storyid
int64
1.48M
17.5M
Headlines
sequence
Body
stringlengths
0
17.5k
is_subarticle
int64
0
1
1,871,792
[ "सोशल मीडिया पर प्लाज्मा डोनर, ऑक्सीजन, दवा और बेडों को लेकर वायरल हो रही फर्जी सूचनाएं ", "महामारी के बीच फर्जी सूचनाओं की बाढ़ आ गई " ]
<p><b>देहरादून </b>| <b>मुख्य संवाददाता</b></p><p>कोविड की मारक लहर के बीच, अपनों की जिंदगी बचाने के लिए जूझ रहे लोगों को मदद की फर्जी सूचनाओं से भी जूझना पड़ रहा है। आलम यह है कि तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्लाज्मा डोनर, ऑक्सीजन, बेड, डॉक्टर और दवा - इंजेक्शन उपलब्धता की भ्रामक सूचनाएं प्रसारित की जा रही है। जिसके जाल में लोग फंस रहे हैं। </p><p>गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा की मांग के बीच सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 64 प्लाज्मा डोनर की लिस्ट, उनके नाम और मोबाइल नंबर के साथ प्रसारित हो रही है। जहां से भी मदद की अपील आती है, लोग इस लिस्ट को फॉरवर्ड कर दे रहे हैं। जबकि लिस्ट में अधिकांश नाम दक्षिण भारत के हैं। और नंबर भी बंद चल रहे हैं। </p><p>इसी तरह पिछले सप्ताह देहरादून में कोरोना जांच का संकट गहराने पर कई लैब के नंबर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए, जबकि उस दिन तक उक्त लैब अपना काम रोक चुकी थी। ऐस ही कुछ आपातकाल में मदद के लिए कुछ डॉक्टरों के नंबर भी जारी किए जा रहे हैं। जबकि इसमें ज्यादातर नंबर लग ही नहीं रहे हैं। </p><p>युवाओं की टीम कर रही प्रमाणित</p><p>इस कठित वक्त में सही सूचनाओं की आवश्यकता को देखते हुए, धाद संस्था की दस सदस्यीय टीम सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूचनाओं को प्रमाणित कर रही है। </p><p>टीम के सदस्य वीरेश कुमार के मुताबिक प्लाज्मा डोनर की लिस्ट में कई नाम वास्तविक भी मिले, पर वो पहले ही प्लाज्मा दे चुके थे। इसमें कोई केरल का रहने वाला है तो कोई मुबंई में रहता है। इस तरह इस लिस्ट का उत्तराखंड में कोई इस्तेमाल नहीं है। धाद की सदस्य स्वाति डोभाल के मुताबिक उनके पास मदद की पेशकश करने वाले कुछ डॉक्टर के वैरिफाइड नंबर आए, जब उन्होंने इन पर फोन किया तो नंबर बंद मिले। </p><p>धाद के सचिव तन्मय ममगाईं के मुताबिक, लोगों की मंशा तो मदद करने की ही है, लेकिन प्रमाणित जानकारी न होने के कारण इससे पीड़ित का बेवजह समय ही जाया हो रहा हैं। बहुत पढ़े लिखे लोग भी बिना जांचे परखे हर सूचना को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे मरीजों के सामने दिक्कत ही आ रही है। </p>
0
1,871,547
[ "● मिनी लॉकडाउन के बाद लंबे लॉकडाउन की तैयारी शुरू ● बाजारों में राशन व जरूरी सामान खरीदने को उमड़ी भीड़", "रुद्रपुर में जरूरी सामान स्टोर कर रहे लोग" ]
<p><b>कोरोना का खौफ</b></p><p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>लोगों ने लॉकडाउन के लंबा खिंचने की आशंका में जरूरी चीजों की खरीदारी तेज कर दी है। जबकि अभी सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।</p><p> बीते सोमवार को सरकार के 27 अप्रैल से 3 मई तक कोविड कर्फ्यू की घोषणा के बाद मंगलवार सुबह सात बजे से 12 बजे तक आवश्यकीय सेवाओं की दुकानें खुलीं रहीं। लोग बड़े थैलों के साथ बाजार में खरीदारी करने पंहुचे। लोगों ने बाजार से दो से तीन महीनों के हिसाब से आटा, चावल, दाल, नमक, आलू, प्याज सहित लंबे समय तक खराब न होने वाले सामान खरीदे। रुद्रपुर के मुख्य बाजार स्थित मेडिकल स्टोर में दवा खरीदने वालों की होड़ दिखी। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती देखने के बाद किसी दुकान स्वामी ने ध्यान नहीं दिया। बाजार में सेनेटाइजेशन के इंतजाम नहीं दिखे।</p>
0
1,871,548
[ "रेमडेसिविर के बाद अब प्लाज्मा के लिए लगा रहे गुहार", "ठीक होने पर ही बनेगी एंटीबॉडी " ]
<p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>अजीत प्रताप गोस्वामी</b></p><p>जिले में रेमडेसिविर व ऑक्सीजन के बाद अब कोरोना संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत पड़ने लगी है। प्लाज्मा डोनेशन सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जो पहले कोरोना संक्रमित होकर ठीक हुआ हो। </p><p> ऐसे में जिले के कई कोरोना से पीड़ित लोगों के परिजन सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना से ठीक हुए लोगों की तलाश में करने में जुटे हैं और उनसे प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर गुहार लगा रहे हैं। डॉक्टरों के प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर लोगों को बार-बार जागरूक किया जा चुका है, बावजूद इसके लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आने से कतरा रहे हैं।</p><p>कुमाऊं में एक मात्र हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी संभव हो पा रही है। प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत कोरोना संक्रमित व्यक्ति को सभी तरह के इलाज कराने के बाद पड़ती है। डॉक्टर्स के अनुसार, प्लाज्मा थैरेपी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के उपचार में सबसे अधिक उपयोगी है। कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति के खून प्लाज्मा पाया जाता है। जिसे डोनेशन के माध्यम से कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डाला जाता है। इसके बाद संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मा की मदद से कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता उत्त्पन्न होती है। इसके बाद कुछ ही दिनों में संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।</p>
