन्होंने प्रस्तावित सुरक्षा मानदंडों की कमियों को ही उजागर किया। जैसे, बार-बार हाथ धोते रहने की बात तो नामचीनों द्वारा की जाती रही, लेकिन उन्हें शायद ही यह पता होगा कि शहरी कॉलोनियों में कितने बजे स्थानीय निकाय पानी की सप्लाई करते हैं? उन्हें नहीं मालूम होगा कि मेट्रो शहरों की करीब 20 फीसदी आबादी तभी पानी ले पाती है, जब पानी टैंकरों और नलों के आसपास ‘गाली-गलौज भरे शोर’ पर वह विजय पाती है। इसलिए यह जानने के बावजूद कि इन हस्तियों की बातें माननी चाहिए, कई लोगों के लिए उनका पालन मुश्किल था। </p><p>इसी तरह, शारीरिक दूरी बरतने का आह्वान भी तब अकल्पनीय जान पड़ता है, जब हम देखते हैं कि 31 फीसदी से अधिक परिवारों के तीन-चार सदस्य एक ही कमरे में सोते हैं। ऐसी हालत में, इन हस्तियों का अनुसरण करने के बजाय जमीनी हकीकत से इनकी दूरी पर सवाल उठने लगते हैं, जो स्वाभाविक भी हैं।</p><p>दिलचस्प यह भी है कि तमाम हस्तियों ने यह तो खूब साझा किया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने क्या-क्या किया। जिम-योगाभ्यास करने से लेकर बर्तन मांजने, खाना पकाने, पेंटिंग करने, पढ़ने-लिखने, कहानी-गाना सुनने तक, सब कुछ बताया गया। मगर शायद ही किसी ने छात्र-छात्राओं को कोई मशविरा देना उचित समझा या फिर उन महिलाओं की बातें की, जो एक ही कमरे में झगड़ालू पति के साथ रहने को मजबूर हैं। ‘इनडोर योग’ ने अचानक से खुली जगह और ताजी हवा को हमसे दूर कर दिया, जबकि योग या सामान्य श्वसन के लिहाज से ये अनिवार्य तत्व हैं।</p><p>मीडिया में काफी चर्चा में रहने वाले डॉक्टर भी प्रासंगिक सवालों के माकूल जवाब देने से बचते दिखे। जैसे, कोविड से बचाव संबंधी व्यवहार अपनाना यदि अनिवार्य है, तो फिर टीकाकरण से क्या फायदा? टीका लेते वक्त यदि कोई संक्रमित हो और उसे इसकी जानकारी न हो, तो फिर टीका उसे किस हद तक मदद करेगा? अगर टीके की दोनों खुराक के बीच में कोई बीमार पड़ता है, तो क्या होगा? टीके के प्रतिकूल प्रभाव की भी खबरें हैं, उनसे भला कैसे पार पाया जाएगा? यदि टीकाकरण ही हमें संक्रमण से बचाएगा, तो क्या ‘हर्ड इम्युनिटी’ (जब 60 से 70 फीसदी आबादी रोग प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर लेती है और महामारी का अंत मान लिया जाता है) की अवधारणा गलत है? वह भी तब, जब हर पांच में से एक इंसान के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी है? और फिर, प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में डॉक्टरों, विशेषज्ञों की क्या राय है, जो हम भारतीय हमेशा से करते रहे हैं, और इसीलिए प्राकृतिक रूप से प्रतिरोधी क्षमता हमारे शरीर में होती है?</p><p>जाहिर है, लोग ऐसे फैसलों की उम्मीद कर रहे हैं, जो उन्हें सुरक्षित व स्वस्थ रखें, और बीमारी को उनके घर आने से रोक सकें। उन्हें आसान शब्दों में यह समझाना जरूरी है, और इसके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि जो लोग इस काम में लगाए गए हैं, वे भी इन सलाहों को अपने जीवन में उतारें। वरना महाकुंभ, चुनावी रैलियों और इन रैलियों के वक्तागण, लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी उन्हें ‘ठीक’ महसूस कराते रहेंगे। साफ है, तमाम क्षेत्रों के नेतृत्व को पहले खुद कोरोना बचाव संबंधी व्यवहार अपनाने को बाध्य किया जाना चाहिए और फिर वे अपने सहयोगियों, अधीनस्थों और समर्थकों को ऐसा करने को कहें। समाज के सामने एक आदर्श हमें प्रस्तुत करना ही होगा।</p><p>(ये लेखिका के अपने विचार हैं)</p> | 0 |
1,608,346 | [
"संप्रभुता की चिंता"
] | <p>भारतीय समुद्री क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना का अभ्यास बड़ी चिंता का विषय है। यह मामला सीधे-सीधे भारत की संप्रभुता से जुड़ा है और सजगता से भी। खुद अमेरिकी नौसैनिक बेडे़ ने माना है कि उसने भारत के ‘एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन’ में अभ्यास किया है। अमेरिकी बेडे़ की ओर से जारी विज्ञप्ति इशारा करती है कि अमेरिकी पहले भी भारतीय समुद्री सीमा में आते रहे हैं। अमेरिका भारत का मित्र देश है और यदा-कदा उसका भारतीय क्षेत्र में आ जाना विशेष गंभीरता की बात नहीं है, लेकिन अगर बिना सूचना भारतीय क्षेत्र में अभ्यास की शुरुआत हो रही है, तो इस गलत परंपरा पर लगाम लगाना जरूरी है। अमेरिका भारत की मंजूरी के साथ आए, कोई हर्ज नहीं, लेकिन भारतीय क्षेत्र में किसी अन्य देश द्वारा सैन्य अभ्यास की सूचना छिपी नहीं रहनी चाहिए। अमेरिका ने अगर छिपाया है, तो दाल में कुछ काला देखना गलत नहीं है। विशेषज्ञों को चिंता हो रही है, तो उस चिंता को दूर करना भारतीय विदेश व रक्षा मंत्रालय के लिए जरूरी है। अमेरिकी नौसेना की सातवीं फ्लीट की टिप्पणी विशेष रूप से सवाल खडे़ कर रही है। क्या अमेरिकी बल भारत-प्रशांत क्षेत्र में हर दिन ऑपरेशन करते हैं? क्या ये सभी ऑपरेशन किन्हीं अंतरराष्ट्रीय कानूनों को ध्यान में रखकर किए जाते हैं? अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहता है? क्या अमेरिकी सुरक्षा बल कहीं भी उड़, तैर और अभ्यास कर सकते हैं? </p><p>यदि अमेरिकी बेडे़ के जवाब में भारत की परवाह शामिल नहीं है, तो आधिकारिक स्तर पर भारत को अपनी बात रखनी चाहिए। ऐसा ही खतरा जब चीन की ओर से अंडमान निकोबार के पास पैदा हुआ था, तब भारत ने कड़ी आपत्ति की थी, ठीक वैसी ही आपत्ति अमेरिका के साथ भारत भले न जताए, पर इतना दबाव तो बनाना ही चाहिए कि अमेरिकी बेड़ा अपने जवाब में शालीनता और मित्रता के शब्द जरूर रखे। भारत जैसे दूसरे देशों की संप्रभुता की कद्र करता है, ठीक वैसी ही उम्मीद उसका हक है। ऐसा न हो कि कोई देश मित्रता का सहारा लेकर भारत की अवहेलना करे। कतई जरूरी नहीं कि अमेरिका के साथ संबंधों में भारत एक विवाद पैदा कर ले, लेकिन अपनी गरिमा की रक्षा के लिए सजग होना अनिवार्य है। </p><p>कायदा यह है कि किसी भी तटीय देश के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की सीमा समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील यानी 370 किलोमीटर की दूरी तक होती है। इस क्षेत्र में मौजूद समुद्री संसाधनों पर संबंधित देश का अधिकार होता है। अत: कोई शक नहीं कि अमेरिका को पूछकर ही अभ्यास करना चाहिए था। अगर अमेरिका ने ऐसा नहीं किया है, तो इसके दो अर्थ हो सकते हैं। पहला, भारत से मित्रता का वह लाभ लेना चाहता है और उसे लगता है, चीन की वजह से उलझा भारत आपत्ति नहीं करेगा। दूसरा अर्थ, विगत दिनों अमेरिकी मंत्रियों और विशेष दूत ने भारत दौरा किया है, क्या कोई ऐसी बात है, जो भारत ने नहीं मानी है, या जो अमेरिका को बुरी लगी है, और वह भारत को दबाव में लाना चाहता है। आज जिस दौर में दुनिया है, उसमें किसी भी आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। हमें अधिकतम पारदर्शिता के साथ चलना चाहिए। अपने स्वभाव के अनुरूप संभावनाओं की तलाश भारत को जारी रखनी चाहिए और यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उदारता किसी भी मोर्चे पर देश के लिए बोझ न बने। </p> | 0 |
1,608,345 | [
"कब समाप्त होगी दहकते जंगलों की व्यथा-गाथा",
"जंगलों में लग रही भीषण आग से हमारे पेट और पानी के सवाल सीधे तौर पर जुडे़ हुए हैं।"
] | <p>देवभूमि उत्तराखंड के 13 में से 11 जिलों के जंगलों में लगी भीषण आग बेहद चिंतनीय है। सैकड़ों हेक्टेयर जंगल इसकी चपेट में आ गए हैं। संरक्षित वन क्षेत्र भी अब अछूते नहीं हैं। वन्य जीव ही नहीं, पालतू मवेशी भी आग से मर रहे हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि आग राजमार्ग और बस्तियों तक पहुंच गई है। कीट-पतंगों, वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां स्वाहा हो रही हैं। आस-पास का पर्यावरण विषाक्त हो रहा है। </p><p>उत्तराखंड में पिछले छह महीनों में जंगल में आग की 1,000 से अधिक घटनाएं हुई हैं। वन विभाग की मानें, तो फरवरी महीने से अब तक प्रदेश में आग लगने की 609 घटनाएं हुई हैं, जिनमें राज्य में 1263.53 हेक्टेयर जंगल आग की समिधा बन चुके हैं। कहा जा रहा है कि राज्य के वन विभाग, स्थानीय प्रशासन आदि के करीब 12,000 कर्मचारी आग बुझाने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत केंद्रीय गृह मंत्री से मदद की गुहार लगा रहे हैं और एनडीआरएफ, हेलीकॉप्टर व बचावकर्मियों की मांग कर रहे हैं, लेकिन पांच राज्यों के चुनाव की वजह से उत्तराखंड के जंगलों की धधकती आग उपेक्षा का शिकार हो गई लगती है। यह निश्चित तौर पर बड़ी लापरवाही है। समझ नहीं आता कि हर साल यहां आग लगने की इतनी घटनाएं कैसे होती हैं। </p><p>दरअसल, आग लगने की घटनाओं का उत्तराखंड से पुराना नाता रहा है। पर घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी कई सवाल खड़े करती है। आग की भयावहता को लेकर कई बरस पहले टिहरी निवासी एडवोकेट ातुपर्ण उनियाल ने देश की सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की थी। याचिका में उनियाल ने कहा था कि राज्य के जंगलों में आग की बढ़ती घटनाओं के दुष्परिणाम-स्वरूप कीट-पतंगों, पक्षियों और जानवरों की हजारों प्रजातियां नष्ट हो रही हैं। आग से उत्सर्जित कार्बन डाइ ऑक्साइड से पहाड़ तप रहे हैं। नतीजतन ग्लेशियर पिघल रहे हैं। प्रदूषण बढ़ रहा है और पारिस्थितिकी तंत्र गड़बड़ा रहा है। इससे पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि इस बारे में तत्काल कार्रवाई की जाए, जिससे पर्यावरण, पारिस्थितिकी तंत्र, कीट-पतंगों, पशु-पक्षियों व वन्य-जीवों की रक्षा हो सके। साथ ही, यह भी मांग की थी कि केंद्र, राज्य सरकार, राज्य के प्रधान वन संरक्षक को राज्य में आग की रोकथाम के लिए तत्काल नीति तैयार करने और आग लगने से पहले ही इससे निपटने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाए। जंगलों के तबाह होेने का सबसे बड़ा कारण दावानल है। </p><p>अब आग की नई रोशनी में सरकारों ही नहीं, अदालतों को भी जागना चाहिए। वन रक्षा के अपने दायित्व को निभाना सरकार के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। जंगलों में लग रही आग मानव निर्मित हो या प्राकृतिक, इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि हर साल जंगलों में लगने वाली भीषण आग का खामियाजा देश भुगतता है। सबसे बड़ी बात यह कि हिमालय से ही गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र आदि अनेक नदियों का निकास है। ये नदियां करोड़ों देशवासियों की जीवन-दायिनी हैं। सारा का सारा कृषि ढांचा इन पर आधारित है। जंगलों की आग से हमारे पेट और पानी के सवाल सीधे तौर पर जुड़े हैं। दुख की बात यह है कि जंगलों की रक्षा के लिए जिम्मेदार लोग भी सतर्क नहीं हैं। हमारे जंगलात के महकमे का ढांचा इस प्रकार का है कि वह केवल घटना की सूचना देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। </p><p>दरअसल, हमारी वन नीति के चलते पहले गांववासी, वनवासियों का वनों से जो सीधा रिश्ता था, वह खत्म हो गया है। सरकार द्वारा संचालित वन जागरूकता अभियान औपचारिकता मात्र रह गए हैं। इन अभियानों ने वनों के पास रहने वालों को उनसे दूर कर दिया है। कॉरपोरेट स्वामित्व के दौर में आज हालत यह है कि जंगल में आग की घटना होने पर जो लोग पहले आग बुझाने के लिए दौड़ पड़ते थे, वे अब यह काम सरकार का है, कहकर अपना मुंह मोड़ लेते हैं। वनरक्षकों की कमी पूरी करने पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। </p><p>एक अध्ययन से खुलासा हुआ है कि दुनिया में यदि जंगलों के खत्म होने की यही रफ्तार रही, तो 2100 तक समूची दुनिया से जंगलों का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा। जंगल की आंच हम तक तेजी से पहुंच रही है, अब हम सोए नहीं रह सकते। </p><p>(ये लेखक के अपने विचार हैं)</p> | 0 |
1,608,348 | [
"एक खबर कल रात उड़ी",
"सबको डंडे मार-मारकर सिखाया जा रहा है- बोलो, हम खुश हैं। सब कह रहे हैं- खुशी मिली ऐसी...।"
] | <p>आंदोलनरत किसान अपने घर वापस लौटे हों, न लौटे हों, मगर कोरोना वापस लौट रहा है। नई हनक और नए तेवरों के साथ। कोरोना के फर्जी डॉक्टरों द्वारा कोरस गाया जा रहा है, कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन। कमाल यह है कि जिसे कोरोना नहीं हुआ या कोरोना की दहशत भी नहीं हुई, उस पर शक किया जा रहा है। कइयों को लगता है कि अगर आपको कोरोना हो गया, तो समझिए बद्र्रीनाथ हो आए। हज कर लिया। आसरे और भरोसे के लिए वैक्सीन तो है ही। </p><p>चीन ने पूरी दुनिया को कोरोना वायरस दिया। हमने वैक्सीन देकर चीन के सन बासठ के हमले का करारा जवाब दे दिया। आदमी का जीवन भर निरोग रहना भी जीवन की फिजूलखर्ची है। रोगी होंगे, तो कम से कम डॉक्टरों का तो भला होगा। जिन मोहल्लों में कोरोना दोबारा आ गया है, वहां पर यह फिल्मी गीत बहुत सूट करता है- घर आया मेरा परदेसी। प्यास बुझी मेरी अंखियन की।</p><p>पुलिस के कुत्ते पुलिस वालों पर नहीं भौंकते। वर्दी की हनक बड़ी होती है। लेकिन पुलिस वाले की पत्नी उससे कतई नहीं डरती। उसकी प्राइवेट गुल्लक भरी रहनी चाहिए बस। यह भी सही है कि भ्रष्टाचार की नदी में डूबता आदमी कभी बचाओ-बचाओ नहीं करता। अगर किसी ने सचमुच बचा लिया, तो आगे का जीवन नरक बन जाएगा।</p><p>राजनीति में आजकल बवंडर थमा है। नेताओं की नोकझोंक में अब मनोरंजन नहीं रहा। बगैर शादी बैंड बाजे का शोर किसी को अच्छा नहीं लगता। सबका साथ सबका विकास हो रहा है। लोगों को डंडे मार-मारकर सिखाया जा रहा है- बोलो कि हम खुश हैं। सब कह रहे हैं- खुशी मिली इतनी कि मन में न समाए। पलक बंद कर लूं कहीं झलक ही न जाए। बच्चों को ‘हम हो गए कामयाब’ रटा दिया गया है। ऐसे ही एक स्कूल के निरीक्षण पर आए इंस्पेक्टर ने क्लास के बच्चों से पूछा- यह बताओ, शिव का धनुष किसने तोड़ा? सब बच्चों ने कहा- हमने नहीं तोड़ा। बच्चों में मिठाइयां बांटी गईं और इंस्पेक्टर साहब का प्रमोशन हो गया। और जान ले लोगे क्या?</p><p><b>उर्मिल कुमार थपलियाल</b></p> | 0 |
1,608,349 | [
"शांति के सूत्र तलाशते पड़ोसी"
] | <p>भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को इतने लंबे अरसे से दुश्मन की तरह देखा है कि उन्हें ‘शांति’ के नए अफसाने के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है। दोनों देशों की फौजें फरवरी से ही कश्मीर में संघर्ष-विराम समझौते का सम्मान कर रही हैं। सिंधु नदी के जल-बंटवारे को लेकर एक समझौते पर पहुंचने की खातिर इनके अधिकारियों की आपस में मुलाकात हुई है। भारत ने पाकिस्तान को कोविड-19 की वैक्सीन भी दी है। मार्च में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने दोनों देशों का आह्वान किया था कि वे ‘अतीत को दफ्न कर आगे बढ़ें।’ दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक-दूसरे को खत लिखकर अपनी शुभकामनाएं दी हैं। अपने पत्र में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसी संबंधों को अब ‘भरोसे के माहौल’ की ओर बढ़ना चाहिए। दोनों देश कुछ और कदम उठा सकते हैं, क्योंकि खबर है कि यूएई परदे के पीछे की कूटनीति में इनकी सहायता कर रहा है। अगर उन्होंने व्यवसाय के लिए बंद दरवाजों को खोला, तो उनका कारोबार दो अरब डॉलर से 37 अरब डॉलर तक छलांग लगा सकता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा है, ‘गरीबी से मुकाबले के लिए इस उप-महाद्वीप के पास एक ही रास्ता है कि कारोबारी रिश्ते सुधारे जाएं।’</p><p>मगर गर्मजोशी से भरी पुरानी कोशिशों की तरह भारत और पाकिस्तान फिर अदावत की तरफ लौट सकते हैं। दोनों देशों में ऐसे ताकतवर घरेलू खिलाड़ी मौजूद हैं, जो दुश्मनी की कहानी कभी खत्म नहीं होने देना चाहते। फिर कश्मीर में दोनों के लिए अपने मतभेद सुलझना कठिन होगा। यद्यपि दोनों की सरकारें काफी हद तक धर्मनिरपेक्ष हैं, मगर इन्हें एक सी स्थिति से जूझना पड़ता है कि उनके देश को एक धार्मिक पहचान के साथ जोड़कर देखा जाए। भारत में हिंदुत्व के साथ और पाकिस्तान में इस्लाम के साथ। ऐसे में, उनके यहां जारी अंदरूनी बहसें एक-दूसरे को आसानी से शत्रु के रूप में चित्रित कर देती हैं। बहरहाल, घरेलू व बाहरी दबावों से प्रेरित हो भारत-पाकिस्तान अभी मतभेद के बिंदुओं पर सावधानी के साथ गौर कर रहे हैं। शायद यह वास्तविक शांति की वसीयत बन जाए।</p><p><b> द क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर, </b>अमेरिका</p> | 0 |
1,608,350 | [
"आधे-अधूरे"
] | <p>क्या आप आधे-अधूरे हैं? जवाब ‘हां’ ही होगा। अब दूसरा सवाल, क्या आप अधूरा ही रहना चाहते हैं? ज्यादा उम्मीद हैै कि इसका जवाब ‘नहीं’ में होगा। आपके जवाबों के हां और नहीं दो विपरीत छोर पर दिखते तो हैं, पर ये एक-दूसरे के पूरक हैं। दरअसल, पूरा कोई हो ही नहीं सकता। अगर आप सोचने वाले प्राणी हैं, तो समझ लीजिए कि आप अधूरे होने को अभिशप्त हैं। कवि विनोद कुमार शुक्ल अपनी एक कविता में लिखते हैं, कोई अधूरा पूरा नहीं होता/ और एक नया शुरू होकर/ नया अधूरा छूट जाता/ शुरू से इतने सारे/ कि गिने जाने पर भी अधूरे छूट जाते।</p><p>चिंतक अधूरे होने के भाव के पीछे मन को जिम्मेदार मानते हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव कहते हैं- मन की प्रकृति है संग्राहक होना। वह हमेशा कुछ न कुछ बटोरना चाहता है। भोजन, कपडे़, पैसे, यहां तक कि तथाकथित आध्यात्मिक ज्ञान भी। जाहिर है, आप लगातार संग्रह करते रहेंगे, तो हमेशा लगेगा कि अभी कई चीजें छूटी हुई हैं, जिनको जमा करना है। हमेशा लगेगा कि अभी अधूरापन है। हम अधूरे हैं। यह भाव तभी जाता है, जब हम समझ लेते हैं कि हम जमा करने के लिए नहीं, बल्कि कुछ काम करने के लिए बने हैं। अरबपति वारेन बफेट कहते हैं, यह सच है कि किसी भी काम को आपको पूरा करना चाहिए, पर यह भी सत्य है कि आपके पास हमेशा अधूरे काम होंगे। जो काम करने वाले होते हैं, उनके पास ही अधूरे काम रहते हैं। यह असफलता नहीं है। अब हमारे पास दो रास्ते हैं। एक, मन को नियंत्रित करें और पाएं कि सब कुछ पूरा है। दूसरा, मन यह समझ ले कि अधूरापन नियति है। यह पूरा होना ही है। </p><p><b> प्रवीण कुमार</b></p> | 0 |
1,608,351 | [
"हमको मिला जियावनहारा"
] | <p>कबीर कहते थे, हम न मरब मरिहै संसारा। हमको मिला जियावनहारा। आज संसार में हो रहे मृत्यु के तांडव को देख कबीर से पूछने की जरूरत महसूस होती है कि तुम्हें मिला वह कौन जियावनहारा था, जिसके बल पर तुम यह कह सके कि तुम कभी नहीं मरोगे?</p><p>कबीर के साहित्य को पढ़ने-पढ़ाने वाले हम भी रहे हैं और हम भी अपनी समझ से उनकी इन लाइनों की व्याख्या करते रहे हैं, बच्चों को पढ़ाते रहे हैं, लेकिन तब तक हमने कोरोना की वैश्विक महामारी नहीं देखी थी। सारी दुनिया को आज की तरह मौत की चपेट में आते नहीं देखा था। इसलिए कबीर के इन शब्दों की अपनी और दूसरों द्वारा की गई तब की सारी व्याख्याएं आज संदिग्ध हो गई लगती हैं।</p><p>आज लगता है कि कबीर इन शब्दों से किसी गुरु या गोविंद या ज्ञान रूपी निर्गुण ब्रह्म के मिलने की बात नहीं कर रहे थे। शायद वह अपने समय के साहित्य की बात कर रहे थे। उसमें से जो काल-कवलित हो जाने वाला था, उसकी और उस कालजयी साहित्य की बात कर रहे थे, जो साहित्यकार की मृत्यु के बाद भी बचा रह जाने वाला था। </p><p>निश्चित रूप से कबीर स्वयं को या अपने कृतित्व को कालजयी या अपना जियावनहारा मानते थे। तभी तो वह ऐसी बात कह सके।</p><p><b>रमेश उपाध्याय </b>की फेसबुक वॉल से</p> | 0 |
1,608,352 | [
"शिक्षा की प्रगति"
] | <p>भारत में शिक्षा की प्रगति सम्बन्धी भारत सरकार के शिक्षा कमिश्नर की १९३२ से १९३७ तक के पांच वर्षों की जो रिपोर्ट प्रकाशित हुई है उससे मालूम होता है कि इस बीच छात्रों और छात्राओं की संख्या तो पहले से १३,८६,००० बढ़ी है, पर सरकार द्वारा स्वीकृत और अस्वीकृत, दोनों प्रकार के शिक्षणालयों की संख्या २०८३ कम हो गई है। इसका मतलब हुआ कि शिक्षकों पर पढ़ाने का बोझ बढ़ा है। छात्रों की संख्या विश्वविद्यालयों में बढ़ना इसलिए उत्साहप्रद नहीं है, क्योंकि यह सिवा इसके कुछ और जाहिर नहीं करता कि नौकरी या धन्धों में न लगने पर छात्र समय टालने को और आगे पढ़ने चले जाते हैं। पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या २४,९३,००० से बढ़कर ३़१,३८,००० हो जाना स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में उत्साहप्रद बात है, और यह जानकर और भी खुशी होगी कि शिक्षालयों में मुसलमानों की जो संख्या वृद्धि हुई है, उसमें मुसलमान छात्रों की अपेक्षा मुसलमान छात्राओं की संख्या में विशेष शीघ्रता से वृद्धि हुई है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि स्त्री शिक्षा की वृद्धि इस ओर बहुत खर्च किए बगैर हो रही है। कहना नहीं होगा कि शिक्षा की यह प्रगति संतोषजनक नहीं है और यह बात सत्य है कि ‘वर्तमान शिक्षा-प्रणाली के प्रति व्यापक असन्तोष प्रकट किया जा रहा है।’</p> | 0 |
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"सबको मिले टीका"
] | <p>बाजार के खुलने, आवागमन बढ़ने और वैक्सीन आने से देशवासियों में अति आत्मविश्वास का संचार हुआ, और बचाव-उपायों से उन्होंने दूरी बना ली। नतीजतन, कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव विकराल हो चला है। इससे निपटने के दो तरीके जान पड़ते हैं। पहला, शारीरिक दूरी, मास्क का प्रयोग और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान, और दूसरा तरीका है, सबको वैक्सीन और तेजी से टीकाकरण। अब समय आ गया है कि टीका लेने की उम्र सीमा घटा दी जाए और 18 से 45 वर्ष के लोगों को भी टीका लगाया जाए। इस आयु वर्ग के लोग ही आमतौर पर रोजगार या अन्य कामों के लिए घर से बाहर निकलते हैं, इसलिए इनको सुरक्षा मिलनी चाहिए। फिर चाहे टीका सशुल्क ही क्यों न हो। इसके लिए अगर हमें दूसरे देशों के लिए वैक्सीन की आपूर्ति बंद करनी पड़े, तो उसमें भी हमारी सरकार को हिचकिचाना नहीं चाहिए।</p><p><b>हेमंत कुमार त्रिपाठी, </b>हल्द्वानी</p><p>[email protected]</p><p><b>पूरा करें वादा</b></p><p>हर राजनीतिक दल सत्ता पाने के लिए चुनाव में कई तरह के लुभावने वादे करता है। मगर कुरसी मिलते ही वह उन वादों को भूल जाता है। सारी घोषणाओं का कुछ प्रतिशत भाग ही पूर्ण हो पाता है। इससे न सिर्फ करदाताओं से मिले पैसे नेताओं के व्यक्तिगत स्वार्थ में खर्च हो जाते हैं, बल्कि जनता स्वयं को छला हुआ भी महसूस करती है। पारदर्शिता और ईमानदारी राजनीति के लिए अनिवार्य तत्व हैं। इसलिए एक ऐसा कानून बने, जिसमें सत्ता में आने से पूर्व किए गए चुनावी वादों को पूरा करने की बाध्यता हो, और यदि सरकार उन वादों को पूरा करने में कामयाब नहीं होती है, तो जनता को ‘राइट टु रिकॉल’ (वापस बुलाने का अधिकार) मिले। राजनीति में शुचिता लाने के लिए यह एक अच्छा प्रावधान हो सकता है। इससे राजनीतिक दल बेजा घोषणाएं नहीं करेंगे और जनता भी मूकदर्शक होने से बची रहेगी। अगर चुनावी वादों को पूरा करने की कानूनी बाध्यता होगी, तो परिणाम निश्चित रूप से सुखद होंगे। इससे देश का लोकतंत्र और मजबूत होगा।</p><p><b>चंद्र प्रकाश, </b>पिथौरागढ़, उत्तराखंड</p><p>[email protected]</p><p><b>जलते जंगल</b></p><p>जगलों में लगी आग ने हमें फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने में समर्थ हैं? उत्तराखंड के धधक रहे जंगल हमारी आने वाले पीढ़ियों पर गहरा असर छोड़ेंगे। यह कोई पहली घटना नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले डेढ़ साल में दावानल की 900 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। साफ है, केंद्र व राज्य की सरकारें इस पर कोई खास ध्यान नहीं दे रहीं। जंगल में लगी आग का असर वन्य-जीवों पर ही नहीं, इंसानों पर भी खूब होता है। ऐसे में, वनों को बचाने के लिए ठोस नीति की जरूरत है, लेकिन हमारे नीति-नियंता इस पर ध्यान नहीं दे रहे। यह एक गंभीर मसला है।</p><p><b>अनिमा कुमारी, </b>पटना</p><p>[email protected]</p><p><b>धार्मिक ध्रुवीकरण</b></p><p>मौजूदा विधानसभा चुनावों में शायद ही ढंग से चुनाव प्रचार हो रहा है। चुनाव अभियानों में विकास का मुद्दा हाशिए पर पहुंच गया है। सभी पार्टियां जानती हैं कि इससे उन्हें चुनावी फायदा नहीं मिल सकता। लेकिन उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा को वोट बटोरने का साधन बनाना देशहित में नहीं है। अब कमोबेश सभी पार्टियों के अपने-अपने वोट बैंक हैं। उनको लामबंद करने के लिए वे जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा को मुद्दा बनाती हैं। दिक्कत यह है कि जनता भी इन गैर-जरूरी मुद्दों में उलझकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करती है। जनता में ध्रुवीकरण करके राजनीतिक फायदा उठाने के समय पार्टियां भूल जाती हैं कि इस दूषित राजनीति से देश की राष्ट्रीय भावना को चोट पहुंचती है। क्या इनसे बचा नहीं जाना चाहिए?</p><p><b>मो. जकी, हरदुआ, </b>नवाबगंज</p><p>[email protected]</p> | 0 |
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"ओ हेनरी लघु कहानियों के लिए जाने जाते हैं। उनकी कहानी ‘द लास्ट लीफ’ हर साहित्य प्रेमी ने पढ़ी या सुनी है। अमेरिका के उत्तरी कोरोलिना में उनका जन्म हुआ। उनकी प्रमुख कृतियां ‘सिक्सेज एंड सेवन्स’, ‘द ग्रीन डोर’, ‘रोलिंग स्टोन्स’ और ‘द गिफ्ट ऑफ मैगी’ आदि हैं। गिटार, मेंडोलिन जैसे कई वाद्ययंत्रों को बजाने के अलावा गायन में भी उनकी रुचि थी। उनका जीवन कई उतार-चढ़ावों से गुजरा लेकिन इससे उनकी रचनात्मकता में कोई कमी नहीं आई। उनके सम्मान में क्लासिक कोर्ट हाउस का नाम रखा गया और डाक टिकट जारी किया गया। लघु कथाओं के लिए ओ हेनरी अवॉर्ड भी दिया जाता है। "
] | <p>र ने खिड़की के भीतर पैर जल्दी से रखा और कुछ देर प्रतीक्षा करने लगा। अपने हुनर के प्रति आदर भाव रखने वाला हर चोर कोई चीज उठाने से पहले यह कदम उठाता ही है।</p><p>यह मकान किसी का निजी निवास था। तख्ते से ढके हुए सामने के दरवाजे और संवारे बोस्टन के सदाबहार पौधों को देख कर चोर ने जान लिया कि घर की मालकिन समुद्र के किनारे किसी बरामदे में बैठी हुई किसी सहृदय नाविक से कह रही होगी कि उसके एकाकी और पीड़ित हृदय को किसी ने नहीं पहचाना। तीसरी मंजिल के सामने वाली खिड़कियों में रोशनी देख कर और मौसम का अंदाज लगाते हुए वह समझ गया कि घर का मालिक लौट कर आ गया है और जल्दी ही रोशनी बुझाकर सो जाएगा। यह महीना सितंबर का था, यानी वर्ष की और मन की अवस्था का भी अंतिम चरण प्रारंभ हो गया था और उस समय मकान मालिक छत पर के बगीचों और टाइपिस्ट लड़कियों</p><p>को देखने का क्षणिक आनंद छोड़कर अपनी जीवन-संगिनी की बाट जोहने लगते हैं, ताकि नैतिक व सामाजिक स्थिरता फिर से प्राप्त हो सके। </p><p>चोर ने एक सिगरेट जलाई। उंगलियों की ओट में जलती हुई दियासलाई के प्रकाश में उसका चेहरा चमक उठा। वह तीसरी किस्म का चोर था।</p><p>चोरों की यह तीसरी किस्म अभी तक न पहचानी गई है, न स्वीकार की गई है। पुलिस के द्वारा अभी दो किस्में ही लोकप्रिय हुई हैं। उनका वर्गीकरण काफी आसान है। कॉलर उनकी विशेष पहचान है।</p><p>जब कोई ऐसा चोर, जो कॉलर नहीं पहनता हो, पकड़ा जाता है, तब उसे सबसे हल्के दर्जे का पतित, दुराचारी और दुष्ट कहा जाता है। उस पर यह भी संदेह किया जाता है कि सन 1878 में हैने-सी नामक थानेदार की जेब से हथकड़ियां चुरा कर गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग जाने वाला उद्दंड अभियुक्त वही है। </p><p>दूसरी जानी-पहचानी किस्म का चोर वह है, जो कॉलर पहनता है। वह अपने वास्तविक जीवन में जुआरी होता है। दिन में वह सदा एक सज्जन बना रहता है, अच्छा सूट पहनकर नाश्ता करता है पर रात होते ही चोरी का अपना नीच धंधा अपना लेता है। उसकी मां ओसन ग्रीव की प्रतिष्ठित और अत्यंत धनवान औरत होती है और जेल की कोठरी में प्रवेश करते ही वह छुरी-कांटे और पुलिस गैजेट की मांग करता है। अमेरिका के हर राज्य में उसकी एक पत्नी और हर प्रांत में एक मंगेतर होती है। जिन महिलाओं का पांच-पांच डॉक्टरों द्वारा इलाज विफल हो जाए और उसके बाद एक ही खुराक में जिन्हें चैन आ जाए और एक पूरी बोतल में पूरा आराम, उन्हीं की तसवीरों को अदल-बदल कर अखबार वाले उसकी शादी के समाचार छापते हैं।</p><p>इस चोर ने एक नीला स्वेटर पहन रखा था। वह न जुआरी किस्म का था और न नरक के कीड़ों जैसा। उसका वर्गीकरण करने में तो पुलिस भी पशोपेश में पड़ जाती। उन्होंने अभी तक ऐसे कुलीन और विनीत चोरों के बारे में सुना तक नहीं था, जो अपने दर्जे से न अधिक और न कम हैं। </p><p>तो इस तीसरे किस्म के चोर ने अब खोज शुरू की। उसने नकाब या काला चश्मा या रबर के जूते-कुछ भी नहीं पहन रखे थे। उसकी जेब में एक तमंचा था और वह चिंतामग्न एक पिपरमेंट की गोली चूस रहा था। </p><p>गर्मियों की धूल से बचाने के लिए फर्नीचर पर गिलाफ चढ़े हुए थे। सोना-चांदी घरों से दूर किसी बैंक के तहखाने में होंगे। चोर को विशेष रकम मिलने की आशा नहीं थी। उसका निर्दिष्ट स्थान तो वह हल्की रोशनी वाला कमरा था, जहां घर का मालिक, अपने एकाकीपन का जैसे-तैसे उपचार करके, संतोषपूर्वक गहरी नींद में सो रहा था। वहां से कुछ मामूली माल ही हाथ आने की आशा थी, जिसे वाजिबी, व्यावसायिक लाभ कहा जा सकता है, जैसे कुछ रेजगारी, घड़ी या जड़ाऊ पिन वगैरह और सिंगारदान पर रखे कुछ नोट, चाबियां, दो-तीन पोकर के खेल के टोकन, मसली हुई सिगार, बालों का एक रेशमी बो और सवेरे खुमारी उतारने के लिए सोडा-लेमन की बंद बोतल-यही सारी चीजें वहां रखी थीं। पास ही पलंग पर एक आदमी सोया था। </p><p>चोर ने सिंगारदान की तरफ दो-तीन कदम बढ़ाए। एकाएक बिस्तर में पड़े हुए आदमी के मुंह से कराह सी निकली और उसने अपनी आंखें खोल दीं। उसका दाहिना हाथ तकिये के नीचे गया पर वहीं रह गया। उसे वह ऊपर न कर सका। </p><p>बातचीत के लहजे में चोर ने कहा, ‘चुपचाप पड़े रहो।’ तीसरे दर्जे के चोर फुफकारते नहीं। बिस्तर में पड़े हुए नागरिक ने चोर की पिस्तौल के गोल मुंह की ओर देखा और चुपचाप पड़ा रहा। </p><p>चोर ने आदेश दिया, ‘अपने दोनों हाथ ऊपर कर लो।’</p><p>बिना दर्द दांत निकालने वाले दंत चिकित्सक की तरह दिखने वाले इस नागरिक की एक छोटी, नुकीली, भूरी-सफेद दाढ़ी थी। वह समृद्ध, प्रतिष्ठित, चिड़चिड़ा और नाराज लगता था। अपने बिस्तर पर ही बैठकर उसने अपना दाहिना हाथ सिर से ऊंचा कर लिया। </p><p>चोर ने हुक्म दिया, ‘दूसरा हाथ भी...हो सकता है कि तुम दोनों हाथ चला सकते होगे और बांये हाथ से गोली चला दो। चलो जल्दी करो।’</p><p>मुंह को दर्द में विकृत बनाते हुए आदमी ने कहा, ‘मैं दूसरा हाथ नहीं उठा सकता।’</p><p>‘क्यों? क्या तकलीफ है तुम्हें?’</p><p>‘गठिया है।’</p><p>‘सूजन भी है?’</p><p>‘पहले थी, अभी तो थोड़ी कम है।’</p><p>चोर कुछ क्षण उसकी ओर पिस्तौल किए खड़ा रहा। उसने सिंगारदान पर पड़े हुए माल पर एक नजर फेंकी और फिर कुछ हक्का-बक्का होकर बिस्तर पर बैठे आदमी की ओर देखा। तभी उसका मुंह ऐंठ कर कुरूप सा होने लगा। </p><p>आदमी ने दर्द के साथ कहा, ‘वहां खड़े-खड़े मुंह क्या बना रहे हो, चोरी करने आए हो तो चोरी करो...। सब तरफ सामान पड़ा तो है।’</p><p>खीसे निपोरते हुए चोर ने कहा, ‘माफ करना भाई, तुम्हारी हालत देखकर मुझे भी धक्का पहुंचा है। वैसे तुम्हें बता दूं कि मुझे भी बरसों से गठिया की शिकायत है। मेरे भी बांये हाथ में गठिया था। मेरी जगह कोई दूसरा चोर होता तो तुम्हारे बांया हाथ न उठाने पर तुम्हें गोली मार देता पर घायल की गति घायल जाने, मुझे पता है इस दर्द का...।’</p><p>‘ओह, तुम्हें गठिया कब से है?’ आदमी ने पूछा।</p><p>‘चार साल से। एक बार यह हो जाए तो आसानी से पीछा कहां छोड़ता है, समझो तुम ताउम्र के लिए गठिया गए।’</p><p>‘तुमने कभी सॉप का तेल इस्तेमाल किया?’</p><p>‘हम्म...मैंने जितना इस तेल का इस्तेमाल किया है, उतना तो तुम सोच भी नहीं सकते,’ चोर ने झींकते हुए कहा। </p><p>आदमी ने कुछ सोचते हुए कहा, ‘कुछ लोग तो चाइसलम की गोलियां भी खाते हैं।’</p><p>चोर बीच में ही बोला, ‘पांच महीने तक उसका कोर्स भी किया पर कोई फायदा नहीं हुआ। जिस साल मैंने फिक्लह्म एक्स्ट्रेक्ट, गाइलीड बाम, पोल्टिस और पॉट पेन पल्वेराइजर का प्रयोग किया, उसी साल कुछ राहत मिली। पर मेरे खयाल से तो जेब में अखरोट रखना कारगर हो गया।’</p><p>आदमी ने पूछा, ‘दिन में तकलीफ होती है या रात में?’</p><p>चोर बोला, ‘रात में, जब मैं ज्यादा व्यस्त होता हूं। अच्छा तुम अपना हाथ नीचे कर लो। तुमने कभी ब्लिझरस्टाक का ब्लड बिल्डर काम में लिया?’</p><p>‘नहीं, कभी नहीं। तुम्हें दर्द अचानक ज्यादा होता है या हमेशा एक जैसा बना रहता है?’</p><p>चोर बिस्तर के पैताने बैठ गया और घुटनों पर पिस्तौल रख ली। बोला, ‘मुझे तो टीस सी होती है। कई बार तो जब कोई उम्मीद नहीं होती, तभी यह बेशर्म दर्द होने लगता है। मुझे दूसरी मंजिल पर चढ़ना तक छोड़ना पड़ा क्योंकि बीच में ही दर्द होने लगता था। क्या बताऊं, मेरे खयाल से डॉक्टरों के पास भी इसका कोई इलाज नहीं है।’</p><p>‘यही हालत मेरी भी है। लगभग हजार डॉलर खर्च करने के बाद भी फायदा नहीं हुआ। तुम्हारा गठिया सूजता है?’</p><p>‘हां सुबह। और जब बरसात आने वाली होती है, तब...’</p><p>आदमी बोला,‘मेरे साथ भी यही होता है। मैं बता सकता हूं कि टेबल की चादर वाली नाप का बादल का टुकड़ा कब फ्लोरिडा से उड़कर न्यूयार्क की तरफ रवाना हो रहा है और अगर मैं किसी थियेटर के पास से गुजरता हूं, जहां मैटिनी शो चल रहा हो तो उसकी सीलन से मेरे बांये हाथ में वैसा ही दर्द होता है, जैसा दांतों में होता है।’</p><p>‘हम्म...,’ चोर ने पिस्तौल को खिसियाते हुए अपनी जेब में डाल दिया। फिर बोला, ‘तारपीन की मालिश की?’</p><p>थोड़ा गुस्से से आदमी बोला,‘हटो, यह तो होटल के मक्खन की मालिश करने के बराबर है।’</p><p>चोर बोला, ‘हां, बिल्कुल यह तो बिल्ली के पंजों से लगने वाली खरोंच पर मलहम लगाने की तरह ही है। हमारी एक ही तकलीफ है बंधु और उसे हल्का करने का एक ही उपाय मुझे पता है। वही सेहतमंद, गम गलत करने वाली शराब...। क्यों ठीक है न? माफ करना इस बेतकल्लुफी के लिए पर जल्दी से कपड़े पहन लो तो कुछ पीने बाहर चलें? ओह....फिर से दर्द होने लगा है मुझे।’</p><p>आदमी बोला, ‘एक हफ्ते से मेरे हाथ में इतना दर्द है कि बिना किसी की मदद के मैं कपड़े भी नहीं पहन सकता। थॉमस तो अब तक सो गया होगा, वरना उससे कहता...।’</p><p>चोर बोला, ‘बाहर निकलो, मैं तुम्हें कपड़े पहना दूंगा।’</p><p>आदमी अब तक काफी सहज और शांत हो चुका था। घबराहट का ज्वार आकर जा चुका था। उसने अपनी अधपकी दाढ़ी पर हाथ फेरा और कहने लगा, ‘बड़ी अजीब रात है न!’</p><p>चोर बोला, ‘यह रही तुम्हारी कमीज, पहनो। मैं एक आदमी को जानता हूं, जो कहता था कि ऊमबैरी ऑइंटमेंट से वह दो हफ्ते में ही इतना ठीक हो गया कि अपनी टाई खुद बांधने लगा।’</p><p>ज्यों ही वे दरवाजे के बाहर निकले, आदमी तुरंत घूमकर वापस जाने लगा। उसने कहा, ‘लगता है, पैसे भूल आया हूं। कल रात सिंगारदान पर ही रखे थे।’</p><p>चोर ने उसकी दाहिनी बांह पकड़ ली। उसने बड़े मजे से कहा, ‘मैं कहता हूं, चलो न। मेरे पास हम दोनों के पीने भर को पर्याप्त पैसे हैं। छोड़ो यह सब, बताओ कभी तुमने जैतून और विन्टरग्रीन तेल का प्रयोग किया है?’</p><p><b>साभार : ओ हेनरी की कहानियां, संपादन : हैरी हॉन्सन</b></p><p><b>अनुवादक : प्रो. सत्यप्रकाश जोशी, पर्ल पब्लिकेशन प्रा.लि. बंबई</b></p><p>इनका जन्म 1862 में और मृत्यु 1910 में लिवर सिरोसिस से हुई। इनका वास्तविक नाम विलियम सिडनी पोर्टर था। इनके पिता डॉक्टर थे। तीन वर्ष की अल्पायु में ही मां की टीबी से मृत्यु हो गई। बड़े होने के बाद उन्होंने कई तरह के काम किए। कुछ समय बैंक में नौकरी की, जहां पैसों की हेराफेरी का आरोप लगा और उन्हें पांच साल की जेल हुई। जेल में उन्होंने कई कहानियां लिखीं। अच्छे व्यवहार के कारण तीन साल में ही उन्हें रिहा कर दिया गया और न्यूयार्क में रह कर वह लिखने लगे। वहां वर्ल्ड संडे मैगजीन में हर हफ्ते उनकी कहानी छपती थी। दूरदर्शन धारावाहिक ‘कथा सागर’ में उनकी कहानियों पर आधारित कई एपिसोड दिखाए गए। </p> | 0 |
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"एक अनोखी हिमालय-गाथा"