0
1,871,552
[ "कोरोना के नियम तोड़ने पर 70 का चालान" ]
<p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>कोरोना संक्रमण के रोकथाम को सरकार के आदेश का कड़ाई से पालन कराने को पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। जहां निर्धारित समयावधि से पहले पुलिस ने भीड़भाड़ व बाजारी इलाकों में माइक के माध्य्म से मुनादी करायी। वहीं, लोगों को सख्त हिदायत भी दी। इस दौरान उन्होंने बिना मास्क,सहित कोरोना नियम का पालन नहीं करने पर नगद चालान काटा। </p><p>मंगलवार को जैसे ही सुबह की पहली किरण धरती पर पड़ी। वैसे ही पुलिस की साइरनयुक्त गाड़िया सड़कों पर दौड़ने लगी। इस दौरान पुलिस की टीमों ने भीड़ भाड़ व बाजारी इलाकों में लाउड स्पीकर के माध्य्म से मुनादी की ओर सरकार व प्रशासन के गाइड लाइंस को दोहराते हुए उल्लंधन करने पर कारवाई की चेतावनी दी। दोपहर बारह बजे के बाद फिर पुलिस ने मशक्क्त करते हुए सभी थाना व चौकी इलाको में गश्त करते हुए नजर रखी।</p>
0
1,871,550
[ "कर्फ्यू में ढील मिलते ही टूट पड़ी भीड़" ]
<p><b>काशीपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता </b></p><p>कोविड संक्रमण रोकने को जिले में लागू मिनी लॉकडाउन के पहले दिन डीएम के आदेश के बाद आवश्यक सेवा वस्तु वाली दुकानें खुली रहीं। वहीं बाजार समेत मोहल्लों में अन्य सामान की दुकानें भी खुलीं। परचून की दुकानों में सबसे अधिक भीड़ देखी गई। इस दौरान लोगों ने सामान खरीदने के चक्कर में कोरोना को ही भुला दिया। वहीं 12 बजते ही पुलिस ने सख्ती दिखाते हुई बाजार बंद करा दिया। पुलिस ने लॉकडाउन में बेवजह घूम रहे लोगों की लताड़ लगाने के बाद चालान काटे। </p><p>बता दें कोविड के बढ़ते संक्रमण के चलते डीएम ने तीन मई तक सब्जी, डेरी, बेकरी, मीट,राशन, बीज, कृर्षि की दुकाने सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक खोलने के आदेश दिये हैं। मंगलवार को सुबह से ही लोगों भी भीड़ बाजार में जुटने लगी। नौ बजे तक मुख्य बाजार में जाम की स्थिति हो गई। वहीं बाजार में आवश्यक सेवाओं के अलावा कई अन्य दुकानें भी खुली रही। जलेबी, खस्ते के ठेलों में भीड़ रही।</p>
0
1,871,544
[ "कर्फ्यू के बीच क्रय केंद्रों में गेहूं की ३०० कुंतल खरीद" ]
<p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>जिले में मिनी लॉकडाउन के बीच क्रय केंद्रों में गेहूं की खरीद जारी है। रुद्रपुर तहसील में मंगलवार को तराई विकास संघ के क्रय केंद्र में 300 कुंतल की खरीद हुई, जबकि बिगवाड़, गल्ला मंडी स्थित क्रय केंद्रों समेत अन्य केंद्रों में गेहूं की खरीद नहीं हुई है। वहीं, क्रय केंद्र प्रभारियों ने किसानों को केंद्र में आने से पूर्व कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।</p><p>सोमवार को जिलाधिकारी रंजना राजगुरु के आदेश के बाद जिले में मिनी लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसमें आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार की सेवाओं में पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।</p><p> इसी क्रम में किसानों को क्रय केंद्रों में गेहूं लाने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों की छूट दी गयी है। केंद्र प्रभारी प्रेम यादव ने बताया कि उनके क्रय केंद्र में 300 कुंतल की खरीद हुई है।</p>
0
1,871,546
[ "जसपुर के मोहल्लों में जुटी भीड़ को पुलिस ने खदेड़ा " ]
<p><b>जसपुर। </b>कोरोना वायरस के कारण लगे मिनी लॉकडाउन के पहले दिन निर्धारित समय के लिए महिला एवं पुरुषों की भीड़ बाजार में उमड़ी। भीड़ के कारण बाजार साप्ताहिक बाजार जैसा नजर आया। निर्धारित अविध समाप्त होने के बाद पुलिस ने सभी को घर भेज दिया।</p><p>मंगलवार को पहले दिन सुबह सात से 12 बजे तक का समय मिलने के बाद लोग खरीदारी करने उमड़ पड़े। इस दौरान सब्जी मंडी में लोगों की भारी भीड़ जुटी। वहीं, किराना समेत अन्य जरूरी सामान की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई। किराना और सब्जी की दुकानों पर रेट बढ़ाकर बेचा गया। </p>
0
1,871,551
[ "ऊधमसिंह नगर में आठ की मौत " ]
<p><b>काशीपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>ऊधमसिंह नगर में मंगलवार को कोरोना संक्रमण से अलग-अलग शहरों में सात लोगों की मौत हो गई। खटीमा में सर्वाधिक तीन लोगों की कोरोना से मौत हुई। जबकि काशीपुर में महिला समेत दो लोगों की मौत हुई। </p><p>काशीपुर में एक निजी अस्पताल में कार्यरत व मोहल्ला नई बस्ती निवासी कोरोना संक्रमित 32 वर्षीय महिला स्वास्थ्यकर्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उधर, ग्राम बरखेड़ा निवासी 49 वर्षीय एक व्यक्ति की एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। निगम के प्रभारी एसएनए विकास शर्मा ने कहा कहा अंतिम संस्कार कर दिया है। उधर, वरिष्ठ पत्रकार हसीन खान का भी हल्द्वानी में कोरोना से इंतकाल हो गया है।</p>