] | <p><b>हिमालयी इतिहास, </b>अन्वेषण, संस्कृति व सामाजिक आंदोलनों के यादगार अध्ययनों के लिए जाने जाते हैं शेखर पाठक। पहाड़ फाउंडेशन से जुड़े और बरसों से ‘पहाड़’ पत्रिका का संपादन कर रहे शेखर पाठक उन चंद लोगों में शुमार हैं, जो पहाड़ को अपने भीतर जीते हैं। हिमालय की उनकी यात्राएं, उनके शोध, उनके संस्मरण किसी इनसाइक्लोपीडिया से कम नहीं हैं, साथ ही वह पहाड़ और पर्यावरण से जुड़े कई खतरों व चिंताओं से भी रूबरू कराते हैं।</p><p>‘दास्तान ए हिमालय’ भाग 1 और 2 शेखर पाठक के व्याख्यानों व लेखों का संकलन है। इनके जरिये हिमालय के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। </p><p>पहले खंड में हिमालय को समग्रता में देखने का प्रयास किया गया है। हिमालयी संस्कृति-इतिहास के अलावा इसमें चंद्र सिंह गढ़वाली, राहुल सांकृत्यायन और सरला बेन जैसे व्यक्तित्वों के बारे में बताया गया है। पहाड़ी लोकगीतों में प्रकृति चित्रण और कैलास मानसरोवर पर विस्तृत जानकारी भी इसमें दी गई है। </p><p>दूसरे भाग में उत्तराखंड के इतिहास, सामाजिक आंदोलनों, कुली बेगार प्रथा, टिहरी में उठने वाले प्रतिरोध के स्वरों के साथ ही ‘नशा नहीं रोजगार दो’ जैसे जनांदोलनों का विश्लेषण भी किया गया है। पिछले कुछ दशकों में उत्तराखंड में आ रही आपदाओं पर भी लिखा गया है, जिनमें कुछ प्राकृतिक आपदाएं हैं तो कुछ मानव-निर्मित। आशा की जा सकती है कि दोनों खंड पढ़ने के बाद पाठक पहाड़ को नई दृष्टि से देख सकेंगे और लेखक की चिंताओं को समझ सकेंगे। </p><p>किताब: <b>दास्तान ए हिमालय (भाग 1-2); </b>लेखक: <b>शेखर पाठक; </b>प्रकाशक: <b>वाणी प्रकाशन-रजा पुस्तक माला; </b>कीमत: 595-595 रुपये </p> | 0 |
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"लॉकडाउन की 50 कहानियां"
] | <p><b>पिछल</b>े एक वर्ष ने पूरी दुनिया को कई सबक दिए हैं। कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने न सिर्फ लोगों को शारीरिक-मानसिक रूप से त्रस्त किया, बल्कि आर्थिक रूप से भी तोड़ कर रख दिया। जिस तरह लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की भीड़ भूखी-प्यासी, बेहाल पैदल अपने घरों को लौट रही थी, उसे देखकर अच्छे-अच्छों के दिल पसीज गए।</p><p>प्रस्तुत पुस्तक में लॉकडाउन की ऐसी ही कई अलग-अलग कहानियां हैं, कुछ सकारात्मक और मानवीयता पर भरोसा जगाने वालीं तो कुछ परेशान करने वालीं। कहीं इंसानियत के नए रिश्ते बने तो कहीं कोई अजनबी मसीहा बनकर सामने आ गया। अनेकता में एकता के कई उदाहरण इस दौरान नजर आए। कहीं पुलिस-प्रशासन के डंडे कमजोर-गरीबों पर पड़े तो कहीं वर्दी पर इंसानियत भारी पड़ी। कई जगहों पर आम और खास, सभी लोग खुलकर मदद को आगे आए। विकास खन्ना, सोनू सूद, टाटा जैसे कई नाम हैं, जिनके योगदान को देख कर सर्वशक्तिमान सत्ता के होने पर यकीन होने लगता है। </p><p>पीड़ा के इतने अलग-अलग रंग कोरोना-काल में दिखे कि रंगों से एक इंद्रधनुष बन गया। कई प्रशासनिक अधिकारी भी पद-प्रतिष्ठा से ऊपर उठकर मानवता की सेवा के लिए आगे आए। ऐसी ही अलग-अलग कहानियां बुनी गई हैं इस पुस्तक में। कुछ कहानियां पलकें नम कर देंगी तो कुछ मन में आशा का संचार कर देंगी। सच्चे अनुभवों पर आधारित यह पुस्तक पठनीय है। </p><p>पुस्तक : <b>पलायन पीड़ा प्रेरणा; </b>लेखक : <b>मयंक पाण्डेय; </b>प्र्रकाशक : <b>प्रलेक प्रकाशन मुंबई; </b>मूल्य : 250 रुपये</p> | 0 |
1,608,969 | [
"पिता के बहाने मूल्यों की बात"
] | <p><b>लेखक </b>ललित मोहन रयाल के पिता की यह जीवनी यूं तो एक साधारण शिक्षक की जीवनी है लेकिन यह उन समस्त पिताओं की कहानी है, जो मानवीय मूल्यों को बचाए रखते हैं। पिता के बहाने आजादी पूर्व रियासतों, स्वतंत्र हो रहे भारत, आर्थिक उदारीकरण के बाद के भारत तक बहुस्तरीय सामाजिक बदलावों की पड़ताल है। यह कृति गढ़वाल के एक अनछुए इलाके के दो सौ सालों का सामाजिक दस्तावेज है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका काव्यात्मक गद्य है। पढ़ते हुए कई जगहों पर प्रेमचंद की याद हो आती है। तत्कालीन समाज, शिक्षा-प्रणाली, सामाजिक मूल्यों के बहाने समूचे परिदृश्य को उकेरा गया है। पुस्तक की भाषा बहुत मीठी है और गल्प सहज है।</p><p>मां को केंद्र में रखकर तो लेखन काफी हुआ है। महान रूसी रचनाकार मक्सिम गोर्की ने उपन्यास ‘मां’ लिखा, पर लेखक रयाल ने रचनात्मक जोखिम उठाते हुए अपनी पुस्तक को पिता पर केंद्रित किया, इसके लिए लेखक को साधुवाद!</p><p>पिता के बहाने लेखक ने उस दौर में जीवन मूल्यों के लिए संघर्षरत एक इनसान को प्रतिष्ठित करने की कोशिश की है और यही इस किताब का उत्स भी है। </p><p>पुस्तक: <b>काऽरी तू कब्बि ना हाऽरी; </b>लेखक : <b>ललित मोहन रयाल; </b>प्रकाशन : <b>काव्यांश प्रकाशन ाषिकेश; </b>मूल्य: 195 रुपये</p> | 0 |
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" पं...... "
] | <p><b> पं. राघवेन्द्र शर्मा</b></p><p><b>मेष : </b>मन परेशान होगा। बातचीत में संतुलित रहें। परिवार की समस्याएं परेशान करेंगी। रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है।</p><p><b>सिंह </b>: मानसिक असंतोष रहेगा। आत्मसंयत रहें। किसी राजनेता से भेंट हो सकती है। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। </p><p><b>धनु </b>: आत्मसंयत रहें। क्रोध से बचें। संतान की सेहत का ध्यान रखें। चिकित्सा खर्च बढ़ेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। </p><p>पंचक जारी है। मास शिवरात्रि व्रत। सूर्य उत्तरायण। सूर्य उत्तर गोल। वसंत ातु। प्रात: 9.00 बजे से 10.30 बजे तक राहुकालम्।</p><p><b> 10 अप्रैल, शनिवार</b>, 2021, 20 चैत्र (सौर) शक 1943, 28 चैत्र मास प्रविष्टे 2077, 27 शाबान सन् हिजरी 1442, चैत्र कृष्ण चतुर्दशी रात्रि (सूर्योदय पूर्व) 6.04 बजे तक, उपरांत अमावस्या, पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र सुबह 6.46 बजे तक, उपरांत उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र, ब्रह्म योग मध्याह्न 1.34 बजे तक, पश्चात इंद्र योग, विष्टि (भद्रा) करण शाम 5.16 बजे तक। चंद्रमा मीन राशि में दिन-रात। </p><p><b>पं. वेणीमाधव गोस्वामी</b></p><p><b>कन्या </b>: आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे। नौकरी में परिवर्तन का योग है। तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। </p><p><b>मकर </b>: आत्मविश्वास बढ़ेगा परंतु आलस्य की अधिकता रहेगी। आय में वृद्धि होगी और धन की स्थिति में सुधार होगा। </p><p><b>वृष </b>: मन अशांत रहेगा। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव मन में रहेंगे। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। खर्च में वृद्धि होगी। </p><p><b>तुला : </b>पठन-पाठन में रुचि रहेगी। शैक्षिक व शोधादि कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में दूसरे स्थान पर जाना पड़ सकता है। </p><p><b>कुंभ </b>: आय में वृद्धि होगी, लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। </p><p><b>मिथुन </b>: आत्मविश्वास में कमी आएगी। व्यर्थ के विवादों से बचें। धर्म-कर्म में व्यस्तता हो सकती है। रोजगार के अवसर मिलेंगे। </p><p><b>वृश्चिक </b>: आत्मविश्वास तो भरपूर रहेगा परंतु धैर्यशीलता में कमी रहेगी। किसी मित्र के सहयोग से रोजगार के मौके मिलेंगे। </p><p><b>मीन : </b>मन में अस्थिरता रहेगी। परिवार का साथ मिलेगा। आय बढ़ेगी। भवन के रख-रखाव व साज-सज्जा पर खर्च होगा। </p><p><b>ेकर्क </b>:आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में इच्छा के विरुद्ध अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा। </p> | 0 |
1,608,962 | [
"सुबह 5.58..... "
] | <p>सुबह 5.58 पुण्यश्लोक अहिल्याबाई, 6.22 मेरे साईं श्रद्धा और सबूरी, 6.46 सीआईडी,11.32 द कपिल शर्मा शो (2019), शाम 4.00 इंडियन आइडल 2020 सीजन 12, रात 8.00 सुपर डांसर चैप्टर 4, 9.30 इंडियन आइडल 12</p> | 0 |
1,608,963 | [
"सुबह 6.49 दम लगाके हईशा, 9.16 हेब्बुली, 1154 जुमानजी (वेलकम टू द जंगल-हिन्दी), शाम 5.19 पैसा वसूल, 7.55 सूर्यवंशम, रात 11.21 अर्जुन पटियाला"
] | <p>सुबह 7.00 अमेरिकाज नेशनल पार्क्स, 9.00 इंडियाज मेगा किचन्स, दोपहर 12.30 स्ट्रीट जीनियस, 1.00 वाइल्ड एडन्स, 2.00 डू ऑर डाई, 3.00 साइंस ऑफ स्टुपिड, शाम 5.00 सिचुएशन क्रिटिकल, रात 9.00 स्टारस्ट्रक : मार्स-इनसाइड स्पेस एक्स, 10.00 स्पॉटलाइट: मेकिंग ए डिक्टेटर </p><p>सुबह 8.31 परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरन, 11.01 अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, दोपहर 2.26 बागी, शाम 5.16 पैड मैन</p> | 0 |
1,608,960 | [
"सुबह 6.30 अवेंजर्स-एज ऑफ अल्ट्रॉन, 9.00 यूनिवर्सल सोल्जर, 10.45 द ग्रेट वॉल, दोपहर 12.30 इनक्रेडिबल्स 2, 2.30 वॉन हेल्सिंग, शाम 4.30 द गुड डायनासॉर, 6.00 इनग्लोरियस बास्टर्ड्स, रात 8.45 नाइट एट द म्यूजियम "
] | <p>सुबह 7.30 भीष्म, दोपहर 12.00 डॉन, 3.00 गुड्डू, शाम 6.00 मेला, रात 9.00 जुआरी</p><p>दोपहर 12.00 ये रिश्ता क्या कहलाता है, 12.30 गुम है किसी के प्यार में, 3.00 साथ निभाना साथिया, शाम 6.00 आपकी नजरों ने समझा, 6.30 मेहंदी है रचने वाली, 7.00 शौर्य और अनोखी की कहानी, 7.30 शादी मुबारक, रात 8.30 इमली, 10.00 अनुपमा</p> | 0 |
1,608,961 | [
"खेलने का..... "
] | <p><b>खेलने का तरीका : </b>दिमागी खेल और नम्बरों की पहेली है यह। तर्क से इसे हल कर सकते हैं। ऊपर नौ-नौ खानों के नौ खाने दिए गए हैं। आपको 1 से 9 की संख्याएं इस तरह लिखनी हैं कि खड़ी और पड़ी लाइनों के हरेक खाने में 1 से 9 की सभी संख्याएं आएं। साथ ही 3x3 के हरेक बक्से में भी 1 से 9 तक की संख्याएं हों। पहेली का हल हम कल देंगे। </p> | 0 |
1,608,966 | [
"बाएं से..... "
] | <p><b>बाएं से दाएं </b></p><p>1. धातु पर आघात से झन झन शब्द होना; झंकार होना (4)</p><p>3. उठना; ऊपर निकलना; प्रकट होना; बढ़ना; प्रबल होना; जवानी पर आना (4)</p><p>6. कसक; टीस; रुक रुककर होती पीड़ा (3)</p><p>7. दही मथने पर निकली चिकनाई; कच्चा घी; क्षीरज; नवनीत (3)</p><p>9. बोलना; प्रकट करना; सूचना देना (3)</p><p>10. तारों से बना एक वाद्य (3)</p><p>11. रचनाकार; साहित्यकार (3)</p><p>14. गति; चाल; संवेग (3)</p><p>15. टीस; हल्का दर्द; पुराना बैर; अभिलाषा; अरमान (3)</p><p>16. अन्याय-अत्याचार के विरोध में की गई कामकाज बंदी; प्रदर्शन; चक्का जाम (4)</p><p>17. चकित हो जाना; भ्रमित होना; चक्कर आना; घूमना (4)</p><p><b>ऊपर से नीचे </b></p><p>1. टंटा खड़ा करना; परेशानी मोल लेना; बखेड़ा करना; व्यर्थ झगड़ा करना (3,2,2)</p><p>2. रस लिया जाना; रसिक होने का भाव; ठट्टा; परिहास; हंसी (4)</p><p>4. भयंकर; डरावना; भीषण (4)</p><p>5. अनुबंध; संधि करना; सहमत होना (4,3)</p><p>8. टालमटोल करना; अनसुनी करना; अड़चन पैदा करना (4,3)</p><p>12. कर देने वाला (4)</p><p>13. काम में लगा; क्रिया, जिसका प्रभाव कर्ता के बजाय कर्म पर हो; जो कर्म के साथ हो (4) </p><p><b>हरीश चन्द्र सन्सी (विविधा विधा, दिल्ली</b>) </p><p>(उत्तर अगले अंक में)</p> | 0 |
1,609,053 | [
"सरकारी के मुकाबले निजी बैंकों ने पिछले वर्ष 20 फीसदी के भी कम खाते खोले",
"जन धन खाते में निजी बैंक पिछड़े "
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>शायन घोष</b></p><p>मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेवाई) की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत देश के गरीबों का खाता जीरो बैलेंस पर बैंक, पोस्ट ऑफिस में खोला जाता है। देश में 31 मार्च 2021 तक 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते खुल चुके हैं। लेकिन इसमें निजी बैंक बहुत पीछे हैं। </p><p>वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में सरकारी बैंकों ने तीन करोड़ के करीब जन धन खाते खोले। वहीं निजी बैंकों ने सिर्फ 55 हजार के करीब खाते खोले। इतना ही नहीं पिछले वित्त वर्ष में निजी बैंकों ने करीब 50 हजार खाते कम खोले। सरकारी योजनाओं के लिए बेहद अहम इस खाते में निजी बैंकों की दिलचस्पी बेहद कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि निजी बैंक भले ही इसके लिए कई बहाने बना लें पर सच्चाई यही है कि जन धन खाते का मलाईदार नहीं होना उन्हें घाटे का सौदा लगता है। </p><p><b>जवाब के बदले बहाने बना रहे निजी बैंक</b></p><p>हिन्दुस्तान के सहयोगी प्रकाशन मिंट की ओर से भेजे गए सवाल पर आईसीआईसीआई बैंक को छोड़कर किसी भी बैंक ने या तो जवाब नहीं दिया या फिर बहाना बनाते नजर आए। आईसीआईसीआई ने पूरी स्पष्टता के साथ जन जन खाते का ब्योरा दिया। बैंक ने कहा कि उसने पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख 78 हजार 522 जन धन खाते खोले हैं। बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक जन धन खाता खोलने में निजी बैंकों में सबसे आगे है। हालांकि,यह भी कहा कि ज्यादातर जन धन खाते अस्थाई तौर पर बंद हैं क्योंकि काफी समय से लेनदेन नहीं हुई।</p> | 0 |
1,609,055 | [
"शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रहा"
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>विशेष संवाददाता</b></p><p>वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट में संशोधित अनुमान से पांच प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष पी सी मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 में पर्याप्त रिफंड जारी करने के बावजूद संशोधित अनुमानों से अधिक कर संग्रह किया है। </p><p>वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह 4.57 लाख करोड़ रुपये था, जबकि शुद्ध व्यक्तिगत आयकर 4.71 लाख करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा 16,927 करोड़ रुपये एसटीटी से मिले। </p><p>आम बजट के संशोधित अनुमानों के अनुसार 2020-21 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के रूप में 9.05 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया था। इस तरह कर संग्रह संशोधित अनुमानों से पांच प्रतिशत अधिक रहा, लेकिन 2019-20 में तय किए गए लक्ष्य से 10 प्रतिशत कम रहा। </p><p>मोदी ने कहा कि विभाग ने कागजी कार्रवाई के बोझ को कम करने और बेहतर करदाता सेवाएं मुहैया कराने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसका असर पिछले वित्त वर्ष के कर संग्रह में दिखाई दिया। पिछले वित्त वर्ष में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.06 लाख करोड़ रुपये था। रिफंड के रूप में 2.61 लाख करोड़ रुपये देने के बाद, शुद्ध सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा। रिफंड जारी करने में इससे पिछले साल के मुकाबले 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड के बावजूद प्रत्यक्ष कर संग्रह में तेजी देखने को मिली।</p> | 0 |
1,609,056 | [
"दरों को इस साल स्थिर रख सकता है रिजर्व बैंक "
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>फिच सल्यूशंस का मानना है कि रिजर्व बैंक के एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करने के फैसले से लगता है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान केन्द्रीय बैंक मुख्य नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करेगा। मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं लगती है। </p><p>हालांकि, फिच का कहना है कि हमें शुरुआत में यह लगा था कि फरवरी में केन्द्रीय बजट की घोषणा के बाद से सरकारी बॉंड प्राप्ति में वृद्धि की गति को थामने के लिये नीतिगत दर में एक और कटौती की जा सकती हैं। फिच ने एक नोट में कहा है, बहरहाल जी- सैप की घोषणा के बाद रिजर्व बैंक की तरफ से बॉंड खरीद के लिये स्पष्ट दिशानिर्देश दिये जाने से भी यही प्रभाव होगा। हो सकता है कि यह प्रभाव दर में कटौती जितना नहीं हो पर इससे भी बॉंड प्राप्ति में हो रही बढ़त में कुछ अंकुश लगेगा।</p><p> रिजर्व बैंक ने नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में बैंकों की रेपो दर को चार प्रतिशत पर स्थिर रखा है। साथ ही द्वितीयक बाजार से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के लिये जी- सैप 1.0 कार्यक्रम की घोषणा की है। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि वह अप्रैल- जून के दौरान एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीदारी करेगा।</p> | 0 |
1,609,057 | [
"बिकवाली से सेंसेक्स 155 अंक टूटा"
] | <p><b>मुंबई </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>आईसीआइसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स 155 अंक टूट गया। वैश्विक बाजारों के नकारात्मक रुख से भी यहां धारणा प्रभावित हुई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 154.89 अंक या 0.31 प्रतिशत के नुकसान से 49,591.32 अंक पर आ गया। </p><p>इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 38.95 अंक या 0.26 प्रतिशत टूटकर 14,850 अंक से नीचे 14,834.85 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फाइनेंस का शेयर सबसे अधिक करीब तीन प्रतिशत टूट गया। अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। </p><p>वहीं दूसरी ओर सन फार्मा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टेक महिंद्रा और डॉ. रेड्डीज में लाभ रहा। रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख-रणनीति विनोद मोदी ने कहा, वित्तीय कंपनियों में बिकवाली दबाव के बीच घरेलू शेयर बाजार सीमित दायरे में रहे। एशियाई बाजारों के कमजोर रुख तथा देश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेज उछाल से भी धारणा प्रभावित हुई। मोदी ने कहा, जहां वित्तीय कंपनियों के शेयर दबाव में रहे, वहीं फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुख देखने को मिला। </p> | 0 |
1,609,047 | [
"एक तिहाइ विवाद को सुलझा लिया "
] | <p>सीबीडीटी के अध्यक्ष मोदी ने कहा, हम चाहते हैं कि पूरी प्रणाली अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी हो। मूल विषय जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह है ईमानदार-पारदर्शी कराधान को लागू करना जो मुझे कठिन समय के बावजूद भरोसा देता है कि हम वर्तमान लक्ष्यों को भी पूरा कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि विवाद से विश्वास योजना के तहत अब तक लगभग 54,000 करोड़ रुपये का समाधान किया गया है। इस योजना के तहत भुगतान की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है। उन्होंने कहा, एक-तिहाई विवादों को इस योजना के तहत सुलझा लिया गया है।</p><p><b>बड़े बैंक अहम भूमिका निभाएं</b></p><p><b>नई दिल्ली। </b>पंजाब नेशनल बैंक के कार्यकारी निदेशक स्वरूप कुमार साहा ने कहा है कि बैंकों को अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अहम भूमिका निभानी होगी। साहा ने बैंकरों से अपील करते हुए कहा कि वित्तीय समानता की राष्ट्रीय रणनीति (एनएसएफआई) और वित्तीय साक्षरता की राष्ट्रीय रणनीति (एनएसएफई) पर जोर दें जिससे ‘‘वित्तीय रूप से जागरुक और मजबूत भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।</p> | 0 |
1,609,051 | [
"महिंद्रा का नया वेयरहाउस शुरू "
] | <p><b>जोहानिसबग। </b>महिंद्रा साउथ अफ्रीका ने दक्षिण अफ्रीकी बाजार में भरोसे को दोहराते एक नया वेयरहाउस चालू किया। महिंद्रा साउथ अफ्रीका के सीईओ राजेश गुप्ता ने कहा, महिंद्रा को पिछले तीन साल में दो बार सबसे तेजी से बढ़ते कारोबारी ब्रांड के रूप में पहचान मिली है, क्योंकि हमने रिकॉर्ड संख्या में नए खरीदारों को आकर्षित किया है। गुप्ता ने कहा, हमारी बिक्री में इस बढ़ोतरी और डीलरों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते बड़ा वेयरहाउस जरूरी हो गया था। उन्होंने बताया कि नया वेयरहाउस काफी बड़ा होने के साथ ही नई तकनीक से भी लैस है।</p> | 0 |
1,609,059 | [
"कोरोना बीमा की मांग में भारी इजाफा "
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>एजेंसी </b></p><p>देश में कोविड-19 के मामलों में भयंकर तेजी के साथ ही इससे जुड़े बीमा की मांग में भी जबरदस्त तेजी दर्ज की जा रही है। डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म फोनपे ने पिछले साल लॉन्च किए गए अपने कोरोना वायरस बीमा उत्पाद की स्वीकार्यता से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं जिससे पता चला है कि कोरोना वायरस बीमा की बड़े पैमाने पर स्वीकृति हुई है जिसमें 75 प्रतिशत पॉलिसी की खरीदारी टियर -1 शहरों के बाहर छोटे शहरों के ग्राहकों द्वारा की गई है। </p><p>बिक्री में योगदान देने वाले शीर्ष राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कनार्टक, तेलंगाना और गुजरात शामिल हैं। फोनपे ने फरवरी की तुलना में मार्च 2021 में कोरोना बीमा बिक्री में पांच गुना वृद्धि देखी है (जब मामले राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने लगे थे) । </p><p>ग्राहकों को दिए गए क्लेम के संदर्भ में, शीर्ष राज्यों में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, दिल्ली और कनार्टक शामिल हैं। 3.5 करोड़ रुपए से अधिक के ग्राहकों के क्लेम का पहले ही भुगतान किया जा चुका है। 75 प्रतिशत क्लेम देश के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्राहकों से किए गए थे। </p> | 0 |
1,609,049 | [
"इससे पहले 0.25 फीसदी कटौती का था अनुमान"
] | <p>फिच सल्यूशंस ने कहा, इस स्थिति को देखते हुये हम फिच सल्यूशंस में अपने पिछले पूर्वानुमान को संशोधित करते हुये यह कहते हैं कि रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2021- 22 के दौरान चार प्रतिशत के स्तर पर स्थिर रखेगा। इससे पहले हमने वर्ष के दौरान 0.25 प्रतिशत कटौती का अनुमान व्यक्त किया था। इसके साथ ही फिच सल्यूशंस चालू वित्त वर्ष के दौरान मुद्रासफीति के अपने अनुमान को भी संशोधित कर औसतन पांच प्रतिशत घोषित करती है जो कि इसके पहले के 4.6 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। </p> | 0 |
1,609,058 | [
"मौतों का आंकड़ा 29 लाख के पार"
] | <p><b>वाशिंगटन </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>कोरोना वायरस दुनियाभर में 29 लाख से ज्यादा संक्रमितों की जान ले चुका है। वहीं, 1.34 करोड़ से अधिक लोग इस संक्रमण की जद में आ चुके हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की ओर से जारी ताजा आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।</p><p>आंकड़ों के मुताबिक बीते चौबीस घंटों में दुनिया के 192 देशों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 134038180 पर पहुंच गई है। वहीं, इस अवधि में वायरस के चलते दम तोड़ने वाले लोगों की संख्या 2904554 हो गई है। यूनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका, ब्राजील और भारत तीन ऐसे देश हैं, जहां संक्रमितों की संख्या एक करोड़ के पार है। अमेरिका में सर्वाधिक 31003070 लोग सार्स-कोव-2 वायरस की जद में आए हैं, जबकि 560115 की इसकी मौत हो चुकी है। </p><p>वहीं, ब्राजील में संक्रमितों की संख्या और मौतों का आंकड़ा क्रमश: 13279857 व 345025 पर पहुंच गया है। उधर, भारत में कोरोना वायरस 13060542 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। 167642 भारतीय इस वायरस का शिकार बन चुके हैं।</p><p>यात्रा प्रतिबंधों के बीच ब्रिटेन ने शुक्रवार को यातायात बत्ती प्रणाली शुरू की। इसके तहत देशों को यात्रा के लिए आवश्यक प्रतिबंधों के साथ जोखिम के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक बत्ती प्रणाली देशों को लाल, नीली और हरी श्रेणी में वर्गीकृत करेगी। इससे यह स्पष्ट होगा कि वहां की यात्रा के लिए कौन-सी व्यवस्था, मसलन-जांच, पृथकवास आदि, लागू होगी। </p> | 0 |
1,609,050 | [
"सोने में 97 रुपये की तेजी और चांदी में गिरावट "
] | <p><b>नई दिल्ली। </b>रुपये के मूल्य में गिरावट आने कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 97 रुपये मजबूत होकर 46,257 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46,160 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके विपरीत, चांदी का भाव 275 रुपये की गिरावट के साथ 66,253 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 66,528 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, रुपये की विनिमय दर में गिरावट आने से दिल्ली में 24 कैरेट सोने के हाजिर भाव में 97 रुपये की तेजी आई।</p> | 0 |
1,609,052 | [
"मणिपाल हेल्थ ने बेचा मलेशियाई अस्पताल "
] | <p><b>मुंबई। </b>मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज ने शुक्रवार को कहा वह अपना मलेशियाई कारोबार रामसे सिमे डार्बी हेल्थकेयर को बेचेगा। हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक, मुख्य कार्यकारी दिलीप जोस ने यह जानकारी दी।</p> | 0 |
1,609,048 | [
"मुरादाबाद में नाइट कर्फ्यू के चलते रोडवेज की रात्रि सेवा पर ब्रेक "
] | <p><b>मुरादाबाद </b><b>| </b><b>वरिष्ठ संवाददाता </b></p><p>कोरोना के बढ़ते केस के बीच नाइट कर्फ्यू के ऐलान के चलते रोडवेज की रात्रि सेवा पर ब्रेक सा लग गया है। केवल वहीं बसों को भेजा जा रहा है जहां से शाम तक बसें वापस लौट आए। रोडवेज अफसरों ने कहा कि मुरादाबाद से रात्रि सेवा कम हैं, जो है अब रात्रि कर्फ्यू के चलते बंद हो जाएंगी। </p><p> रोडवेज ने कोविड-19 की गाइड लाइन के हिसाब से बस संचालन को संयमित करना शुरू कर दिया है। वहीं ऐसे जगह से अधिक बसों का संचालन कराया जा रहा है जहां से बसें सुबह रवाना होकर शाम तक वापस लौट आए। रोडवेज की सेवाएं ऐसे माहौल के चलते बरेली, शाहजहांपुर, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर, गाजियाबाद व दिल्ली तक अधिक चलवाई जा रही हैं। आरएम अतुल जैन ने बताया शुक्रवार दोपहर मुरादाबाद में नाइट कर्फ्यू के डीएम ने आदेश कर दिए हैं। ऐसे में अब जब यात्री ही घरों से नहीं निकलेंगे तो रात्रि सेवा का कोई मतलब नहीं। </p> | 0 |
1,609,046 | [
"जेएसडब्ल्यू करेगी स्टार्टअप की मदद"
] | <p><b>नई दिल्ली। </b>जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स ने इंडिया एक्सेलरेटर के साथ भागीदारी की है। इसके जरिये कंपनी खेल क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों को आगे बढ़ने में मदद करेगी। जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स 13 अरब डॉलर के जेएसडब्ल्यू समूह की खेल इकाई है। नयी-पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के व्यापक एकीकरण के बीच खेल-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस भागदारी का मकसद खेल क्षेत्र, खेल आंकड़ों, गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप इकाइयों को परामर्श उपलब्ध कराना और उनके लिए एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र का सृजन करना है। </p> | 0 |
1,609,054 | [
"मुंबई में टीके की कमी, कई केंद्रों पर टीकाकरण रुका "
] | <p><b>मुंबई </b><b>| </b><b>एजेंसी </b></p><p>मुंबई में टीके की किल्लत के चलते बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) स्थित कोविड-19 देखभाल केंद्र सहित कई केंद्रों पर टीकाकरण शुक्रवार सुबह रुक गया। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि अन्य केंद्रों पर भी टीके की उपलब्धता घट गई है। </p><p>ऐसे में दोपहर या शाम तक वहां भी टीकाकरण अभियान ठप पड़ सकता है। बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमरे ने बताया कि बीकेसी स्थित कोविड केंद्र में टीके की 200 से कम खुराकें बची थीं, जिनका इस्तेमाल सुबह ही हो गया। इसके बाद वहां टीकाकरण अभियान रोकना पड़ा। </p><p>मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने गुरुवार को ही कहा था कि शहर में कोविड-19 टीकों का स्टॉक खत्म होने को है। ऐसे में शुक्रवार को टीकाकरण अभियान रोकना पड़ सकता है। उन्होंने टीके की त्वरित आपूर्ति की मांग भी की थी। बीएमसी सूत्रों के मुताबिक मुंबई में टीके की अनुपलब्धता के चलते शुक्रवार सुबह तक 120 में से 75 निजी अस्पतालों में टीकाकरण अभियान रुक गया था। गुरुवार को टीके की कमी से 25 निजी अस्पतालों में लाभार्थियों को इसकी खुराक नहीं दी जा सकी थी। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम तक मुंबई को 1.80 लाख खुराकें मिलने की उम्मीद है। मुंबई में गिरफ्तार युवक के पास से कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर की 12 शीशियां बरामद हुई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।</p> | 0 |
1,608,976 | [
"पसीने को यूं दें मात"
] | <p>ब गर्मी है तो पसीना आएगा ही। कुछ लोगों के लिए ये सामान्य बात हो सकती है, मगर हर किसी के लिए नहीं। यह मौसम उन लोगों के लिए खास परेशानी का सबब बन जाता है, जिन्हें जरूरत से ज्यादा पसीना आता है। ऐसे में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मसलन, मनमाफिक कपड़े पहनने से गुरेज, पसीने की दुर्गंध, त्वचा में जलन, खुजली आदि। </p><p>इस पर एमडी डॉ. नेहा यादव कहती हैं,‘कुछ हद तक पसीना आना शरीर के लिए ठीक ही है, क्योंकि यह शरीर के तापमान को कम करके उसे हानि पहुंचने से बचाता है। लेकिन पसीना हद से ज्यादा आने लगे, तो यह एक चिकित्सकीय परिस्थिति होती है, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। अगर आपको भी यह समस्या है तो कुछ मामूली उपाय आपको राहत पहुंचा सकते हैं।’ </p><p><b>ज्यादा पसीना आने की यह है वजह</b></p><p>डॉ. नेहा कहती हैं, ‘हाइपरहाइड्रोसिस आनुवंशिक समस्या हो सकती है। इसके अलावा इसके कुछ चिकित्सकीय कारण भी होते हैं। अगर आपको कम पसीना आता रहा हो और अचानक से ज्यादा पसीना आने लगे, तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। ऐसे में आपको हृदय संबंधी समस्या, हाइपरटेंशन या मधुमेह की शिकायत हो सकती है। अचानक ज्यादा पसीना आने पर बिना देर किए चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है। </p><p>कई बार यह समस्या तब होती है, जब आप हॉर्मोनल बदलाव, थाइरॉएड, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हृदय रोग जैसी समस्याओं की जद में हों। महिलाएं कुछ अन्य परिस्थितियों जैसे गर्भावस्था, मेनोपॉज आदि में भी ज्यादा पसीने की समस्या का सामना कर सकती हैं। स्थिति जो भी हो, अगर पसीना ज्यादा आता है, तो चिकित्सकीय परामर्श आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए आप किसी भी फिजिशियन या फिर डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह ले सकती हैं।’</p><p><b>खानपान भी डालता है असर</b></p><p>हमारी भोजन की आदत भी हमारे जीवन पर प्रभाव डालती है। यानी अस्वास्थ्यकर भोजन खासतौर पर तला-भुना खाना अधिक पसीने का कारण बन सकता है। नॉनवेज अधिक खाने वाले लोगों को भी ज्यादा पसीना आने की समस्या होती है। गर्म तासीर का भोजन, ज्यादा मीठा या मसालेदार खाना भी पसीना ज्यादा आने का कारण बन सकता है। ऐसे में शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखना जरूरी है। इस तरह के मौसम में पर्याप्त पानी पीना बहुत आवश्यक है, इसी से आप डिहाइड्रेशन की समस्या से बच सकती हैं। </p><p><b>बालों से आता है अधिक पसीना</b></p><p>शरीर में पसीना वहां भी अधिक आता है, जहां बाल ज्यादा होते हैं। ऐसा इसलिए कि त्वचा में बालों वाले हिस्से में नमी अधिक होती है। जाहिर है, जहां नमी अधिक होगी, वहां से पसीना भी अधिक आएगा।</p><p><b>पसीना न करे शर्मिंदा</b></p><p>अधिक पसीने के कारण कई दफा आपको असहज महसूस होता होगा। खासतौर पर जब पसीना कपड़ों के ऊपर दिखने लगे या उससे दुर्गंध आने लगे तो समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में आप कुछ उपाय करके कुछ समय के लिए समस्या से निजात पा सकती हैं- </p><p><b>वैक्सिंग नियमित करें: </b>शेव या वैक्सिंग से पसीने को रोका नहीं जा सकता लेकिन लेकिन पसीना अधिक आने पर बाल देर तक भीगे रहते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा रहता है। वैक्सिंग से नमी कम होगी तो पसीना जल्दी सूखेगा और कपड़ों पर दाग नहीं दिखेगा। </p><p><b>स्वेट पैड का करें इस्तेमाल: </b>अगर आपको बांहों के नीचे यानी अंडरआर्म्स में पसीना अधिक आता है, तो आप स्वेट पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं। बाजार में ये आसानी से मिल जाते हैं। इनको कपड़े में चिपका लीजिए। ये पसीने को सोख लेंगे। स्वेट पैड न हो, तो आप सैनेटरी पैड को बीच से काटकर दोनों बाजुओं पर चिपका सकती हैं।</p><p><b>बर्फ की सिंकाई आएगी काम: </b>कुछ बरस पहले तक मेकअप टिके रहने के लिए गर्मियों में मेकअप लगाने से पूर्व चेहरे की बर्फ से सिंकाई कर ली जाती थी। यही नुस्खा अपनाकर आप कुछ देर के लिए पसीने से बच सकती हैं। यानी आपको जिस स्थान पर पसीना अधिक आता है, वहां बर्फ से सिंकाई कर लें। इससेे कुछ देर के लिए रोमछिद्र सिकुड़ जाते हैं और पसीना कम आता है।</p><p><b>टेलकम पाउडर भी है काम का : </b>आप पसीने वाले स्थान पर टेलकम पाउडर से केकिंग कर सकती हैं। पाउडर न हो, तो आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकती हैं। ऐसा करने से कुछ देर तक के लिए आपको पसीने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। मिंट युक्त पाउडर इस काम में आपकी अधिक मदद कर सकता है। </p><p>इसी तरह आप पसीने वाले स्थान पर नीबू का रस भी लगा सकती हैं। ऐसा करने से न सिर्फ पसीने से बच सकेंगी, बल्कि दुर्गंध से भी बचाव हो सकेगा। इसके अतिरिक्त आप रोलऑन वाले डियोडरेंट का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, जिससे पसीने के स्थान पर कोटिंग हो जाती है और दुर्गंध नहीं आती।</p> | 0 |
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" ऑफिस >>"
] | <p><b>गुस्से का गुबार न बने बवाल</b></p><p><b>हमारी </b>जिंदगी में हमारा कार्यक्षेत्र बहुत अहम होता है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि औसतन एक पेशेवर अपनी जिंदगी के नब्बे हजार घंटे या यूं कहें कि अपनी जिंदगी का चौथाई भाग अपने कार्यक्षेत्र में बिता देता है। लिहाजा, वहां का माहौल, लोग आपकी कार्यक्षमता, यहां तक कि निजी जिंदगी तक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित कर जाते हैं। ऐसे में अगर आपका सामना एक गुस्सैल सहकर्मी से हो जाता है, तो यकीनन वहां काम करना मुश्किल हो सकता है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए आपको तैयारी करनी होगी, ताकि न सिर्फ आपकी पेशेवर, बल्कि व्यक्तिगत जिंदगी सहज बनी रह सके।</p><p><b>दिल पर न लें बातें</b></p><p>कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मी की नाक पर गुस्सा रहता है? क्या उसका गुस्सा आपकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है? जवाब ‘हां’ में है तो उसमें पूरी तरह से गलती आपके सहकर्मी की हो, जरूरी नहीं। मनोचिकित्सक डॉ. उन्नति कुमार कहते हैं, ‘कार्यक्षेत्र में आपको यह ध्यान रखना होता है कि आपको अपने सहकर्मी की किसी भी बात को व्यक्तिगत नहीं लेना है। कार्यक्षेत्र में आपके रिश्ते व्यक्तिगत न होकर पेशेवर होते हैं। लिहाजा, उसकी बातों को दिल पर लेकर खुद को प्रभावित होने देना आपकी पेशेवर क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगा देगा। बेहतर होगा कि आप व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्ते में फर्क करना सीख लें।’</p><p><b>शांत होने पर करें चर्चा</b></p><p>डॉ. कुमार कहते हैं,‘ गुस्से में अकसर लोग ऐसा कुछ बोल जाते हैं, जो सुनने में गलत लगता है। पर आमतौर पर देखा जाता है कि ऐसी मनोदशा में या गुस्सैल प्रवृत्ति के शख्स की बातें पूरी तरह से गलत नहीं होती, बल्कि वह सही दिशा में और सही तथ्यों पर बात कर रहा होता है। हालांकि उसका लहजा गलत होता है। लिहाजा, बेहतर होगा कि आप उसकी बात को बिंदुवार याद रखें और उसका गुस्सा शांत होने के बाद उन तमाम बिंदुओं पर चर्चा करें। ऐसा करके आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकती हैं।</p><p><b>गुस्से का जवाब नहीं है गुस्सा</b></p><p>कई बार जब सामने वाला गुस्से में बात कर रहा होता है, तो हम भी उसकी तर्ज पर अपना आपा खो देते हैं, और गुस्से का जवाब गुस्से में देते हैं। पर यहां हमें इस बात का खयाल रखना होगा कि गुस्से का जवाब गुस्सा नहीं होता, बल्कि आपका यह व्यवहार या प्रतिक्रिया पूरी परिस्थिति को और भी खराब कर देगी। ऐसे स्थिति में जब एक शख्स गुस्से में हो, तो बेहतर होगा कि आप शांत रहकर माहौल को गंभीर होने से बचाएं। </p> | 0 |
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"इंटीरियर >>"