0
1,871,545
[ "पुलिस ने शहर में घूम कर बंद कराया बाजार " ]
<p><b>बाजपुर। </b>अति आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर पूरे जिले में डीएम के लगाये गये साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू का पहले दिन नगर में मिला जुला असर देखने को मिला। बाजार में लोगों की भारी आवाजाही रही तो प्रशासन ने सुबह ही खुली दुकानों को बंद करा दिया। सीओ दीपशिखा अग्रवाल और कोतवाल संजय पांडे ने कर्फ्यू पालन के निर्देश दिये।</p>
0
1,871,542
[ "लॉकडाउन में घूम रहे लोगों पर सख्ती " ]
<p><b>सितारगंज। </b>लॉकडाउन लगने के बाद सड़कों में बेवजह घूम रहे लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारी। साथ ही पुलिस टीम ने जरूरतमंद लोगों की मदद कर उन्हें राहत पहुंचाई। सरकार की ओर से लिए गए लॉकडाउन के फैसले का क्षेत्रवासियों ने भी पालन कर इस लड़ाई में अपनी भागीदारी दी।</p>
0
1,871,543
[ "जिला मुख्यालय में छह और कंटेनमेंट जोन बने" ]
<p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>जनपद में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रुद्रपुर में छह स्थानों को कंटेन्मेंट जोन के लिये चिन्हित किया है। इसकी संस्तुति के लिए प्रशासन को पत्र भेजा है।</p><p>कंटेनमेंट जोन प्रभारी व एसीएमओ डॉ. हरेंद्र मलिक ने बताया कि रुद्रपुर में वीएम स्क्वायर कालोनी फेज-1 मकान नंबर-25, खुशी इन्क्लेव हाउस नंबर 16 नियर रेलवे क्रासिंग भुरारानी रोड, बीटा 18 एयरपोर्ट पंतनगर, भदईपुरा, जी-23 मेट्रोपोलिस सिटी और एनएच 87 ओमेक्स रिवेरा में 6 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।</p><p> वहीं कंटेनमेंट जोन प्रभारी डॉ. मलिक ने कहा कोरोना संक्रमित मिलने के बाद इन स्थानों को कंटेन्मेंट जोन बनाने के लिए प्रशासन को संस्तुति के लिए भेजा है। </p>
0
1,871,549
[ " एक जैसे लक्षण होने के कारण कोरोना संक्रमित पहचानने में हो रही परेशानी, डॉक्टर कोरोना टेस्ट कराने की दे रहे हैं सलाह" ]
<p><b>काशीपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच वायरल फीवर और टाइफाइड ने डॉक्टरों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। दरअसल, तीनों बीमारियों के लक्षण लगभग एक समान हैं। इस वजह से कोरोना की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। इसके लिए डॉक्टरों की सलाह है प्रशिक्षित डॉक्टर से ही सलाह लें और अपना टेस्ट अवश्य कराएं।</p><p>किसी भी वायरस की वजह से होने वाला बुखार वायरल होता है। यह विशेषकर मौसम बदलने के दौरान होने वाली बीमारी है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण हमारे शरीर की प्रतिरक्षी तंत्री कमजोर पड़ जाती है और शरीर जल्दी वायरस के संक्रमण में आ जाता है। मौसम में बदलाव, खान-पान में गड़बड़ी या फिर शारीरिक कमजोरी की वजह से भी वायरल बुखार होता है। वायरल बुखार हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र को कमजोर कर देता है। इस वजह से वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाते हैं। वायरल बुखार के लक्षण आम बुखार जैसे ही होते हैं, लेकिन इसको उपेक्षा करने पर व्यक्ति की हालत काफी गंभीर हो सकती है। बच्चों में यह अधिक देखा जाता है। मौसम में बदलाव आने के कारण बच्चों में वायरल बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है। क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती। ऐसे में बच्चों में तापमान अधिक होने के कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।</p>
0
1,872,082
[ "कोरोना काल में प्याज, टमाटर, खीरा और फलों में अंगूर, संतरा के दाम बढ़ने सेे जेब पर बोझ बढ़ा", "सब्जियों के दाम में १० रुपये तक उछाल" ]
<p><b>ऊधमसिंह नगर </b><b>l </b><b>हिटी</b></p><p>कोरोना संक्रमण रोकथाम को कर्फ्यू लगने के साथ ही फलों और सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। विटामिन और प्रोटीन से भरे प्याज, टमाटर, खीरा जैसी सब्जियों के दामों में पांच से दस रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है। वहीं विटामिन सी का मुख्य स्रोत अंगूर और संतरे के दामों में भी उछाल आया है। </p><p>स्थानीय फल और सब्जी विक्रेताओं का मानना है कि कई राज्यों में कोविड कर्फ्यू लगने के कारण फल और सब्जियों की आवक कम हो गई है। दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विटामिन सी और प्रोटीन से भरी सब्जियों की मांग में भी इजाफा हुआ है। इस वजह से आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और बढ़ सकते हैं। हालांकि रुद्रपुर में सब्जियों के दामों में ज्यादा अंतर नहीं आया है।</p><p><b>तमाम प्रकार की सब्जियों का प्रतीकात्मक चित्र।</b></p>
0
1,872,083
[ "सलाह", "फेफड़ों पर वार करता है कोरोना, इस तरह रखें सुरक्षित" ]
<p><b>सेकंड से 60 सेकंड तक श्वास को रोकें। ऐसा तीन बार करें </b></p>
0
1,872,084
[ "कालाबाजारी करने पर लगाया जाएगा गैंगस्टर एक्ट: एसएसपी" ]
<p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>वरिष्ठ संवाददाता </b></p><p>वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने 3 मई तक कोविड कर्फ्यू लगाने के जिलाधिकारी रंजना राजगुरु के आदेश के बाद मंगलवार कोई थाना क्षेत्रों का भ्रमण कर पुलिस की मुस्तैदी परखी। इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों को आम जनता से बात भी की। उन्होंने कहा कि बुधवार से पुलिस पूरी सख्ती के साथ कोविड कर्फ्यू का पालन कराएगी। उन्होंने कहा कि कोविड काल में आवश्सक वस्तुओं की कालाबाजारी करने वालों को गैंगेस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया जाएगा। </p><p>मंगलवार को एसएसपी दलीप सिंह कुंवर रुद्रपुर, पुलबट्टा, सितारगंज, नानकमत्ता थाना क्षेत्रों का भ्रमण किया। इन दौरान उन्होंने बॉर्डर चेक पॉइंट्स, कोविड अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर्स की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एसएसपी ने पुलिस और आम जनता से बात की। उन्होंने सभी पुलिस कर्मियों को सुरक्षा बिदुओं के प्रति संवेदनशील किया। उन्होंने पुलिस कार्मियों से कहा कि सुरक्षा व्यवस्था मे लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसएसपी ने जरूरी वस्तुओं की कालाबाज़ारी वालों को कालाबाज़ारी करते पकड़ा जाने पर गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि बुधवार से पुलिस और सख्ती के साथ कर्फ्यू को लागू करेगी।</p>
0
1,872,067
[ "अच्छे खान-पान से संयुक्त मजिस्ट्रेट ने कोरोना महामारी को हराया " ]
<p><b>काशीपुर। </b>संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल का मानना है कि कोरोना संक्रमित होने वाले व्यक्ति के परिवार व स्वयं पीड़ित को कभी घबराना नहीं चाहिए। बल्कि सावधानी बरतनी चाहिए। अगर आपने सावधानी बरती और डॉक्टर की बताई दवाओं का नियमित सेवन किया तो जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं। संयुक्त मजिस्ट्रेट बताते हैं वह दिसंबर 2020 में संक्रमित हुए थे। इस दौरान वह 17 जनवरी तक होम आइसोलेशन में रहे। उन्होंने किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी और खुद भी घर से नहीं निकले। साथ ही बताया जब वह संक्रमित हुए थे तब उन्होंने डॉक्टरों की दी दवाओं का नियमित सेवन किया और अपने खानपान पर विशेष ध्यान दिया। इससे वह संक्रमण से जल्द ठीक हो गए। उनका मानना है कि अगर संक्रमण हो जाता है घबराने की नहीं बल्कि धैर्य की जरूरत है। अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखने के साथ लिक्विड अधिक से अधिक लें। </p>
0
1,872,070
[ "इन घरेलू उपाए को जरूर अपनाएं " ]
<p>● गर्म पानी का भाप ले दिन में तीन से चार बार। पानी में अगर अजवाइन और कपूर डाले तो और बेहतर होगा</p><p>● हल्के गुनगुने पानी में नीबू डालकर पानी पीते रहें। अगर नीबू न हो तो गर्म पानी का सेवन भी फेफड़े को संक्रमण से बचाता है</p><p>● ठंडे पानी का सेवन बिल्कुल न करें। फलों में संतरा,सेब और नारियल का पानी पीते रहें</p>
0
1,872,071
[ "टीका लगाने से नहीं टूटेगा रोजा " ]
<p><b>सितारगंज। </b>रोजेदार रोजे की हालत में कोई भी इंजेक्शन लगवा सकता है। इंजेक्शन लगने के बाद रोजेदार का रोजा महफूज रहेगा। कोरोना की रोकथाम के लिये चलाये जा रहे टीकाकरण के सवाल पर धर्मगुरु ने इसकी जानकारी दी है। </p><p>नगर के चिंतीमजरा मदरसा फैजाने सिद्धिकी अकबर के प्रबंधक कारी रहीश अहमद ने बताया कोरोना से बचाव के लिए आमजन नियमित मास्क लगाये। सामाजिक दूरी का पालन करना बेहद जरूरी है। कहा कि शरीयत के अनुसार हुकूमत-ए-हिंद की गाइडलाइन समाज के लोगों पर फर्ज है, इस पर अमल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा रमजान के पाक महीने में खुदा रोजेदार के गुनाह माफ कर देता है।</p>
0
1,872,069
[ "काशीपुर-बाजपुर में प्रमुख फल-सब्जियों के दाम" ]
<p><b>सब्जी/फल15 दिन पहलेअब</b></p><p>प्याज1525 </p><p>टमाटर1020</p><p>खीरा1015-20</p><p>आलू1015</p><p>नींबू160120 </p><p>सेब140-160140-200 </p><p>अंगूर6080-100</p><p>अनन्नास7080</p><p>संतरा5070</p>
0
1,872,068
[ "सकारात्मक सोच, स्वस्थ जीवन शैली रखेंगे तो कोरोना जरूर हारेगा" ]
<p>हल्द्वानी। कोरोना संक्रमण के साथ दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में लोग थोड़ी सी तकलीफ पर भी पैनिक हो रहे हैं। इसी पैनिक होने के चलते भी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रखने के लिए सकारात्मक सोच और तरीके अपनाने होंगे। यह कहना है एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि पंत का। डॉ. रश्मि पंत का कहना है कि अपने आपको रोज सकारात्मक सुझाव दें कि सब कुछ फिर से ठीक होगा। धैर्य बनाए रखें। घर के सभी सदस्यों से बात करें, ज्यादा देर अकेले न बैठें। नकारात्मक चीजों पर कम चर्चा करें और परिवार के सदस्यों का ख्याल रखें। घर से कम निकलें, फोन से दोस्तों और रिश्तेदारों का हाल-चाल लेते रहें। सभी लोगों के साथ खतरे के साथ उससे निपटने के लिए भी सकारात्मक बातचीत करें। </p>
0
1,872,075
[ "प्रत्येक गांव सेनेटाइज कराएगा ब्लॉक" ]