] | <p><b>आपकी शान</b></p><p><b>आपकी रसोई</b></p><p><b>घर की रसोई को दोबारा बनवा रही हैं या नए घर में रसोई का वुडवर्क करा रही हैं, तो किन बातों का रखें खास ख्याल, बता रही हैं पारुल </b></p><p>र में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है रसोई। रसोई को अगर घर की धुरी कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। हाउसवाइफ हो या कामकाजी महिला, घर के जिस हिस्से में उसका सबसे ज्यादा समय बीतता है, वह रसोई ही होती है। कुल मिलाकर घर के इस सबसे जरूरी हिस्से यानी रसोई के महत्व से कोई इनकार नहीं कर सकता। अब अगर रसोई इतनी ही महत्वपूर्ण है, तो जाहिर है उसकी बनावट और डिजाइनिंग भी परफेक्ट होनी चाहिए! आइए जानें कैसे: </p><p><b>सोच रही हैं मरम्मत करवाना तो</b></p><p>पहले के समय की रसोई आपको जरूर याद होंगी या फिर शायद आज भी आपके घर में वैसी ही रसोई हो। टी-शेप में स्लैब, खुली-खुली अलमारी, स्लैब पर ही रखी इलेक्ट्रॉनिक मशीनें और अंदर के धुएं को बाहर निकालने के लिए एग्जॉस्ट फैन। लेकिन अब रसोई मॉड्यूलर या सेमी-मॉड्यूलर होती हैं। आप चाहे नया घर लें या रीसेल का, उसकी रसोई का मॉड्यूलर होना आज बहुत जरूरी हो गया है। अगर आप भी रसोई को दोबारा बनवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो कुछ चीजों का खास ध्यान आपको भी रखना चाहिए। रेनोवेशन दो तरह का होता है- पहला, मौजूदा किचन में ही थोड़ा-बहुत बदलाव करके उसे सेमी-मॉड्यूलर बनाना और दूसरा मौजूदा किचन को पूरी तरह खत्म करके एकदम नया बनाना। अगर आप चाहती हैं कि आपका किचन पूरी तरह मॉड्यूलर हो और उसमें काम करने की सभी सुविधाएं हों तो दूसरा विकल्प ही चुनें।</p><p><b>क्या होने चाहिए शुरुआती काम</b></p><p>रसोई को मॉड्यूलर बनाने के लिए जरूरी है सबसे पहले उसमें तीन तरह के काम करवाना। पहली तरह के काम में जरूरी तोड़-फोड़ करने के बाद स्लैब का माप बदलने जैसे काम आते हैं। फिर प्लंबिंग पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें अगर जरूरत है तो पानी के पाइप वगैरह बदलने, पानी की टंकी बदलना, आरओ के लिए लाइन लगवाना आदि काम आते हैं। ये दोनों काम होने के बाद तीसरा काम होता है बिजली का। पुरानी रसोई में बिजली का एक ही प्वॉइंट होता था, लेकिन अब कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल बढ़ने के कारण एक से ज्यादा बिजली के प्वॉइंट की जरूरत होती है। </p><p><b>त्रिकोण देगा पूरी सुविधा</b></p><p>रसोई में काम के तीन सबसे महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। गैस, सिंक और फ्रिज। आपकी रसोई का आधे से ज्यादा काम इन्हीं तीन चीजों से होता है। इसलिए रसोई की डिजाइनिंग में सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है त्रिकोण पर। यानी इन तीनों को इस तरह रखा जाए कि त्रिकोण बने। इससे आपको काम करने में बहुत आसानी होगी। ये त्रिकोण बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि पैरों की तरफ पूरी खाली जगह मिले, ताकि चलने-फिरने में आसानी हो। इस त्रिकोण के बीच में किसी तरह की अलमारी या कैबिनेट न बनाएं। </p><p><b>कैबिनेट के डिजाइन का ध्यान</b></p><p>अब बारी आती है कैबिनेट्स की। मॉड्यूलर किचन के लिए कैबिनेट्स बने-बनाए भी बाजार में मिलते हैं। कैबिनेट्स की खूबसूरती पर ही न जाएं। इस बात का ध्यान रखें कि आपके पास रसोई का कितना और कैसा सामान है। जैसे बड़े बर्तन कितने हैं, उनके लिए एक कैबिनेट चाहिए होगा या एक से ज्यादा। दाल, मसालों के डिब्बे रखने के लिए कितने कैबिनेट्स, क्रॉकरी, चम्मच और दूसरे सामान रखने के लिए कितने और किस तरह के कैबिनेट्स ठीक रहेंगे। पूरी प्लानिंग करके ही कैबिनेट्स का चुनाव करें। </p><p><b>थोड़ी खाली जगह भी जरूरी</b></p><p>रसोई में जितनी ज्यादा जगह हो, उतना अच्छा और यही सोचकर हम पूरी रसोई को कैबिनेट्स और अलमारी से भर देना चाहते हैं। लेकिन रसोई में चारों तरफ बंद अलमारियां ही होंगी, तो रसोई छोटी लगेगी। इसलिए जरूरी है कि रसोई में कुछ ओपन कैबिनेट्स बनवाएं। बिना दरवाजे के इन खुली जगह का इस्तेमाल ऐसा सामान रखने के लिए कर सकते हैं, जिसकी जरूरत आपको दिन में कई बार पड़ती हो। आप चाहें तो इस खुली जगह का इस्तेमाल सजावट के सामान रखने के लिए भी कर सकती हैं। </p><p>(आर्किटेक्ट आशीम भट्टाचार्य से बातचीत </p><p>पर आधारित)</p> | 0 |
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"ऑफिस में अगर आपका सामना किसी गुस्सैल सहकर्मी से हो, तो कैसे करें उनका सामना, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी"
] | <p><b>उसे कराएं एहसास</b></p><p>अकसर गुस्सा करने वाले शख्स को गुस्सा शांत होने के बाद अपनी गलती का एहसास होता है। डॉ. कुमार कहते हैं कि गुस्से में कुछ भी बोल देने के बाद लोगों को अपनी गलती का एहसास होता है। कुछ उसका इजहार गुस्सा शांत होने पर करते हैं, तो कुछ उसे व्यक्त नहीं कर पाते। जब वे गुस्से में हों, तब उन्हें एहसास कराइए कि वे जो कुछ भी कह या कर रहे हैं, उसका पछतावा उन्हें बाद में होगा। आपके ऐसा करने से उनके गुस्से का स्तर थोड़ा कम हो सकता है।</p><p><b>सुधारें नहीं, दूरी बना लें</b></p><p>ऐसा सहकर्मी आपके ही साथ नहीं बल्कि अन्य लोगों के साथ भी गुस्से से पेश आता है। उसको ऐसा लगता है कि वह सही है और लोग उसे गलत समझ लेते हैं। आपको यह भी समझना होगा कि आप उसे सुधार नहीं पाएंगे। उसे समझने का प्रयास करें। आपको खयाल रखना होगा कि उसकी हां में हां भी नहीं मिलानी है। अगर आप उसको नहीं समझ पा रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप उससे एक निश्चित दूरी बना लें।</p><p><b>है इलाज की दरकार </b></p><p>जब गुस्से के चलते सामाजिक और व्यावसायिक नुकसान होना शुरू हो जाए, तो चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत होती है। यदि गुस्से की आदत के कारण किसी से लोग दूर रहने लगें, उससे बात करना पसंद न करें, उसे व्यावसायिक नुकसान होने लगे, सहकर्मी नौकरी छोड़कर जाने लगें या फिर उसके क्लाइंट कम होने लगें, तो समझ लें कि उसे विशेषज्ञ के परामर्श की आवश्यकता है।</p> | 0 |
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"स्वादिष्ट हरी मूंग"
] | <p><b>सामग्री</b></p><p>● हरा मूंग- 1/2 कप, ● जीरा-1 चम्मच, ● करी पत्ता-10, </p><p>● कद्दूकस किया अदरक- 1 छोटा चम्मच, ● बारीक कटी मिर्च-1 चम्मच, ● हल्दी पाउडर- 1/2 चम्मच, ● नीबू का रस- 1 चम्मच, ● बारीक कटी धनिया पत्ती-2 चम्मच, ● तेल- 1 चम्मच, ● नमक-स्वादानुसार</p> | 0 |
1,608,970 | [
"सामग्री"
] | <p>● साबुत मूंग दाल-1/2 कप, ● बेसन-2 चम्मच, ● दही-4 चम्मच, ● हल्दी पाउडर-1/4 चम्मच, ● हींग-1/4 चम्मच, ● सरसों-1/2 चम्मच, ● जीरा- 1/2 चम्मच, ● करी पत्ता-10, ● बारीक कटा अदरक-1 चम्मच, ● कटी मिर्च- 2, ● तेल- 1 चम्मच, ● बारीक कटी धनिया पत्ती-2 चम्मच, ● नमक-स्वादानुसार</p> | 0 |
1,608,975 | [
"विधि"
] | <p>साबुत मूंग को रात भर के लिए पानी में भिगोएं। अब मूंग, 1 1/4 कप पानी और नमक कुकर में डालें। तीन सीटी आने तक पकाएं। गैस ऑफ करें और कुकर का प्रेशर अपने आप निकलने दें। कड़ाही में तेल गर्म करें। उसमें जीरा डालें और दस सेकंड बाद हरी मिर्च, करी पत्ता, अदरक और हल्दी पाउडर डालें। अच्छी तरह से सबको मिलाएं और तीस सेकंड तक पकने दें। अब इसमें उबली हुई मूंग डालकर मिलाएं। पैन को ढक कर मूंग को धीमी आंच पर पांच से दस मिनट तक पकने दें। आखिर में नीबू का रस और धनिया पत्ती से गार्निश करके इसे सर्व करें।</p> | 0 |
1,608,974 | [
"विधि"
] | <p>मूंग दाल को रात भर के लिए पानी में भिगोएं और सुबह दो कप पानी के साथ कुकर में डालकर तीन सीटी आने तक पकाएं। एक बड़े बर्तन में दही, बेसन, हल्दी, हींग, नमक और एक कप पानी डालकर अच्छी तरह से फेंट लें। ध्यान रहे, मिश्रण में कोई गांठ न हो। पैन में तेल गर्म करें और उसमें सरसों, जीरा और करी पत्ता डालें। जब जीरा भुन जाए, तो पैन में मिर्च और अदरक डालें। कुछ सेकंड बाद दही वाले घोल और मूंग दाल को पैन में डालकर मिलाएं। जब मिश्रण में उबाल आने लगे, तो आंच धीमी करें और लगभग पांच मिनट तक सभी सामग्री को पकाएं। गैस ऑफ करें। धनिया पत्ती से गार्निश कर रोटी के साथ गर्मा-गर्म सर्व करें।</p> | 0 |
1,608,972 | [
"मन्नू मैडम बता रही हैं"
] | <p>● मूंग दाल और हरी मूंग के सेवन से ऐसे हार्मोन्स सक्रिय होते हैं, जो पेट भरने का एहसास कराते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम करने में भी फायदेमंद है। </p><p>● मूंग पोटैशियम और आयरन से भरपूर होती है। मूंग दाल से रक्तसंचार संतुलित रहता है और मांसपेशियां भी स्वस्थ रहती हैं। </p><p>● क्या आप जानते हैं कि हरी मूंग लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए विशेषज्ञ लो ग्लाइसेमिक फूड्स खाने की सलाह देते हैं। मूंग खाने से शरीर में इंसुलिन व ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहता है और चर्बी कम होती है।</p><p>● मूंग का सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। मूंग दाल में काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है। आयरन शरीर में ब्लड सेल्स को बनाने में फायदेमंद माना जाता है। नियमित रूप से हरी मूंग का सेवन करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। </p><p>● साबुत मूंग को अंकुरित करके नियमित रूप से खाना लाभदायक होता है। इससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है।</p> | 0 |
1,612,622 | [
"आईपीएल का रोमांचक आगाज, हर्षल पटेल ने मुंबई के पांच विकेट झटके, डीविलियर्स ने आखिर में तेज पारी खेल जिताया",
"हर्षल और एबी के वार से चैंपियन मुंबई चित"
] | <p><b>चेन्नई। </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>आईपीएल के आगाज मैच में युवा गेंदबाज हर्षल पटेल का जलवा रहा। वह हैट्रिक से चूक गए, लेकिन उनके पांच विकेट के दम पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने शुक्रवार को शानदार वापसी कर मुंबई इंडियंस को नौ विकेट पर 159 रन पर रोक दिया। इसके बाद आखिरी गेंद तक चले रोमांचक मुकाबले में आरसीबी ने आठ विकेट पर 160 रन बनाकर जीत दर्ज की। एबी डीविलियर्स ने मुश्किल समय में 27 गेंद पर 48 रन की दमदार पारी खेलकर टीम को संकट से निकाला। </p><p><b>विराट ने पारी शुरू की : </b>उनसे पहले पारी की शुरुआत करते हुए विराट ने 29 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 33 रन बनाए। इस सीजन में आरसीबी में आए ग्लेन मैक्सवेल ने भी हाथ दिखाए और 28 गेंदों पर 39 रन ठोके। इनके अलावा कोई बल्लेबाज नहीं चल सका। </p><p><b>मुंबई की सधी शुरुआत : </b>इससे पहले विराट ने टॉस जीतकर मुंबई को बल्लेबाजी के लिए भेजा। सलामी बल्लेबाज क्रिस लिन (35 गेंदों पर 49 रन) और सूर्यकुमार यादव (23 गेंदों पर 31 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 70 रन जोड़कर मुंबई को बड़े स्कोर की तरफ अग्रसर किया। </p><p>कप्तान रोहित शर्मा (15 गेंदों पर 19) ने चौथे ओवर में गेंद संभालने वाले युज्वेंद्रा चाहल (चार ओवर में 41 रन) पर छक्का लगाया लेकिन इसके तुरंत बाद लिन के साथ असमंजस में रहने के कारण वह रन आउट हो गए।</p><p><b>सूर्यकुमार-लिन ने संभाला : </b>अब लिन पर जिम्मेदारी थी और उन्होंने सूर्यकुमार के साथ पारी संवारने का बीड़ा उठाया। चहल और शाहबाज अहमद पर छक्के जड़कर उन्होंने स्पिन आक्रमण को कुंद करने का प्रयास किया। सूर्यकुमार का काइल की गेंद पर लगाया गया छक्का दर्शनीय था लेकिन गेंदबाज ने तुरंत ही उन्हें विकेटकीपर डिविलियर्स के हाथों कैच करा दिया।</p><p><b>हार्दिक नहीं चले : </b>अमूमन पावरप्ले में गेंदबाजी करने वाले वाशिंगटन सुंदर ने 13वें ओवर में गेंद संभाली और अपने पहले ओवर में लिन का हवा में लहराता कैच लेकर उन्हें अर्धशतक पूरा करने से रोका। हार्दिक (10 गेंदों पर 13) कुछ कमाल नहीं कर पाए। </p><p>एबी डिविलियर्स ने आरसीबी को संकट से उबारा। टीम को अंतिम 30 गेंदों पर 54 रन चाहिए थे। डिविलियर्स ने राहुल चाहर पर चौका और छक्का लगाकर रनों के अंतर को कम किया। इसके बाद उन्होंने बोल्ट पर छक्का और चौका लगाया। इस ओवर में 15 रन बने। उन्होंने बुमराह पर भी दो चौके लगाए। आखिरी ओवर में सात रन बचे थे। पर एबी के रन आउट होने से मैच रोमांचक हो गया। हर्षल आखिरी गेंद पर विजयी रन लेने में सफल रहे। </p> | 0 |
1,612,624 | [
"धवन, अश्विन जैसे सीनियर से मदद लूंगा : ाषभ पंत"
] | <p>दिल्ली कैपिटल्स की टीम में अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी ाषभ पंत जैसे युवा कप्तान के लिए फायदे का सौदा है। पंत ने कहा कि मैं क्षेत्ररक्षण सजाने और टीम से जुड़े रणनीतिक निर्णयों को लेकर शिखर धवन, रविचंद्रन अश्विन और अजिंक्य रहाणे जैसे सीनियर से मदद लूंगा।</p><p><b>16</b></p><p><b> हल्द्वानी </b>● <b>शनिवार </b>● <b>10 अप्रैल 2021 </b>●</p> | 0 |
1,612,626 | [
"गुरु धौनी से सीखे गुर आज उन पर ही आजमाएंगे ाषभ "
] | <p><b>मुंबई। </b>ाषभ पंत की कप्तानी वाली दिल्ली कैपिटल्स और महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स की टीम शनिवार को आईपीएल मुकाबले में आमने-सामने होंगी। यह मुकाबला एक युवा शार्गिद व उसके उस्ताद के बीच होगा। </p><p><b>पिछली उपविजेता दिल्ली: </b>दिल्ली यूएई में खेले गए पिछले सत्र में उपविजेता रही थी। इस बार खिताब जीतने के सपने को पूरा करने के लिए उसका लक्ष्य जीत के साथ शुरुआत करने का होगा। चोटिल श्रेयस अय्यर की गैरमौजूदगी में कप्तानी कर रहे पंत ने हाल ही में कहा था कि वह पहले मैच में धौनी से अब तक मिली सारी सीख का इस्तेमाल करेंगे। </p><p><b>धाकड़ बल्लेबाजी : </b>618 रन बनाने वाले धवन पिछले आईपीएल में सर्वाधिक रन बनाने में दूसरे रहे थे। दिल्ली के पास शिखर धवन, पृथ्वी साव, अजिंक्य रहाणे, स्टीव स्मिथ और पंत जैसे बल्लेबाज हैं। पृथ्वी ने विजय हजारे ट्रॉफी में 827 रन बनाए। संभावना है कि वह धवन के साथ पारी का आगाज करेंगे। </p><p><b>इशांत, उमेश के हाथों कमान: </b>गेंदबाजी में उनके पास इशांत शर्मा , कैगिसो रबाडा, उमेश यादव, क्रिस वोक्स और एनरिच नोर्किया हैं। स्पिन दारोमदार आर अश्विन और अमित मिश्रा पर होगा चूंकि अक्षर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। </p><p><b>चेन्नई के लिए सबसे बुरा रहा बीता सत्र: </b>तीन बार की चैंपियन पिछले साल आठ टीम में सातवें स्थान पर रही थी। उस खराब प्रदर्शन को भुलाने के लिए आईपीएल की यह धुरंधर टीम एक बार फिर जीत के साथ आगाज करना चाहेगी। वहीं, टीम में अनुभवी सुरेश रैना की वापसी हुई है जो आईपीएल में 5368 रन बना चुके हैं। शीर्षक्रम में रूतुराज गायकवाड़, फाफ डु प्लेसी और अंबाती रायडू भी हैं।</p> | 0 |
1,612,613 | [
"स्कोर बोर्ड"
] | <p><b>स्कोर बोर्ड</b></p><p><b>मुंबई </b><b>(20 ओवर में ) 9/159 रन</b></p><p><b>बल्लेबाजरनगेंद4</b><b>/</b><b>6 </b></p><p>रोहित रन आउट कोहली19151/1</p><p>लिन क. व ब. सुंदर49354/3</p><p>सूर्यकुमार क. एबी ब. काइल31234/1</p><p>किशन पगबाधा पटेल28192/1</p><p>हार्दिक पगबाधा पटेल13102/0</p><p>्रपोलार्ड क. सुंदर ब. पटेल07091/0</p><p>क्रुणाल क. डेन ब. पटेल07071/0</p><p>मार्को ब. पटेल00020/0</p><p>राहुल रनआउट कोहली00000/0</p><p>बुमराह नाबाद01020/0</p><p><b>अतिरिक्त</b>: 04, </p><p><b>विकेट पतन : </b>1-24, 2-94, 3-105, 4-135, 5-145, 6-158, 7-158, 8-158, 9-159</p><p><b>गेंदबाजी : </b></p><p>मोहम्मद सिराज4-0-22-0</p><p>काइल जैमिसन4-0-27-1</p><p>युज्वेंद्र चाहल4-0-41-0</p><p>शहबाज अहमद1-0-14-0</p><p>हर्षल पटेल4-0-27-5</p><p>डेन क्रिस्टियन2-0-21-0</p><p>वाशिंग्टन सुंदर1-0-07-1</p><p><b>आरसीबी</b><b>(20 ओवर में ) 8/160 रन</b></p><p><b>बल्लेबाजरनगेंद4</b><b>/</b><b>6 </b></p><p>सुंदर क. लिन ब. क्रृणाल10161/1</p><p>कोहली पगबाधा बुमराह33296/1</p><p>्नरजत ब. टेंट08081/0</p><p>मैक्सवेल क.लिन ब. मार्को 39283/2</p><p>डिविलियर्स रनआउट क्रुणाल 48 274/2</p><p>शहबाज क. क्रुणाल ब. मार्को 01 020/0</p><p>डेन क. चाहर ब. बुमराह01030/0</p><p>काइल रनआउट बुमराह04040/0</p><p>काइल रनआउट बुमराह04040/0</p><p>हर्षल नॉट आउट04030/0</p><p>सिराज नॉट आउट00010/0</p><p><b>अतिरिक्त</b>: 12</p><p><b>विकेट पतन : </b>1-36, 2-46, 3-98, 4-103, 5-106, 6-122, 7-152,8-158,</p><p><b>गेंदबाजी :</b></p><p>टेंट बोल्ट4-0-36-1</p><p>जसप्रीत बुमराह4-0-26-2</p><p>मार्को जेनसेन4-0-28-2</p><p>क्रुणाल पांडॺा4-0-25-1</p><p>राहुल चाहर4-0-43-’0</p> | 0 |
1,612,629 | [
"ग्रीको रोमन पहलवान क्वालीफिकेशन से चूके"
] | <p><b>अलमाटी </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>देश के शीर्ष ग्रीको पहलवान सुनील कुमार से काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, वह शुक्रवार को एशियाई क्वालीफायर के सेमीफाइनल में हारकर अन्य चार भारतीयों के साथ टोक्यो ओलंपिक के लिए टिकट हासिल नहीं कर पाए।</p><p>इस प्रतियोगिता में केवल फाइनल में पहुंचने वाले पहलवान को ही टोक्यो का कोटा मिलता और पांचों भारतीय अंतिम चार चरण में हारकर टूर्नामेंट के शुरुआती दिन ही यह मौका चूक गए। एशियाई चैंपियन सुनील ने 87 किग्रा वजन वर्ग में सेमीफाइनल में स्थानीय खिलाड़ी नूरसुल्तान तुर्सनोव से 5-9 से हार गए। भारत का कोई भी ग्रीको रोमन पहलवान ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका है, लेकिन तीन फ्रीस्टाइल पहलवान (पुरुष) बजरंग पूनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा) और दीपक पूनिया (86 किग्रा) कट हासिल कर चुके हैं। </p><p>विनेश फोगाट एकमात्र महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। ज्ञानेंद्र (60 किग्रा), आशू (67 किग्रा), गुरप्रीत सिंह (77 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा) सेमीफाइनल हार गए, अब ये कांस्य के लिए भिड़ेंगे। </p> | 0 |
1,612,614 | [
"झटका: कोरोना की मार से साई केंद्रों में तीन सप्ताह की छुट्टी"
] | <p>सौ खिलाड़ी ट्रेनिंग करते साई केंद्रों में</p><p>केंद्र हैं साई के देश में </p> | 0 |
1,612,627 | [
"आमिर और फरयाल का शोलोगों को रास नहीं आ रहा"
] | <p>पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश पेशेवर मुक्केबाज आमिर खान और उनकी पत्नी फरयाल मकदूम दूसरों खेल सितारों की देखादेखी अब खुद का रियलिटी शो लेकर आए हैं। पर बीबीसी पर मीट द खान्स नाम से प्रसारित होने वाले शो को तारीफें कम आलोचना ज्यादा मिल रही हैं। आलोचक तो दूर प्रशंसकों को भी उनका बनावटी अंदाज और दिखावा पसंद नहीं आ रहा। सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी नकारात्मक कमेंट्स देखने को मिल रहे हैं। ब्रिटेन के प्रमुख प्रकाशक द सन ने इनका हवाला देते हुए शो की समीक्षा की। इसमें कहा गया कि शो से कुछ उम्मीदें हो सकती थीं पर यह बेहद खराब साबित हो रहा है। इसे देखना बोझिल है। इसमें सिर्फ आमिर और उनकी पत्नी अपने पास पैसे होने का दिखावा और लग्जरी जिंदगी को प्रमोट करने की काम करते हैं। इसमें शो के कई वाकयों को आधार बनाया गया। मसलन सुपरबाजार जाने के दौरान अपनी महंगी गाड़ियों का बखान करने का क्या तुक है। फरयाल भी ज्यादातर अपने बेडरूम में नई डिजाइनर ड्रेस पहने नजर आती हैं। आमिर अक्सर फरयाल के लिए खरीदे महंगे गहनों और उनकी कीमत का जिक्र करते हैं। सबसे ज्यादा आलोचना बेटे के पहले जन्मदिन पर 30 हजार पाउंड वाली बेशकीमती घड़ी को लेकर हुई। लोगों ने पूछा कि आखिर ये दोनों आखिर क्या साबित करना चाहते हैं। हालांकि, फरयाल इससे बेपरवाह हैं। उन्होंने आलोचनाओं पर कहा कि वह अपनी जिंदगी जीते हैं। उनके पास जो कुछ है उसे दिखाने को क्या हर्ज है।</p> | 0 |