<p><b>सितारगंज। </b>ब्लॉक प्रमुख कमलजीत कौर ने कहा ब्लॉक के सभी गांवों को सेनेटाइज किये जाने के आदेश दिये गये हैं। बुधवार से गांवों में प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। कोरोना संक्रमण से इस बार गांव भी अछूते नहीं रहे हैं। रोजाना गांवों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। गांवों में कंटेनमेंट जोन भी बनाये जा रहे हैं। कहा नियमित रूप से सेनेटाइजिंग कराने को कहा गया है। ईओ गौतम ने कहा सार्वजनिक स्थानों में सेनेटाइजिंग लगातार जारी है। </p>
0
1,872,076
[ "मेरी सब्जी..... " ]
<p>मेरी सब्जी मंडी में सब्जी की दुकान है। खीरे, करेला आदि की स्थानीय फसल आने से इन सब्जियों के दामों में पिछले 15 दिनों में बढ़ी गिरवाट आई है। वहीं अब लॉकडाउन लगने वाला है। इसको लेकर कई दुकानदारों के पास बड़ी मात्रा में टमाटर रखा है। इसके चलते सब्जियों को कम दामों पर बेच रहे हैं।</p><p><b>-किशोर, </b>सब्जी विक्रेता, रुद्रपुर</p>
0
1,872,077
[ "मैं फल..... " ]
<p>मैं फल का ठेला लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता हूं। मंगलवार से लॉकडाउन लगने वाला है। मेरे पास पहले से काफी फल रखे हुए हैं। अब तो जल्दी अपने फलों कम दामों में बेचकर अपनी लागत निकाल रहा हूं। स्थिति देखके तो ऐसा लगता है की लागत के पैसे भी नहीं निकलने वाले हैं। </p><p><b>-विनय, </b>फल विक्रेता, रुद्रपुर</p>
0
1,872,079
[ "टीकाकरण का लगाया सेंटर " ]
<p><b>खटीमा। </b>भारत विकास परिषद द्वारा सनातन धर्मशाला में लगाए गये कोविशिल्ड टीकाकरण सेंटर का विधायक पुष्कर सिंह धामी, कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. वीपी सिंह ने शुभारंभ किया। टीकाकरण केंद्र 27 और 28 अप्रैल को सुबह दस बजे से चलेगा। विधायक धामी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के साथ ही मास्क का उपयोग करने को कहा।</p>
0
1,872,080
[ "बेड और वेंटीलेटर की मांग " ]
<p><b>सितारगंज। </b>पालिकाध्यक्ष हरीश दुबे ने सीएम, स्वास्थ्य सचिव को मांग पत्र भेजकर सितारगंज के सामुदायिक अस्पताल और नानकमत्ता के सामुदायिक अस्पताल में आईसीयू बेड, ऑक्सीजनयुक्त बेड, वेंटीलेटर मशीन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण का क्षेत्र में इलाज की सुविधा नहीं होने से असामायिक मौत हो रही हैं।</p>
0
1,872,078
[ "कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी " ]
<p><b>जसपुर। </b>एसडीएम सुंदर सिंह ने मिनी लॉकडाउन में कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दुकानदारों से अपील की है कि संक्रमण के समय में सहयोग बनाते हुए काम करें। मंगलवार को एसडीएम सुंदर सिंह ने कालाबाजारी रोकने को बनाये गए नोडल आर्य श्याम लाल आर्य, प्रभारी तहसीलदार वीसी आर्य, हल्का लेखपाल की बैठक लेकर कालाबाजारी वालों पर नजर रखकर कार्रवाई करने को कहा। </p>
0
1,872,081
[ "● कोरोना संबंधित जानकारी लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर 05944297703, 05944246590 पर कर सकते हैं कॉल।" ]
<p>● <b>कोरोना संक्रमित लोग जिला अस्पताल कोरोना नोडल अधिकारी डॉ़ गौरव अग्रवाल से 9917171119 नंबर पर कॉल कर ले सकते हैं सलाह।</b></p><p>● <b>डॉक्टरी परामर्श और मदद के लिये इस नंबर पर भी कॉल कर जानकारी ले सकते हैं: 05944-246590</b></p>
0
1,872,072
[ "एक्शन प्लान के साथ हो रहा सेनेटाइजेशन" ]
<p><b> रुद्रपुर। </b>कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप को देखते हुए नगर निगम ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक बार फिर कमर कस ली है। सेनेटाइजर का छिड़काव और सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए मेयर रामपाल सिंह के निर्देश पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है। सेनेटाइजेशन के लिए रैपिड एक्शन टीम तैयार की गई है। </p>
0
1,872,065
[ "गदरपुर में यूथ कांग्रेस ने मास्क वितरित किया " ]
<p><b>गदरपुर। </b>मुहिम के तहत आज यूथ कांग्रेस ने पूरे राज्य में मास्क वितरण का आयोजन किया गया। इसके तहत यकां प्रदेश अध्यक्ष सुमितर भुल्लर के नेतृत्व में युवा कांग्रेसियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 25 लीटर सेनेटाइजर और 1500 मास्क मदद स्वरूप भेंट किया और आगे भी हर तरह से मदद का आश्वासन दिया।</p>
0
1,872,073
[ "अस्पतालों के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए" ]
<p><b>काशीपुर। </b>कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए शहर में बनाए गए निजी कोविड अस्पतालों की मॉनिटरिंग और मरीजों की सहूलियत के लिए डीएम ने नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।</p><p>सीएमओ डॉ.देवेंद्र पंचपाल ने बताया कि काशीपुर के देवभूमि अस्पताल व केवीआर अस्पताल के लिए पशु चिकित्साधिकारी डॉ.विक्रांत गिल और सिद्धिविनायक अस्पताल व प्रकाश अस्पताल के लिए पशु चिकित्साधिकारी डॉ.राजीव कुमार, गहतौड़ी अस्पताल व संजीवनी अस्पताल के लिए लोनिवि के एई शंकर सिंह, श्री कृष्ण अस्पताल, स्पर्श अस्पताल और नव्या अस्पताल के लिए लोनिवि के ईई अरुण कुमार को नोडल अधिकारी नामित किया है।</p>
0
1,872,066