1,612,617 | [
"हॉकी: भारत शीर्ष स्तर पर खेलेगा "
] | <p><b>ब्यूनर्स आयस। </b>भारतीय पुरुष हॉकी टीम एक साल से भी ज्यादा समय बाद शीर्ष स्तर के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में वापसी करेगी। शनिवार को इसका सामना एफआईएच प्रो लीग के दो मैच के पहले मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना से होगा।</p><p>भारतीय टीम इस समय एफआईएच प्रो लीग तालिका में छह मैचो में 10 अंक लेकर पांचवें स्थान पर हैं । भारत ने इस साल फरवरी में अंतरराष्ट्रीय हॉकी की शुरुआत की जब उन्होंने यूरोप का दौरा किया। इसमें उन्होंने जर्मनी और ब्रिटेन के खिलाफ चार मैचों में दो ड्रॉ और दो जीत हासिल कीं। हालांकि, एफआईएच प्रो लीग मैच से भारत को 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक से पहले अपने स्तर को जानने में मदद मिलेगी। </p> | 0 |
1,612,618 | [
"डेटा से अच्छी स्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा : द्रविड़"
] | <p><b>वाशिंगटन। </b>पूर्व भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने कहा कि क्रिकेट में रणनीति बनाने व खिलाड़ियों के चयन में मदद करने वाले डेटा से अच्छी प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। द्रविड़ ने 15वीं एमआईटी स्लोन खेल विश्लेषण कांफ्रेंस में कहा कि वह दिन दूर नहीं जब लोग सिंगल लेना छोड़ देंगे क्योंकि मैच अप उन्हें बताता है कि अगली दो या तीन गेंद में वह छक्का लगा सकते हैं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि डेटा का इस्तेमाल गेंद -बल्ले के बीच प्रतिस्पर्धा के लिए होना चाहिए।</p> | 0 |
1,612,628 | [
"एएफआई अब मास्टर्स एथलेटिक्स भी कराएगा"
] | <p><b>लखनऊ </b><b>| </b><b>अनंत मिश्र</b></p><p>देश में एथलेटिक्स की अधिकृत संस्था एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) अब मास्टर्स यानी बुजुर्गों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता और अन्य गतिविधियां संचालित करेगा।</p><p>इस फैसले के बाद अब मास्टर्स यानी बुजुर्ग एथलीट के प्रदर्शन का अधिकृत रिकॉर्ड होगा। उन्हें मिलने वाले प्रमाणपत्रों का महत्व होगा। एएफआई की प्लानिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. ललित भनोट, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक, यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव पीके श्रीवास्तव एवं तकनीकी समित के चेयरमैन स्लैनली जोन्स समेत आठ सदस्यों की बैठक में इस संबंध में कई फैसले किए गए। इसमें तय किया गया कि मास्टर्स एथलेटिक्स की सभी गतिविधियां एएफआई शुरू करेगा। जल्द मास्टर्स एथलेटिक्स का नया नाम भी सोचा जाएगा।</p> | 0 |
1,612,612 | [
"लखनऊ | प्रमुख संवाददाता"
] | <p>कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देशभर के साई केंद्रों में ट्रेनिंग करने वाले ओलंपिक के संभावित खिलाड़ियों की तीन सप्ताह की छुट्टी कर दी गई है। ये सभी खिलाड़ी साई के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विभिन्न खेलों की ट्रेनिंग करते हैं। लखनऊ में पांच खेलों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है।</p><p><b>पटियाला और भोपाल में मामले: </b>पटियाला और भोपाल जैसे केंद्रों में कोरोना के कई मामले सामने आने के बाद साई ने शुक्रवार को यह फैसला लिया। इसके बाद सभी केंद्रों में खासी सतर्कता बरती जा रही है। </p><p><b>1477 का टेस्ट, 17 पॉजिटिव : </b>हाल ही में कोलकाता, तिरुवनंतपुरम, सोनीपत और लखनऊ के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 1477 खिलाड़ियों एवं अन्य स्टाफ का कोविड टेस्ट हुआ। इसमें 17 पॉजिटिव पाए गए। लखनऊ साई सेंटर में करीब 200 लोगों का टेस्ट हुआ। इसमें खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया। तीन-चार खिलाड़यिों का दोबारा टेस्ट होगा।</p> | 0 |
1,612,619 | [
"मैच का मोड़"
] | <p>एबी डिविलियर्स ने आरसीबी को संकट से उबारा। टीम को अंतिम 30 गेंदों पर 54 रन चाहिए थे। डिविलियर्स ने राहुल चाहर पर चौका और छक्का लगाकर रनों के अंतर को कम किया। इसके बाद उन्होंने बोल्ट पर छक्का और चौका लगाया। इस ओवर में 15 रन बने। उन्होंने बुमराह पर भी दो चौके लगाए। आखिरी ओवर में सात रन बचे थे। पर एबी के रन आउट होने से मैच रोमांचक हो गया। हर्षल आखिरी गेंद पर विजयी रन लेने में सफल रहे। </p> | 0 |
1,612,616 | [
"बड़े फैसले और सख्ती"
] | <p>●खिलाड़यिों, सपोर्टिंग स्टाफ और कर्मचारियों को हर सप्ताह कोविड टेस्ट कराया जा रहा है। </p><p>●ओलंपिक की तैयारी या अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे खिलाड़यिों और सहयोगी स्टाफ को सुरक्षित रखने के लिए बायो बबल का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। </p> | 0 |
1,612,615 | [
"कड़ाई: जापान में कड़े दंड का प्रावधान"
] | <p><b>टोक्यो। </b>जापान ने शुक्रवार को घोषणा की कि ओलंपिक से पहले कोरोना के तेजी से फैलाव पर काबू पाने के लिए वह कड़े कदम उठाएगा। प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा द्वारा की गई इस घोषणा के बाद टोक्यो में बार और रेस्त्रत्तं के खुलने के समय में कटौती की जाएगी। साथ ही दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर कड़े दंड का प्रावधान होगा। </p><p> ये उपाय सोमवार से लागू होकर 11 मई तक प्रभावी होंगे। टोक्यो में संक्रमण के अधिकांश मामलों का संबंध नाइट लाइफ और बाहर खाने से है। हालांकि, हाल ही में दफ्तरों, वृद्धाश्रमों व स्कूलों में भी संक्रमण फैला है। </p><p><b>काफी आलोचना हो रही : </b>सुगा ने क्योटो में भी कोरोना से बचाव के कड़े उपाय करने का ऐलान किया जहां हाल ही में मामलों में बढ़ोतरी हुई है। जापान सरकार की वायरस निरोधक उपायों में ढिलाई को लेकर काफी आलोचना की जा रही है। </p><p><b>टीकाकरण धीमा : </b>जापान में टीकाकरण की मुहिम भी धीमी है और अभी तक राजधानी क्षेत्र में अधिकांश लोगों को टीके नहीं लगे हैं।</p> | 0 |
1,612,621 | [
"एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी एक अक्तूबर से ढाका में "
] | <p><b>कुआलालंपुर। </b>कोरोना महामारी के कारण कई बार टल चुका पुरुषों का एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट अब एक से नौ अक्तूबर तक ढाका में खेला जाएगा। एशियाई हॉकी महासंघ ने महामारी के कारण दो बार पुरुषों और महिलाओं का टूर्नामेंट स्थगित कर दिया था। </p> | 0 |
1,612,623 | [
"टी-20 सीरीज से बाहर हुए कप्तान बावुमा "
] | <p><b>जोहान्सबर्ग। </b>दक्षिण अफ्रीकाई वनडे टीम के कप्तान तेंबा बावुमा मांसपेशियों में खिंचाव के बाद अस्वस्थ होने के कारण पाकिस्तान के खिलाफ आगामी चार मैचों की घरेलू टी-20 सीरीज से बाहर हो गए हैं। ऐसे में अब विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन टीम की कमान संभालेंगे।</p> | 0 |
1,612,625 | [
"कई खेलों में माहिर रहीं नेत्रा नौकायन से ओलंपिक सपना पूरा करेंगी"
] | <p><b>चेन्नई </b><b>| </b><b>एजेंसियां</b></p><p>नेत्रा कुमानन ने 12 साल की उम्र तक टेनिस, साइकिलिंग, बास्केटबॉल के साथ भारतनाट्यम में भी हाथ आजमा लिया था। हालांकि, नौकायन से जुड़ने के बाद उन्हें जिंदगी का असली मकसद मिला। जिसे उन्होंने ओलंपिक टिकट हासिल करने वाली पहली भारतीय नौकाचालक बन कर सार्थक किया। </p><p><b>विश्व कप में कांस्य पदक : </b>चेन्नई की 23 साल की इस खिलाड़ी ने ओमान में एशियाई क्वालीफायर की लेजर रेडियल स्पर्धा में शीर्ष स्थान पर रहकर ओलंपिक टिकट हासिल किया। उन्होंने 2014 और 2018 एशियाई खेलों में भाग लेने के बाद पिछले साल विश्व कप में कांस्य पदक जीत अपनी पहचान बनाई थी।</p><p><b>कड़ी मेहनत कर रहीं: </b>नेत्रा ने कहा कि मैंने टेनिस, बास्केटबॉल, साइकिलिंग, कला (आर्ट) मे हाथ आजमाया था और मैंने भरतनाट्यम में भी प्रशिक्षण लिया, लेकिन नौकायन के लिए मुझे यह सब छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से घर से दूर हू और पिछले 18 महीनों से इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। यह अच्छा है कि मुझे इसका फल मिला और जिस चीज के लिए आई थी उसमें मैं सफल रही।</p><p><b>तनाव से निपटना सीख रहीं : </b>नेत्रा हंगरी के कोच टमस एस्जेस की देखरेख में अभ्यास कर रही हैं। नेत्रा ने बताया कि वह कोच के मार्गदर्शन में रेस से जुड़े तनाव से निपटने के तरीके सीख रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों एक-दूसरे के साथ एक साल से अधिक समय से काम कर रहे है।</p> | 0 |
1,608,990 | [
"भारत के तेज काम करने का जल्द दिखने वाला है नतीजा ",
"चाबहार बंदरगाह के मई से शुरू होने की संभावना "
] | <p><b>वाशिंगटन </b><b>| </b><b>एजेंसियां</b></p><p>भारत ने थोड़े ठहराव के बाद इस साल की शुरुआत से ही चाबहार बंदरगाह पर काम तेज कर दिया है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस ईरानी बंदरगाह का संचालन अगले महीने तक शुरू होने की संभावना है। अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। </p><p>अमेरिकी सांसदों के लिए अपनी नई रिपोर्ट में कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने कहा कि 2015 में ईरान के चाबहार बंदरगाह और रेलवे लाइन बिछाने के काम में मदद के लिए भारत तैयार हो गया था। इस रेलवे लाइन से भारत को पाकिस्तान से गुजरे बिना अफगानिस्तान से बेरोक-टोक व्यापार करने में मदद मिलेगी। करीब 100 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मई, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरान गए और बंदरगाह तथा उससे संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 करोड़ डॉलर निवेश करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए। सीआरएस की रिपोर्ट में कहा गया है, उसने 2021 की शुरुआत में काम तेज कर दिया और बंदरगाह का संचालन मई 2021 तक शुरू होने की संभावना है। </p> | 0 |
1,608,991 | [
"चीन से मुकाबले के लिए अमेरिका में विधेयक पेश"
] | <p><b>वाशिंगटन </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>अमेरिका के दो प्रभावशाली सांसदों ने एक प्रमुख द्विदलीय व्यापक विधेयक पेश किया है। इसमें चीन से प्रतिस्पर्धा के लिए देश की क्षमता को बढ़ाने, क्वाड की पहलों को बढ़ावा देने और भारत समेत अमेरिका की द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय भागीदारी को प्रगाढ़ करने की बात ही गई है।</p><p>सांसद एवं सीनेट की प्रभावशाली विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा कि विधेयक स्ट्रैटजिक कॉम्पिटिशन एक्ट ऑफ 2021 अमेरिका की राष्ट्रीय एवं आर्थिक सुरक्षा को लेकर चीन द्वारा पैदा की गई चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए हिंद-प्रशांत रणनीति के वास्ते देश के सभी सामरिक, आर्थिक और राजनयिक नीति को समाहित करेगा। मेनेंडेज ने रैंकिंग सदस्य जिम रिस्च के साथ 280 पृष्ठों वाले अधिनियम को पेश किया है। सीनेट की विदेश मामलों की समिति इस विधेयक पर चर्चा करने वाली है और 14 अप्रैल को मतदान होगा। इसके बाद इसे सीनेट भेज दिया जाएगा। मेनेंडेज ने कहा कि विधेयक स्ट्रैटजिक कॉम्पिटिशन एक्ट ऑफ 2021 इस बात को स्वीकारता है कि यह वक्त एक एकीकृत, सामरिक प्रतिक्रिया देने का है। </p> | 0 |
1,608,992 | [
"अमेरिका में अपने घर में मृत मिला भारतीय दंपति "
] | <p><b>मुंबई </b><b>| </b><b>एजेंसी </b></p><p>एक भारतीय दंपति अमेरिका में अपने घर में मृत पाया गया। पड़ोसियों ने उनकी चार साल की बेटी को बालकनी में अकेले रोते हुए देखा। इसके बाद दंपति की मौत का पता चला। परिवार के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।</p><p>अमेरिका में कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि ऐसा लग रहा है कि नॉर्थ अर्लिंगटन में दंपति के घर पर उन पर चाकू से वार किए गए। ऐसा प्रतीत होता है कि पति ने अपनी पत्नी के पेट में चाकू से वार किए। 32 वर्षीय बालाजी भारत रुद्रवार और उसकी पत्नी 30 वर्षीय आरती बालाजी रुद्रवार के शव न्यूजर्सी में नॉर्थ आर्लिंगटन के रिवरव्यू गार्डन्स परिसर में उनके 21 गार्डन टेरेस अपार्टमेंट में मिले। बालाजी के पिता ने बताया, पड़ोसियों पोती को बालकनी में रोते देख इसकी सूचना पुलिस को दी। </p> | 0 |
1,608,981 | [
"मुजीबुर्रहमान को श्रद्धांजलि दी "
] | <p><b>ढाका। </b>थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को बंगबंधु स्मृति संग्रहालय जाकर बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान को श्रद्धांजलि दी। पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आए जनरल नरवणे अपनी पत्नी वीणा नरवणे के साथ संग्रहालय गए।</p><p>भारतीय सेना के अतिरिक्त जनसूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई) ने ट्वीट किया, जनरल एम एम नरवणे और श्रीमती वीणा नरवणे राष्ट्र संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान स्मृति संग्रहालय का दौरा किया।</p> | 0 |
1,608,987 | [
"चीन के हेबई प्रांत में धमाका, नौ की मौत"
] | <p><b>बीजिंग। </b>उत्तरी चीन के हेबई प्रांत में एक्सपायर विस्फोटकों को नष्ट करने के दौरान हुए धमाके में नौ कर्मियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हेबई प्रांत देश की राजधानी बीजिंग से सटा हुआ है। चिचेंग काउंटी की सरकार के बयान के अनुसार, बुधवार को हुए धमाके में तीन अन्य कर्मी घायल हो गए। ये कर्मी खराब हो चुके विस्फोटकों को नष्ट करने का काम कर रहे थे। </p> | 0 |
1,608,984 | [
"ईरान ने कोरियाई पोत को छोड़ा"
] | <p><b>दुबई। </b>ईरान ने कई महीनों तक बंधक बनाकर रखे गए दक्षिण कोरियाई पोत को शुक्रवार को आजाद कर दिया। पोत अपने देश के लिए रवाना हो गया। सियोल द्वारा अरबों डॉलर जब्त किए जाने के विवाद के बीच इस पोत को बंधक बनाया गया था। ईरान की ओर से यह कदम उसके कमजोर पड़े परमाणु समझौते पर वैश्विक शक्तियों और तेहरान के बीच आगे की वार्ता से कुछ घंटे पहले उठाया गया है। </p> | 0 |
1,608,985 | [
"दक्षिण अफ्रीका को टीके की रकम लौटाई"
] | <p><b>जोहानिसबर्ग। </b>सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविड-19 टीके की पांच लाख खुराकों के लिए दक्षिण अफ्रीका की ओर से दी गई पूरी रकम लौटा दी है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने वैक्सीन के वायरस के नए स्वरूप पर असरदार नहीं होने के कारण टीकाकरण में इसका इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया था। इसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट ने टीकों की आपूर्ति रोक दी थी। <b>(एजेंसी)</b></p> | 0 |
1,608,986 | [
"कुवैत जा रहे विमान को करीपुर में उतारा "
] | <p><b>कोझिकोड (केरल)। </b>कुवैत जा रहे एयर इंडिया एक्सप्रेस (एआईए) के एक विमान को शुक्रवार सुबह करीपुर हवाईअड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद वापस हवाईअड्डे पर उतारा गया। हवाईअड्डा के सूत्रों ने बताया कि सामान रखने वाले स्थान पर आग लगने की सूचना देने वाला अलार्म बजने के बाद एहतियाती तौर पर यह कदम उठाया गया। विमान में 17 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे।</p><p>हवाईअड्डे के प्रभारी निदेशक मोहम्मद शाहिद ने बताया कि विमान में सवार सभी यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं। विमान ने सुबह आठ बजकर 38 मिनट पर उड़ान भरी थी और नौ बजकर 11 मिनट पर वह सुरक्षित उतर गया। <b>(एजेंसी)</b></p> | 0 |
1,608,988 | [
"मुंबई के छह स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट नहीं"
] | <p><b>मुंबई। </b>मध्य रेलवे ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) सहित छह रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बेचना बंद कर दिया। यह फैसला कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर भीड़ कम करने के लिए लिया गया है।</p> | 0 |
1,608,989 | [
"नाइजीरिया में 11 सैन्यकर्मियों की हत्या"
] | <p><b>अबुजा। </b>नाइजीरिया के बेन्यू प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने 11 सैन्यकर्मियों की हत्या कर दी। आउटलेट ने सेना के प्रवक्ता मो. यरीमा के हवाले से बताया बेन्यू प्रांत में बचाव दल के दस सैनिकों, एक अधिकारी का शव मिला। </p> | 0 |
1,608,983 | [
"टेक्सास में गोलीबारी, एक की मौत "
] | <p><b>ब्रायन। </b>अमेरिका के टेक्सास के ब्रायन शहर में लकड़ी का सामान बनाने वाली एक कंपनी केंट मूर कैबिनेट्स में एक संदिग्ध ने गोलीबारी कर दी। इसमें एक कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। </p><p>ब्रयान शहर की पुलिस ने एक बयान में बताया कि टेक्सास के लोला शहर के 27 लैरी विंस्टन बोलिन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जेल के रिकॉर्ड के अनुसार बोलिन पर हत्या का आरोप लगाया है। </p> | 0 |
1,608,982 | [
"परीक्षा देने को विवश करने में बोर्ड जिम्मेदार : प्रियंका "
] | <p><b>नई दिल्ली। </b>कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि देश में एक बार फिर से बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच बच्चों को परीक्षा में बैठने को लेकर विवश करने के लिए सीबीएसई जैसे बोर्ड जिम्मेदार हैं।</p><p>उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा रद्द की जाए या फिर ऐसी व्यवस्था की जाए कि बच्चों को भीड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर जाने की जरूरत न पड़े। कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर से हमारे देश को अपनी चपेट में ले रहा है। </p> | 0 |
1,608,456 | [
"दुनिया में पहली बार कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 420 पार"