[ "रुद्रपुर में मॉनिटरिंग के लिए आठ नोडल अधिकारी बनाए " ]
<p><b>रुद्रपुर </b><b>l </b><b>वरिष्ठ संवाददाता </b></p><p>डीएम रंजना राजगुरु ने जिले के आठ अधिकारियों को निजी कोविड अस्पतालों की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नामित किया है। </p><p>जिलाधिकारी ने डॉ. विक्रांत गिल पशु चिकित्साधिकारी जसपुर, डॉ. राजीव कुमार पशु चिकित्साधिकारी काशीपुर, शंकर सिंह सहायक अभियंता लोनवि काशीपुर, अरुण कुमार अधिशासी अभियंता लोनिवि काशीपुर, डॉ. रवि शंकर झा पीएचसी गदरपुर, डॉ. राजीव सिंह पीएचसी रुद्रपुर, दीपक सैनी अधिशासी अभियंता विद्युत खटीमा और अधिशासी अभियंता सिंचाई सितारगंज अरविंद नेगी को नोडल अधिकारी नामित किया है।</p>
0
1,872,074
[ "जरूरी सामानों के अलावा अन्य दुकानें भी खोली जाएं " ]
<p><b>दिनेशपुर। </b>लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकान के साथ साथ अन्य दुकानों को भी पूर्व की भांति खोलने के लिए देव भूमि व्यापार मंडल ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। इस संबंध में व्यापारियों ने थानाध्यक्ष के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया। अध्यक्ष राजेश नारंग के नेतृत्व में तमाम व्यापारियों ने थानाध्यक्ष के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि व्यापारियों के सामने तमाम समस्याएं हैं। उन्होंने पूर्व की भांति अन्य दुकानों को भी खोलने की अनुमति प्रदान करने की मांग की है। </p>
0
1,872,085
[ "मौके पर पहुंचे लोनिवि के जेई का ग्रामीणों ने किया विरोध ", "बाजपुर में घटिया डामर देख सड़क का काम रोका " ]
<p><b>बाजपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>घटिया सामग्री से सड़क बनाने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने निर्माण कार्य रोक दिया। हंगामे के बीच लोनिवि अधिकारी मौके पर पहुंचे। यहां इन लोगों ने घटिया सामग्री हटाकर अच्छी क्वालिटी का माल लगाकर काम पुन: शुरू कराया।</p><p>लंबे समय बाद बुक्सा बाहुल्य ग्राम नकदपुरी में 2300 मीटर सड़क डामर सड़क बनाने का काम मंगलवार को लोनिवि ने शुरू किया था। काम शुरू होने के बाद ग्रामीणों ने हंगामा कर काम रुकवा दिया। लोगों का आरोप था कि लोनिवि इस सड़क निर्माण में घटिया सामग्री लगा रहा है। इस कारण यह सड़क मामूली बरसात भी नहीं झेल पायेगी। लोगों ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर विभागीय अधिकारियों को मौके पर पहुंचने की बात कही। हंगामे के बीच लोनिवि के जेई जगजीवन मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका विरोध किया। जेई ने घटिया निर्माण सामग्री को हटाते हुए उच्च क्वालिटी का सामान लगाकर लोगों को विश्वास में लेकर पुन:सड़क का काम शुरू करवा दिया। यहां उप प्रधान हरपाल सिंह, लवप्रीत सिंह सिद्धू, विशाल शर्मा, पवन, मंगल, दीपक, गजेंद्र, मनोज तथा शम्भू सिंह आदि मौजूद रहे।</p>
0
1,872,093
[ "हादसे में पति की मौत, पत्नी घायल " ]
<p><b>किच्छा </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>थाना पुलभट्टा के निकट बेकाबू ट्रक ने बाइक सवार दंपति को टक्कर मार दी। हादसे में पति की मौत हो गयी, जबकि पत्नी घायल हो गयी। </p><p> जानकारी के अनुसार कृष्णा नगर कॉलोनी खीरी यूपी निवासी दयानंद (45) पुत्र हीरालाल रुद्रपुर में किराये के मकान में रहकर सिडकुल की एक फैक्ट्री में काम करता था। मंगलवार को वह पत्नी सुनीता देवी को बाइक पर बैठा कर खीरी से रुद्रपुर आ रहा था। पुलभट्टा थाने के निकट उनकी बाइक को सामने से आ रहे बेकाबू ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दंपति गंभीर रूप से घायल हो गये। सूचना मिलते ही पुलभट्टा पुलिस मौके पर पहुंच गई। दयानंद को गंभीर अवस्था में किच्छा के सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। पुलभट्टा थाना इंचार्ज विनोद जोशी ने कहा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।</p>
0
1,872,094
[ "युवक ने खुद के पेट पर मारी कांच की बोतल" ]
<p><b>जसपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>पत्नी और सास को मारने पीटने के बाद उन्हें डराने और कार्रवाई से बचने के लिए शराबी युवक ने अपने ही पेट में कांच की बोतल दे मारी। इससे उसकी आंतें बाहर आ गई। परिजन उसे सरकारी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया है। </p><p> मुरादाबाद के थाना छजलेट निवासी रिजवान पुत्र इशरार की शादी मोहल्ला नई बस्ती निवासी फूलजहां से हुई है। उसके दो बच्चें भी है। बताते हैं शादी के कुछ दिन बाद रिजवान काम के सिलसिले में पत्नी को लेकर अपनी ससुराल आ गया था। वह यहां लकड़ी मंडी में काम करने लगा। बीती मंगलवार को वह शराब के नशे में घर आया और किसी बात पर पत्नी से झगड़ने लगा। शोर शराबा होने पर सास भी आ गई। आरोप है रिजवान ने पत्नी और सास को बुरी तरह से मारा पीटा। ससुरालियों ने पुलिस कार्रवाई का डर दिखाया तो रिजवान ने इससे बचने और मरने का डर दिखाते हुए पास पड़ी कांच की बोतल को तोड़कर अपने पेट में मार लिया। इससे उसकी आंतें बाहर आ गई। परिजन रिजवान को तत्काल सरकारी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार किया। साथ ही उसकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। इधर, बाजार चौकी इंचार्ज जीएस अधिकारी ने कहा रिजवान ने नशे में अपनी पत्नी को डराने की नियत से अपने पेट में स्वयं ही कांच की बोतल दे मारी। कहा मामले में अब तक कोई तहरीर नहीं आई है। </p>