] | <p><b>वाशिंगटन </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर पहली बार अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मौना लोआ वेधशाला द्वारा दर्ज आंकड़ों के मुताबिक बीते शनिवार तीन अप्रैल 2021 को कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 421.21 पीपीएम पर पहुंचा है। </p><p>इससे पहले पिछले साल मई 2020 में वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 417.64 पीपीएम पर पहुंच था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) द्वारा ये आंकड़े जारी किए गए थे। यह हालात ऐसे समय में बने, जबकि लॉकडाउन के कारण वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में सात फीसदी की कमी कमी दर्ज की गई थी। </p><p><b>औद्योगिक क्रांति की शुरुआत से 50 बढ़त : </b>नवीनतम आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक क्रांति की शुरुआत से अब तक कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 50 फीसदी तक बढ़ चुका है। मार्च 2021 में यह 417.64 पार्टस प्रति मिलियन (पीपीएम) रिकॉर्ड किया गया है, जो कि मई 2020 में 417.1 पीपीएम पर पहुंच गया था। वार्षिक औसत देखें तो 2020 में 413.94 पीपीएम था, जिसके 2021 में 416.3 पीपीएम पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। </p><p>गौरतलब है कि साल 2014 में पहली बार पृथ्वी के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 400 पीपीएम के पार पहुंच गया था। यदि इसका औसत देखा जाये तो साल 1959 से लेकर साल 2018 तक तकरीबन हर वर्ष वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में 1.57 पीपीएम की दर से वृद्धि दर्ज की गई है। </p> | 0 |
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"नक्सलियों ने बचाई थी कोबरा कमांडो की जान"
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>कुणाल वर्मा</b></p><p>बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों के 22 जवानों की मौत के बीच एक कमांडो का जिंदा लौटना किसी चमत्कार से कम नहीं। पर ऐसा संभव हो सका उन्हीं नक्सलियों के कारण जो जवानों की जघन्य हत्या के जिम्मेदार हैं। नक्सलियों की मांद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास को सकुशल लाने वाले पत्रकारों में शामिल के. शंकर और गणेश मिश्रा ने ‘हिन्दुस्तान’ से बात की और जाना कमांडो के कब्जे से लेकर रिहाई तक की कहानी। </p><p><b>जख्मी था जवान: </b>गणेश मिश्रा और शंकर कहते हैं जवान का अपहरण नहीं हुआ था। दरअसल, कमांडो मुठभेड़ के बाद अपने दल से बिछड़ गए और जंगल में खो गए। छर्रे लगने से हल्के जख्मी भी थे और डिहाइड्रेशन के कारण घने जंगलों में वह बेहोश हो गए थे। इसी हालत में चार अप्रैल को वे नक्सलियों को मिले। नक्सली उन्हें अपने कैंप में लेकर पहुंचे और उनका इलाज किया, जिससे उनकी जान बची।</p><p><b>तुरंत क्यों नहीं रिहा किया: </b>गणेश कहते हैं चार अप्रैल को नक्सलियों ने उनके मोबाइल पर मैसेज भेजा कि कमांडो उनके पास सुरक्षित हैं। एक प्रतिनिधिमंडल लेकर आएं और उन्हें ले जाएं। प्रतिनिधिमंडल में कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। सबको एकत्र करने में समय लगा। </p><p><b>बिना शर्त रिहाई: </b>पत्रकार के. शंकर कहते हैं हर अपरहण के बाद शर्तें लागू की जाती हैं। पर इस मामले में ऐसा कुछ नहीं था। रिहाई बिना शर्त के हुई है।</p><p><b>सवाल टाल गए: </b>शंकर ने कहा कमांडो नक्सलियों के गढ़ में बेखौफ सौ घंटे रहे। रिहाई के वक्त भी उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। बाइक पर जब वे हमारे साथ निकले तो हम पत्रकारों का शुक्रिया किया। </p> | 0 |
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"ट्रेन बंद करने की कोई योजना नहीं:रेलवे"
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि हमारी रेल सेवाओं को रोकने या रेलगाड़ियों को कम करने की कोई योजना नहीं है। साथ ही भीड़ बढ़ने पर और जरूरत पड़ने पर अधिक रेलगाड़ियां चलाए जाने का भी आश्वासन दिया।</p><p>रेलवे की ओर से यह बयान ऐसे समय में जारी किया गया है, जब कई स्थानों से मजदूरों के घर लौटने की खबरें आ रहीं हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा, दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक जॉन थॉमस और उत्तर एवं मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारियों सहित कई अधिकारियों ने मीडिया में बयान जारी कर इस बात का खंडन किया कि बड़ी संख्या में मजदूर रेलगाड़ी से अपने घरों को लौट रहे हैं। अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि रेलगाड़ियों की कोई कमी नहीं होगी और रेलवे मांग बढ़ते ही कम समय में अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था करेगा।</p><p>उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, रेल सेवाओं को रोकने या रेलगाड़ियां कम करने की कोई योजना नहीं है। </p> | 0 |
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"प्रिंस फिलिप 99 वर्ष की उम्र में दुनिया से विदा"
] | <p>लंदन। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप का निधन हो गया है। वह 99 वर्ष के थे। बकिंघम पैलेस के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।</p><p>फिलिप की तबीयत बिगड़ने पर 16 फरवरी, 2021 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 16 मार्च को छुट्टी मिलने के बाद वह विंडसर कैसल लौटे थे। इस दौरान हृदय की स्थिति और संक्रमण के लिए इलाज किया गया था। लंबे समय तक राज किया: फिलिप की मृत्यु जून में 100 वें जन्मदिन से कुछ माह पहले हुई है। वह ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक राज करने वाले सम्राट रहे। नवंबर में 73वीं शादी की सालगिरह मनाने वाले दंपति लंदन के पश्चिम में विंडसर कैसल में कोरोना के खतरे की वजह से अलग-अलग रहे थे। </p> | 0 |
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"हर साल सीओ2 की मात्रा में दर्ज की गई वृद्धि"
] | <p>गौरतलब है कि साल 2014 में पहली बार पृथ्वी के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 400 पीपीएम के पार पहुंच गया था। यदि इसका औसत देखा जाये तो साल 1959 से लेकर साल 2018 तक तकरीबन हर वर्ष वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में 1.57 पीपीएम की दर से वृद्धि दर्ज की गई है। </p> | 0 |
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"राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर स्वत: संज्ञान सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट के मुकदमों को दबाना नहीं",
"राष्ट्रीय संकट पर मूक दर्शक बने नहीं रह सकते: कोर्ट",
"नियुक्ति"
] | <p><b>नई दिल्ली। एजेंसी </b></p><p>कोविड-19 मामलों में बेतहाशा वृद्धि को राष्ट्रीय संकट बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह ऐसी स्थिति में मूकदर्शक बना नहीं रह सकता। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर उसकी स्वत: संज्ञान सुनवाई का मतलब उच्च न्यायालय के मुकदमों को दबाना नहीं है।</p><p><b>पूरक भूमिका निभा रहे : </b>न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर महामारी पर नजर रखने के लिए बेहतर स्थिति में है और उच्चतम न्यायालय पूरक भूमिका निभा रहा है। हमारे हस्तक्षेप को सही परिप्रेक्ष्य में समझना चाहिए क्योंकि कुछ मामले क्षेत्रीय सीमाओं से भी आगे हैं।</p><p><b>मदद करेंगे : </b>पीठ ने कहा कि कुछ राष्ट्रीय मुद्दों पर शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत है क्योंकि कुछ मामले राज्यों के बीच समन्वय से संबंधित हो सकते हैं। पीठ ने कहा, हम पूरक भूमिका निभा रहे हैं, अगर उच्च न्यायालयों को क्षेत्रीय सीमाओं के कारण मुकदमों की सुनवाई में दिक्कत होती है तो हम मदद करेंगे।</p><p><b>वकीलों ने जताई थी आपत्ति: </b>उच्चतम न्यायालय की ये टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कुछ वकीलों ने महामारी के मामलों के फिर से बढ़ने पर पिछले गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेने पर शीर्ष अदालत की आलोचना की थी और कहा था कि उच्च न्यायालयों को सुनवाई करने देनी चाहिए।</p><p>पीठ ने टीकों की अलग-अलग कीमतों पर वरिष्ठ वकील विकास सिंह समेत वकीलों की दलीलों पर भी मंगलवार को गौर किया और केंद्र को अलग-अलग कीमतों के पीछे के तर्क के बारे में बताने के लिए कहा।</p><p>वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कोविड-19 प्रबंधन मामले में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता और मीनाक्षी अरोड़ा को न्याय मित्र भी नियुक्त किया। इससे पहले, इस मामले में वरिष्ठ साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त किये जाने पर कुछ अधिवक्ताओं की विवादित टिप्पणियों के मद्देनजर उन्होंने यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। </p><p><b>निर्देश </b></p><p>केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर राज्यों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे उपचार की मौजूदा जरूरतों की पूर्ति करने के साथ-साथ अगले एक महीने की स्थिति का आकलन कर आवश्यक संसाधन तैयार रखें। केंद्र ने कहा है कि जिस इलाके या जिले में संक्रमण दर 10 फीसदी से ज्यादा है, वहां व्यापक कदम उठाएं जाएं।</p> | 0 |
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"हल्द्वानी एसटीएच में 35 कोरोना मरीजों की मौत"
] | <p><b>हल्द्वानी/देहरादून </b><b>l </b><b>हिटी</b></p><p>राज्य के मैदानी जिलों के बाद अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी कोरोना से मरीजों की मौतों की संख्या बढ़ने लगी है। मंगलवार को हल्द्वानी के एसटीएच में सर्वाधिक 35 कोरोना संक्रमितों समेत राज्य भर में कुल 96 मरीजों की मौत हुई। जिसमें से अकेले 14 मरीजों की मौत पर्वतीय जिलों में हुई है। </p><p>मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में से चार उत्तरकाशी, एक बौराड़ी, तीन श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, एक चमोली, दो कोटद्वार, पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में दो, जिला अस्पताल बागेश्वर में एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई। इसके अलावा दून, हल्द्वानी, यूएस नगर और हरिद्वार के अस्पतालों में अधिकांश मरीजों की मौत हुई है। राज्य में मंगलवार को कोरोना से मरने वालों की संख्या 2309 पहुंच गई है। </p><p><b> संबंधित खबर </b></p> | 0 |
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"शाही स्नान 130 साल बाद फीका रहा "
] | <p><b>हरिद्वार </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>कुंभ के अंतिम शाही स्नान पर संत बहुत कम संख्या में बिना बैंड-बाजों के गंगा स्नान के लिए पहुंचे। इस दौरान ज्यादातर संत मास्क लगाए नजर आए। वहीं, बैरागी संत बैंड बाजा और रथ पर सवार होकर स्नान को पहुंचे। मंगलवार को सभी अखाड़ों के करीब 2600 संतों ने ही शाही स्नान किया। </p><p>हरिद्वार में 130 साल बाद ऐसा हुआ है जब सीमित संतों ने कुंभ में शाही स्नान किया। 1891 कुंभ में प्लेग महामारी के कारण कम संतों और श्रद्धालुओं ने इसी तरह स्नान किया था। </p><p>मंगलवार सुबह हरकी पैड़ी पर सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़ा के करीब 30 संतों ने स्नान किया। इसके बाद जूना अखाड़े के साथ अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़ा के करीब 300 संत स्नान को पहुंचे। ब्रह्मकुंड में महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के 50 संतों ने आस्था की डुबकी लगाई। </p><p>बैरागी संतों के तीनों अखाड़ों निर्मोही अणि, दिगंबर अणि और निर्वाणी अणि के करीब 2000 संतों ने अलग-अलग स्नान किया। जबकि, बड़ा उदासीन, नया उदासीन और निर्मल अखाड़े ने प्रतीकात्मक स्नान किया। दोपहर बाद आम श्रद्धालुओं के लिए हरकी पैड़ी खोल दी गई थी। मेलाधिकारी दीपक रावत और आईजी मेला संजय गुंज्याल समेत अन्य अधिकारी स्नान की व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। </p><p><b> संबंधित फोटो </b></p> | 0 |
1,871,538 | [
"जुर्माना वसूल मुफ्त मास्क देगी पुलिस"
] | <p><b>देहरादून </b><b>l </b><b>विशेष संवाददाता</b></p><p>मास्क पहनने में लापरवाही करने वालों से पुलिस जुर्माना वसूलने के बाद चार मास्क मुफ्त देगी। सीएम तीरथ सिंह रावत ने इसके निर्देश दिए हैं। पुलिस को इसके लिए सीएम राहत कोष से एक करोड़ रुपये की धनराशि दी है। इसके साथ ही अस्पतालों में बुनियादी संसाधनों को बढ़ाने के लिए 10 करोड़ रुपये भी दिए जा रहे हैं। मंगलवार को सीएम ने राहत कोष से कोरोना से जंग के लिए विभिन्न विभागों के लिए 22.82 करोड़ रुपये मंजूर किए।</p><p>कोविड के संक्रमण से बचाव व राहत से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए बागेश्वर और रुद्रप्रयाग के डीएम को 2-2 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जबकि चमोली और यूएसनगर के डीएम को एक-एक करोड़ रुपये मिलेंगे। संक्रमण बढ़ने पर भी लोग अब भी मास्क को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। बीते रोज कैबिनेट ने मास्क न पहनने पर जुर्माने की राशि को दोगुना से ज्यादा करने का निर्णय किया है। </p> | 0 |
1,871,540 | [
"चुनाव आयोग ने विजय जुलूसों पर रोक लगाई"
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>विशेष संवाददाता</b></p><p>निर्वाचन आयोग ने देश में कोरोना महामारी के गंभीर संकट के मद्देनजर चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजों के आने पर विजय जुलूस निकालने पर मंगलवार को रोक लगा दी।</p><p><b>दो मई को मतगणना: </b>असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में दो मई को मतगणना होगी। पश्चिम बंगाल में अभी आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होना है, जबकि बाकी शेष चार प्रदेशों में मतदान संपन्न हो चुका है।</p><p><b>प्रावधानों पर अमल किया जाए: </b>आयोग की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है, पूरे देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर आयोग ने फैसला किया है कि मतगणना के दौरान अधिक सख्त प्रावधानों पर अमल किया जाए। दो मई को मतगणना के बाद किसी भी विजय जुलूस को निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।</p> | 0 |
1,871,531 | [
"एक मई से टीका लगवाने के लिए आज से रजिस्ट्रेशन"
] | <p><b>नई दिल्ली। </b>देश में 18 साल से 44 साल आयु के लोग टीका लगवाने के लिए 28 अप्रैल से कोविन पोर्टल (cowin.gov.in) या फिर आरोग्य सेतु एप पर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए 1 मई से टीकाकरण शुरू होगा। टीकाकरण में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है। टीकाकरण के लिए दस्तावेज प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी। पंजीकरण कराते ही रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कन्फर्मेशन आएगा, जिसे चेक करना होगा। </p> | 0 |
1,871,535 | [
"दूसरी लहर बेकाबू होने से महंगाई बढ़ेगी "
] | <p>रिजर्व बैंक के अप्रैल बुलेटिन में संकेत दिए गए हैं कि अगर कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो जाती है और आवाजाही पर लगे प्रतिबंध लंबे समय तक लगे रहे तो महंगाई बढ़ सकती है। </p> | 0 |
1,871,534 | [
"सांविधिक लेखा परीक्षक जल्द नियुक्त करें बैंक "
] | <p>भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंकों और आवास ाण देने वाली कंपनियों सहित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए सांविधिक लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के दिशानिर्देश जारी किए।</p> | 0 |
1,871,533 | [
"ऑस्ट्रेलिया ने उड़ानों पर पाबंदी लगाई"
] | <p>ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को भारत से सभी सीधी यात्री उड़ानों को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि कोरोना के तेजी से फैलने के चलते यह फैसला किया गया। </p> | 0 |
1,871,530 | [
"चिंता: 5703 नए कोरोना मरीज मिले "
] | <p>राज्य में मौत के साथ ही नए संक्रमित मिलने का भी हर दिन नया रिकार्ड बन रहा है। मंगलवार को राज्य में रिकार्ड 5703 नए मरीज मिले। राज्य में कुल मरीजों की संख्या एक लाख 62 हजार को पार कर गई है। जबकि अभी तक एक लाख 13 हजार मरीज ही ठीक हुए हैं। </p> | 0 |
1,871,532 | [
"मदद को 40 अमेरिकी कंपनियां एकजुट"
] | <p>अमेरिका की शीर्ष 40 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हैं। वे भारत की मदद करने के लिए वैश्विक कार्यबल (टास्क फोर्स) के गठन को लेकर एकजुट हुए हैं। </p> | 0 |
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"ईसीएचएस क्लीनिक में अनुबंध पर भर्तियां होंगी"
] | <p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>विशेष संवाददाता</b></p><p>रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत संचालित 51 क्लीनिक में अतिरिक्त कर्मियों की अनुबंध आधार पर भर्ती को मंजूरी दे दी। यह मंजूरी देश में कोरोना संकट गहराने के बीच सैन्य स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाने के निर्णय के तहत दी गई। </p><p><b>आदेश जारी: </b>रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यह निर्णय लिया तथा इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इसके मुताबिक, ईसीएचएस के तहत संचालित 51 क्लिनिकों में अनुबंध के आधार पर अतिरिक्त कर्मियों की भर्ती से रात के समय में भी पर्याप्त चिकित्सा कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।</p><p><b>तीन माह के लिए भर्ती: </b>चिन्हित ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स के लिए अनुबंध पर भर्ती किए जाने वाले कर्मियों में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग सहायक, फार्मासिस्ट, ड्राइवर और चौकीदार शामिल हैं। इन्हें स्टेशन मुख्यालय में रात की ड्यूटी के लिए तीन महीने के लिए काम पर रखा जाएगा। </p> | 0 |
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"कोरोना के मरीजों को समय पर नहीं मिल रही एम्बुलेंस, घंटों करना पड़ रहा इंतजार ",
"बेबसी:कोरोना मरीजों कोएम्बुलेंस दिला दो सरकार "