0
1,872,096
[ "फैक्ट्रियों में ड्यूटी के लिए अब आरटीपीसीआर जरूरी नहीं " ]
<p><b>सितारगंज </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>फैक्ट्रियों में नौकरी के लिए अब आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी नहीं है। विधायक सौरभ बहुगुणा ने सितारगंज सिडकुल इंडस्ट्रीज वेलफेयर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गुप्ता से वार्ता कर इस पर सहमति बनायी। </p><p> मंगलवार को विधायक बहुगुणा ने कहा सिडकुल में जॉब करने के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य मांगी जा रही थी। इससे सामुदायिक अस्पताल में आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए लंबी कतारें लगी रहती है। इस कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने की शिकायतें मिल रही थी। उन्होंने सितारगंज सिडकुल इंडस्ट्रीज वेलफेयर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष से वार्ता कर रैपिड एंटीजन रिपोर्ट को मान्यता देने का अनुरोध किया। इस पर सहमति हो जाने के बाद अस्पताल में आरटीपीसीआर रिपोर्ट के लिए लाइन अपेक्षाकृत कम रही। कहा कोरोना संक्रमण फैलने से टेस्टिंग बढ़ाई है। कहा स्वास्थ्य सचिव ने 15 दिनों में और चिकित्सकों की तैनाती का आश्वासन दिया है।</p>
0
1,872,095
[ "महुवाडाबरा में 3 करोड़ से होंगे विकास कार्य" ]
<p><b>जसपुर </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता</b></p><p>नगर पंचायत महुवाडाबरा में आने वाले कुछ दिनों में 25 जर्जर सड़कों की तस्वीर बदल जायेगी। इसके अलावा पचांयत तीन स्वागत द्वारों का निर्माण तो बेरोजगारों के लिए दुकानों का निर्माण करायेगी। इन सभी कार्यों पर बोर्ड की मुहर लग चुकी है। पंचायत इन पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च करेगी।</p><p>नगर पंचायत महुवाडाबरा ने राज्य वित्त एवं बोर्ड फंड की रकम से तीन करोड़ रुपये के काम निकाले हैं। इनमें कुछ ऐसी सड़कें हैं जिन पर चलना भी भारी हो रहा था। वहीं, बेरोजगारो को रोजगार देने के मकसद से ग्रामीणों के कब्जे से मुक्त कराई जमीन में दो दुकानों को बनवाया जायेगा। </p><p>इधर, ईओ मो.इस्लाम ने बताया कि महुवाडाबरा बस स्टैंड, नादेही रोड पर श्री साईं कॉलेज रोड तिराहे, देवीपुरा रोड यूपी सीमा के पास के स्वागत द्वार बनेंगे।</p>
0
1,872,097
[ "कांग्रेसियों ने विद्युत दरों की मूल्य वृद्धि पर आक्रोश जताया" ]
<p><b>किच्छा। </b>अखिल भारतीय राहुल गांधी बिग्रेड के पूर्व प्रदेश सचिव भूपेंद्र कुमार उर्फ बंटी पपनेजा ने राज्य सरकार द्वारा विद्युत दरों में बढ़ोतरी किए जाने पर विरोध जताया है। पपनेजा ने आरोप लगाया भाजपा सरकार में जनता पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों से परेशान है। </p><p> सरकार ने विद्युत दर की मूल्य वृद्धि कर महंगाई बढ़ाने का कार्य किया है। जिससे आमजन की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उत्तराखंड की जनता सरकार की जनविरोधी नीतियों को समझ चुकी है। आगामी चुनाव में जनता भाजपा सरकार को सत्ता से अलग कर देगी। </p>
0
1,872,098
[ "फेसबुक फ्रेंड पर कार्रवाई की मांग" ]
<p><b>काशीपुर। </b>रामनगर निवासी एक युवती ने पुलिस को तहरीर दी। कहा फेसबुक पर उसकी पहचान काशीपुर निवासी एक युवक से हुई। चेटिंग के दौरान दोनों के बीच संबंध हो गए। मिलने पर उसने शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन उसने मना कर दिया और उसकी शादी दूसरी जगह सात मई को तय हो गई। </p><p> आरोपी ने दूसरी जगह शादी करने पर धमकी दी और वह उसके मंगेतर और परिजनों को धमकी दे रहा है। पुलिस को तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मंगलवार को युवती फिर कोतवाली पहुंच गई और कार्रवाई न होने तक घर न जाने की जिद पर अड़ गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। </p>
0
1,872,087
[ "फड़ व्यापारियों से तहबाजारी नहीं लेगा " ]
<p><b>किच्छा। </b>कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए नगरपालिका ने समस्त फड़ एवं ठेला व्यवसायियों से तहबाजारी की वसूली स्थगित करने का निर्णय लिया है। नगर पालिकाध्यक्ष दर्शन कोली ने कहा कोरोना काल में नगर के फड़ एवं ठेला व्यवसायियों को अर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। जिसके चलते यह निर्णय लिया है।</p>
0
1,872,089
[ "देवरिया मंदिर के दानपात्र के चोरों नेताले तोड़े " ]
<p><b>किच्छा। </b>वार्ड 1 चुकटी देवरिया में चोरों ने मंदिर में रखे तीन दानपात्रों के ताले तोड़ने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे का मॉनिटर और इन्वर्टर चुरा लिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली। वार्ड 1 चुकटी देवरिया में हाईवे किनारे हनुमान मंदिर स्थित है। पुजारी मनोहर चंद लोहनी ने तहरीर दी है।</p>
0
1,872,099
[ "वरिष्ठ पत्रकार रामआसरे के निधन पर जताया " ]