] | <p><b>शवों को श्मशान पहुंचाने के लिए भी वेटिंग</b></p><p>दून-हल्द्वानी के अस्पतालों में एक ही दिन में 20 से 25 मरीजों की मौत होने से शवों को श्मशान पहुंचाने में समय लग रहा है। यहां शव श्मशान पहुंचाने में दो-दो एंबुलेंस लगाई गई हैं। दून अस्पताल के पीआरओ संदीप राणा बताते हैं कि एंबुलेंस सीमित होने से कई बार लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। </p><p><b>देहरादून </b>| <b>मुख्य संवाददाता</b></p><p>उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि से एम्बुलेंस सेवाओं पर भारी दबाव है। अस्पताल पहुंचने के लिए लोगों को बड़ी संख्या में एम्बुलेंस की जरूरत पड़ रही है, ऐसे में सभी को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिल पा रही और घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पतालों में जगह न होने से मरीज एक से दूसरे अस्पताल जा रहे हैं। कई बार समय पर एम्बुलेंस न मिलने व अस्पताल में जगह न होने से मरीजों की जान भी जा रही है। </p><p>राज्य में कोरोना चरम पर है लेकिन सरकार की ओर से एम्बुलेंस के विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं। देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जिले में 108 सेवा की 14 एम्बुलेंस को डेडिकेटेड कोविड एम्बुलेंस में बदला गया है। इन एम्बुलेंस का संचालन जिला कंट्रोल रूम द्वारा किया जा रहा है। अन्य जिलों में अभी 108 सेवा की एम्बुलेंस को कोविड के काम में नहीं लिया जा रहा है। </p><p><b>ड्राइवर हो रहे संक्रमित : </b>राज्य के कई अस्पतालों के पास अपनी एम्बुलेंस हैं। लेकिन एक एम्बुलेंस के लिए सिर्फ एक ही चालक की व्यवस्था है। इसमें से कुछ लोगों के संक्रमित होने की वजह से एम्बुलेंस खड़ी होने की नौबत आ गई है। उदाहरण के लिए दून मेडिकल कॉलेज में छह एम्बुलेंस हैं। ड्राइवर भी छह ही हैं। इनमें से दो के कोरोना संक्रमित होने की वजह से अब उपनल को दो ड्राइवरों की डिमांड भेजी गई है। </p><p>कोरोना में तेजी से निश्चित रूप से एम्बुलेंस सेवाओं पर भी दबाव है पर 108 के अलावा अस्पतालों, सीएमओ कार्यालय व मेडिकल कॉलेजों की एम्बुलेंस के बीच समन्वय बनाकर काम लिया जा रहा है। मरीजों की मुश्किल को</p><p>देखते हुए एंबुलेंसों में ऑक्सीजन</p><p>रखना अनिवार्य कर दिया है ताकि बेड मिलने में देरी होने पर मरीज की जान न जाए। </p><p><b>-डॉ.एसके गुप्ता, </b>स्वास्थ्य निदेशक </p><p>l <b>घड़ी-घड़ी आ रहे फोन </b></p><p>एम्बुलेंस के लिए इस समय हमारे पास एक के बाद एक लगातार फोन आ रहे हैं। अस्पतालों में जगह न होने के कारण एक ही मरीज को एक से दूसरे अस्पताल पहुंचाने में काफी समय लग रहा है। दूसरे मरीजों को इस वजह से काफी इंतजार करना पड़ जा रहा है। हमारे सामने भी मजबूरी है, क्या करें? </p><p><b>-कुंवर सिंह, </b>प्राइवेट एम्बुलेंस चालक </p><p>l <b>सुबह से हो गई शाम </b></p><p>कोरोना संक्रमण के बाद मेरे पिता नरेंद्रनगर के संयुक्त अस्पताल में भर्ती थे। तबीयत गंभीर होने पर आईसीयू की जरूरत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर करने को कहा। सुबह से कई जगह एम्बुलेंस को फोन करने के बाद शाम को उन्हें जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया जा सका। </p><p><b>-राजेंद्र देवराड़ी, </b>खाड़ी</p><p>l <b>देर से मिली एम्बुलेंस </b></p><p>मेरे भाई को सांस में तकलीफ होने पर एम्बुलेंस की जरूरत थी। सरकारी एम्बुलेंस तो मिली नहीं और प्राइवेट एम्बुलेंस भी दो घंटे बाद आई। इस वजह से भाई की तबीयत और बिगड़ गई। तीन घंटे चक्कर काटने के बाद बड़ी मुश्किल से भाई को हरिद्वार बाईपास स्थित कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।</p><p><b>-दिनेश कुमार, </b>गढ़ी डाकरा</p> | 0 |
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"नये ऑक्सीजन प्लांट को रियायतें देंगे : तीरथ"
] | <p><b>सेलाकुई </b>| <b>कार्यालय संवाददाता</b></p><p>मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर संबंधित कंपनी को रियायतें दी जाएंगी। यह बात उन्होंने सेलाकुई स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट के निरीक्षण के बाद पत्रकार वार्ता में कही।</p><p>मुख्यमंत्री मंगलवार को सेलाकुई स्थित लिंडे कंपनी के ऑक्सीजन प्लांट के निरीक्षण को पहुंचे। इस दौरान उद्योग मंत्री गणेश जोशी भी उनके साथ थे। सीएम ने कंपनी के अधिकारियों से प्लांट में उत्पादन की जानकारी ली। साथ ही उद्योगों की समस्याएं भी पूछीं। लिंडे ऑक्सीजन प्लांट के नार्थ इंडिया हेड सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्लांट में प्रतिदिन एक सौ पचास मीट्रिक टन ऑक्सीजन और 70 मीट्रिक टन नाइट्रोजन का उत्पादन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां से ाषिकेश एम्स, हिमालयन इंस्टीट्यूट, पीजीआई लखनऊ, पीजीआई चंडीगढ़ सहित कई प्रदेशों के अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। </p><p>इस दौरान मुख्यमंत्री ने कंपनी को निर्देश दिए कि ऑक्सीजन का अधिक से अधिक उत्पादन किया जाए ताकि राज्य में इसकी कमी न हो। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि कंपनी नया ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहती है तो उसे जो रियायतें चाहिए, सरकार देने को तैयार है। </p><p>इसके बाद मुख्यमंत्री ने औद्योगिक एसोसिएशन के साथ सेलाकुई में प्रस्तावित सौ बेड के अस्थाई कोविड अस्पताल के लिए जगह का चयन किया। कोविड अस्पताल के लिए हरबर्टपुर सेलाकुई हाईवे पर सेलाकुई बाजार में स्थित राणा कॉम्पलेक्स को फाइनल किया गया। यह अस्पताल औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से खोला जाएगा। इस दौरान भाजपा नेता अनिल गोयल, इंडस्ट्री एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज गुप्ता, पराग आदि मौजूद रहे।</p><p><b>उद्योगपतियों को आश्वासन</b></p><p>मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान इंडियन इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष लतीफ चौधरी ने औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई की सड़कों के सुधारीकरण की मांग की। इस पर सीएम ने सड़कों की मरम्मत जल्द से जल्द कराने का आश्वासन दिया। सेलाकुई में बिजली आपूर्ति 24 घंटे सुचारु करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने मौके से ही ऊर्जा निगम के अफसरों को शीघ्र 220 केवी सबस्टेशन के निर्माण के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। </p><p>हनुमान जयंती पर मंगलवार को मुख्यमंत्री ने झाझरा स्थित बालाजी धाम में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने संकटमोचक भगवान हनुमान से कोरोना महामारी की इस विकट घड़ी में देश और प्रदेशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। </p> | 0 |
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"हर जनपद में बनेगी आयुष डेस्क"
] | <p><b>देहरादून </b>| <b>विशेष संवाददाता</b></p><p>कोरोना से लड़ने को लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद व यूनानी दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने हर जिले में आयुष डेस्क स्थापित करने का नर्णिय किया है। साथ ही जिला मुख्यालयों में आयुष रथ भी चलाएं जाएंगे। सीएम तीरथ सिंह रावत ने इसके लिए सीएम राहत कोष से 4.64 करोड़ रुपये की विशेष राशि मंजूर की है। </p><p>आयुर्वेदिक और यूनानी विभाग को रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए आयुष किट तैयार करने को कहा गया है। आयुष के जरिए इम्युनिटी बढ़ाने व उपचार की जानकारी देने के लिए राज्य और जिलास्तर पर आयुष डेस्क बनाए जा रहे हैं। इससे लोग कोरेाना के उपचार और बचाव की जानकारी ले सकेंगे। दूसरी तरफ, कोरोना से जंग में फ्रंटलाइन वारियर और आवश्यक सेवाओं कार्यरत कर्मियों को होम्योपैथिक दवाओं का सुरक्षा कवच भी मिलेगा। कार्मिकों और आम लोगों को आर्सनिक अल्बम व अन्य दवाएं दी जाएगी। इसके लिए सीएम ने राहत कोष से होम्योपैथिक चिकत्सिा सेवा विभाग को अलग से 1.18 करोड़ रुपये दिए हैं। </p> | 0 |
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"तीनों मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी बंद",
"कोविड अस्पतालों में लगेगी नर्सिंग छात्रों की डॺूटी"
] | <p><b>देहरादून </b>| <b>मुख्य संवाददाता</b></p><p>राज्य में कोरोना संक्रमण में बेतहाशा बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार ने दून, श्रीनगर और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों में नॉन कोविड ओपीडी बंद करने का फैसला किया है। तीनों मेडिकल कॉलेजों में बुधवार से केवल फ्लू मरीज ही ओपीडी में देखे जाएंगे और ऐसे मरीजों को ही भर्ती किया जाएगा। </p><p>सरकार ने राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेजों को पिछले साल ही कोविड अस्पताल घोषित करते हुए नॉन कोविड ओपीडी बंद कर दी थी। लेकिन संक्रमण कम होने के बाद सभी प्रकार के मरीजों के लिए ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी गई थी। अब एक बार फिर बेतहाशा संक्रमण के बाद तीनों मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में बदल दिया गया है। अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ.आशुतोष सयाना ने बताया, तीनों मेडिकल कॉलेजों में केवल कोविड ओपीडी संचालित होगी व कोविड मरीज ही भर्ती होगी। सामान्य मरीजों को ई-संजीवनी पोर्टल के जरिए ऑनलाइन ओपीडी सुविधा दी जाएंगी। डीजी हेल्थ डॉ.तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि मरीज 104 हेल्पलाइन व ई संजीवनी पोर्टल के जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से ऑनलाइन ओपीडी का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए क्यूआर कोड भी जारी किया है। </p><p><b>देहरादून। </b>लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और अस्पतालों पर भारी दबाव को देखते हुए सरकार ने नर्सिंग संस्थानों के अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं को कोविड ड्यूटी पर तैनात करने का निर्णय लिया है। सभी संस्थानों को अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ.पंकज पांडेय की ओर से इसके आदेश किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि राज्य के सभी नर्सिंग संस्थानों के सभी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के छात्रों को जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेजों, कोविड केयर सेंटर में नियुक्त किया जाएगा। सभी संस्थानों को अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की सूची तत्काल मुख्य चिकित्साधिकारियों को उपलब्ध कराने को कहा गया है। कोविड अस्पतालों में ड्यूटी के दौरान विद्यार्थियों को 15 हजार रुपये का मानदेय प्रतिमाह दिया जाएगा। जबकि इस अवधि को इंटर्नशिप के रूप में भी माना जाएगा। यदि नर्सिंग कॉलेजों के अंतिम वर्ष में पढ़ने वाला कोई विद्यार्थी कोविड अस्पताल में ड्यूटी से इंकार करता है तो उसे उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत नहीं किया जाएगा और ऐसे युवाओं को फिर भविष्य में राज्य में सरकारी व प्राइवेट नौकरी मिल पाना मुश्किल हो जाएगा। </p><p><b>इन्हें दी जाएगी तैनाती: </b>बीएससी नर्सिंग, जीएनएम, पोस्ट बेसिक बीएससी एवं एमएससी अंतिम वर्ष के सभी छात्र छात्राओं को। इन पाठ्यक्रमों में राज्य में इस समय करीब तीन हजार छात्र छात्राएं पढ़ रहे हैं ऐसे में राज्य के अस्पतालों में मरीजों के इलाज में नर्सों की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी।</p> | 0 |
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"कोविड केयर सेंटर में बढ़ाए गए बेड"
] | <p><b>देहरादून </b>| <b>मुख्य संवाददाता</b></p><p>रायपुर कोविड केयर सेंटर में 70 नए बेड लगा दिए गए हैं। बेड की मारामारी के बीच साढ़े चार सौ बेड सेंटर के गोदाम में डम्प होने की खबर हिन्दुस्तान में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है।</p><p>एक तरफ देहरादून में कोविड मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं, दूसरी तरफ रायपुर कोविड केयर सेंटर के गोदाम में सात महीने से साढ़े चार सौ बेड डम्प पड़े रहे। हिन्दुस्तान ने सोमवार 26 अप्रैल के अंक में इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद गत दो दिनों में अस्पताल प्रशासन ने गोदाम में रखे बेड सेंटर में लगाने शुरू कर दिए हैं। गत दो दिन में 70 बेड लगा दिए गए हैं। कोविड केयर सेंटर प्रभारी डॉ. आंनद शुक्ला के मुताबिक जरुरत के मुताबिक अन्य बेड भी लगाए जाएंगे। कुछ बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा भी दी जा रही है। दरअसल पहले इन बेड की आपूर्ति करने वाली कंपनी के कर्मचारी सात महीने से बेड फिक्स करने नहीं आए। जिस कारण बेड गोदाम में पड़े रह गए। अब प्रशासन ने रुड़की से मैकेनिक बुलाकर, बेड लगाने का अभियान तेज किया है। इस बीच अब स्टेडियम के प्रैक्टिस वाले हिस्से में भी फ्रेब्रिकेटेड वॉर्ड बनाकर, बेड लगाए जा रहे हैं। फिलहाल केंद्र पर पचास से अधिक मरीज भर्ती हैं। यहां प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों को ही रखा जा रहा है।</p> | 0 |
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"तीन पीसीसीएफ सहित सत्रह आईएफएस बदले"
] | <p><b>देहरादून </b>| <b>कार्यालय संवाददाता</b></p><p>राज्य सरकार ने वन विभाग में बड़ा फेरबदल करते हुए तीन पीसीसीएफ समेत 17 आईएफएस के तबादले कर दिए। ये तबादले पिछले काफी समय से अटके हुए थे। ज्यादातर अधिकारियों को खाली जगहों पर या प्रमोशन के बाद तैनाती दी गयी।</p><p>पीसीसीएफ विनोद सिंघल को जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि उनकी जगह अनूप मालिक को पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का चार्ज दिया गया है। पीसीसीएफ डीजीके शर्मा को वन निगम का एमडी बनाया गया है। </p><p>एपीसीसीएफ डॉ. विजय कुमार को बैम्बू बोर्ड का अध्यक्ष, डॉ कपिल जोशी को एपीसीसीएफ वन मुख्यालय, एसपी सुबुद्धि को एपीसीसीएफ वन संरक्षण का नोडल अधिकारी,बीके गांगटे को एपीसीसीएफ सतर्कता, मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो को मुख्यय वन संरक्षक वन पंचायत व हल्द्वानी जू निदेशक,डॉ इंदर पाल को सदस्य सचिव पीसीबी,अखिलेश तिवारी को वन संरक्षक शिवालिक और दून जू निदेशक, दीप चंद्र आर्य को निदेशक एफटीआई हल्द्वानी, किशन चंद को डीएफओ कालागढ़, हिमांशु बागड़ी को डीएफओ बागेश्वर, बलवंत शाही को डिएफओ तराई पश्चिमी रामनगर,मुकेश कुमार को डीएफओ पौड़ी,पुनीत तोमर को डीएफओ उत्तरकाशी और मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग मधुकर धकाते को मुख्य वन संरक्षक पारिस्थितिक पर्यटन प्रचार का चार्ज दिया गया है। </p> | 0 |
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"छात्रों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करे विवि"
] | <p><b>देहरादून। </b>राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए है कि, सभी छात्र-छात्राओं को कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाए। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को नियमित योग के लिए भी प्रोत्साहित करने को कहा है। </p><p>मंगलवार को राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ कोविड-19 के नियंत्रण के बारे में आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय गोद लिए गए गांवो में कोविड-19 बचाव के लिए कार्यक्रम चलाएं। </p> | 0 |
1,871,786 | [
"बदरीनाथ विधायक अपने ट्वीट पर घिरे"
] | <p><b>गोपेश्वर। </b>बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट का एक ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है। विधायक ने कोरोना संक्रमण के चलते अपने ट्वीट में लिखा ‘मित्रों कल से मरने वालों की संख्या में कमी आएगी। बस आप घर पर ही रहें।’ </p><p>विधायक के इस ट्वीट के वायरल होते वे ट्रोल किए जाने लगे। सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट के जवाब में अलग-अलग टिप्पणियां आने लगीं। कई लोगों ने विधायक भट्ट पर बेहद कड़ी टिप्पणियां भी कीं। इसके जवाब में विधायक ने कहा सकारात्मक पागलपन नकारात्मक से अच्छा है।</p><p>विधायक के ट्वीट को ट्रोल करते हुए किसी ने अपनी टिप्पणी ने भाषा को लेकर असहमति जताई, तो किसी ने गहरी नाराजगी जताई। विधायक और उनके समर्थकों ने टिप्पणी में कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुये अकारण घर से बाहर न निकलें का आशय था। किसी ने लिखा विधायक जी! आप मरने वालों की संख्या शब्द के बजाय मृत्यु दर में कमी शब्द भी तो कह सकते थे। </p> | 0 |
1,871,784 | [
"कंट्रोल रूम में प्रतिदिन 800 से काल बढ़ी "
] | <p>कोरोना की दूसरी लहर से पहले राज्य की 108 सेवा को एम्बुलेंस सेवाओं के लिए प्रतिदिन 2200 के करीब कॉल आती थी। इस समय प्रतिदिन आने वाली कॉल की संख्या तीन हजार के पार पहुंच गई है। जबकि सामान्य मरीज इस समय अस्पताल जाने से बच रहे हैं। ऐसे में एम्बुलेंस सेवाओं पर कोविडमरीजों का ज्यादा दबाव है। 108 सेवा को संचालित कर रही कैम्पा कंपनी के जीएम ऑपरेशन अनिल शर्मा बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर की वजह से एम्बुलेंस सेवाओं पर दबाव बढ़ा है। </p> | 0 |
1,871,785 | [
"कैंपा में केंद्र से राज्य को मिलेंगे त्र 950 करोड़ "
] | <p><b>देहरादून </b>| <b>विशेष संवाददाता</b></p><p>कोरोना संकट के बीच राज्य के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने कैंपा के तहत राज्य को 950 करोड़ मिलने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया। जल्द ही यह धन राज्य का मिल जाएगा। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। यह पहली बार है कि कैंपा के तहत राज्य को 950 करोड़ रुपये की बड़ी रकम मिलेगी। </p><p>वन मंत्री के अनुसार, अब तक बामुश्किल सौ करोड़ रुपये तक ही राज्य को मिल पाते थे। इस धन के मिलने से राज्य में वन जंगलों की आग के नियंत्रण, वनीकरण और अन्य अहम कार्य करने का रास्ता भी खुल गया है। मालूम हो कि कुछ समय पहले राज्य सरकार ने कैंपा के तहत केंद्र सरकार से अधिक धन देने का मांग की थी। राज्य का तर्क है कि उत्तराखंड वन भूमि के लिहाज से सर्वाधिक औसत वाला प्रदेश है। राज्य का 60 फीसदी से ज्यादा भूभाग वन क्षेत्र है। राज्य में विकास के लिए अधिक धन की आवश्यकता है।</p> | 0 |
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