<p><b>सितारगंज। </b>वरिष्ठ पत्रकार रामआसरे भारद्वाज का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। पत्रकारों ने उनके निधन पर शोक जताया है। शोक जताने वालों में राजेंद्र तिवारी, अविनाश श्रीवास्तव, उमेश पांडे, हनी़फ बाबा, यामीन अंसारी, अबरार अहमद, कफील अहमद, काशिम अंसारी, अनीस रजा, मो.आरिफ, जाहिद मलिक, लहीक अहमद, रवि रस्तोगी, इमरान, शानू अंसारी, नदीम कुरैशी रहे।</p>
0
1,872,092
[ "अज्ञात कारणों से झोपड़ी में लगी आग " ]
<p><b>खटीमा। </b>बलुवा सिसैया गांव में रमई प्रसाद पुत्र धनराज की झोपड़ी में अज्ञात कारणों से लगी आग के कारण गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने काफी प्रयास किया परंतु आग पर काबू नहीं पाया जा सका। देखते ही देखते पूरी झोपड़ी ,एक दुधारू गाय ,राशन, कपड़ा, बर्तन व अन्य सामान जलकर राख हो गया। </p>
0
1,872,091
[ "बन्नाखेड़ा आग से 22 झोपड़ियां जलीं" ]
<p><b>बाजपुर। </b>ग्राम बन्नाखेड़ा बल्ली के किनारे झोपड़ियाें में रहने वाले श्रमिकों की झोपड़ियों में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने 22 झोपड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। अग्निकांड में महेंद्र सिंह की पांच, रविंद्र की दो, कल्लू की तीन, लालाराम की दो, रमेश की चार, प्रीतम तथा कृष्णा देवी की दो दो एवं विक्रम एक झोपड़ी जल गई।</p>
0
1,872,088
[ "काशीपुर:खेत में रखे भूसे के ढेर में लगी आग " ]
<p><b>काशीपुर। </b>मंगलवार दोपहर ग्राम गंगापुर में विरसा सिंह के खेत में रखे भूसे के ढेर में आग लग गई। सूचना पर दो दमकल वाहनों से फायरकर्मी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। करीब 25-30 एकड़ गेहूं का भूसा आग से राख हो गया। आग से करीब एक लाख रुपये से अधिक का नुकसान का अनुमान है। </p>
0
1,872,086
[ "हनुमान जयंती पर की पूजा-अर्चना" ]
<p><b>जसपुर। </b>हनुमान जयंती पर मंदिरों पर ऊंचे ध्वज लगाये गए। प्रात: से ही मंदिरों और घरों में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। नगर के ठाकुर मंदिर, काली मंदिर, हनुमान चबूतरा मंदिर, रामेश्वर धाम मंदिर, जोशियान मंदिर, धर्मशाला शिव मंदिरों में हनुमान जी की पूजा अर्चना की गई। </p>
0
1,872,090
[ "बिजली चोरी पर तीन के खिलाफ केस " ]
<p><b>काशीपुर। </b>विद्युत विभाग के उपखण्ड अधिकारी शैलेंद्र कुमार सैनी ने टीम के साथ खरमासा, सीतारामपुर क्षेत्र में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया। टीम ने ग्राम सीतारामपुर निवासी जसवंत सिंह, खरमासा निवासी मनोज और आकाश के खिलाफ पोल से कटिया डालकर बिजली चोरी का केस दर्ज किया है।</p>
0
1,871,554
[ "चिंताजनक : अधिक मरीजों के भर्ती होने से आक्सीजन का फ्लो भी हो रहा प्रभावित", "एसटीएच में बेड पैक, मोर्चरी में शव रखने को नहीं बची जगह " ]
<p><b>हल्द्वानी </b><b>l </b><b>कार्यालय संवाददाता</b></p><p>कुमाऊं के एकमात्र सरकारी कोविड अस्पताल एसटीएच में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए 425 बेड फुल हो चुके हैं। मंगलवार को 35 मरीजों की मौत होने के बाद मोर्चरी में शव रखने तक की जगह नहीं बची। कई संक्रमितों के शवों को एक कमरे की फर्श में रखना पड़ा। जिला प्रशासन ने जल्द ठोस इंतजाम नहीं किए तो स्थिति भयावाह हो सकती है। </p><p>एसटीएच प्रंबंधन ने अप्रैल में कोरोना के मामले बढ़ते देख अस्पताल के वार्ड आईसीयू को दोबारा से कोरोना के अंतर्गत ले लिए थे। जिसके बाद कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू समेत कोरोना मरीजों के लिए 419 बेड निर्धारित कर दिए गए थे। चार दिन पहले 6 बेड और कोरोना के बनाए गए। वर्तमान में कुल 425 बेड कोरोना के हैं। यह सभी बेड मंगलवार को पैक हो गए। जिसके बाद से एसटीएच प्रबंधन परेशान है। मरीज बढ़ने पर दिक्कत बढ़ेगी।</p><p><b>ऑक्सीजन का लेबल मेंटेन करने में दिक्कत: एसटीएच</b> प्रबंधन ने कोरोना के 452 बेड निर्धारित किए। ताकि सभी बेड़ में भर्ती मरीजों को आक्सीजन को उचित मात्रा में मिलती रहे, लेकिन जैसे जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है ऑक्सीजन के फ्लो में दिक्कत आ रही है, जिससे एसटीएच प्रबंधन परेशान है। </p>
0
1,871,555
[ "यूपी-उत्तराखंड सीमा पर नेपाल ने आवाजाही रोकी" ]
<p><b>चम्पावत/गोरखपुर/लखीमपुर खीरी</b>l <b>हिटी</b></p><p>भारत में कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए नेपाल ने उत्तराखंड से लगे कंचनपुर, उत्तरप्रदेश से लगे गौरीफाटा और रुपन्देही की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आवाजाही रोक दी है। अत्यंत जरूरी होने पर एक प्रक्रिया के तहत आवागमन की अनुमति देने का प्रवाधान किया है।</p><p> हालांकि पिथौरागढ़ जिले से लगती सीमा पर कोविड रिपोर्ट दिखाकर आवाजाही जारी है। नेपाल के स्थानीय प्रशासन के ताजा प्रतिबंध से भारतीय क्षेत्र में मजदूरों का संकट गहरा सकता है और सीमा के आर पार कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ेगा। दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में सामाजिक रिश्ते भी इससे प्रभावित होंगे। </p><p> नेपाल का कंचनपुर जिला कोरोना के लिहाज से संवेदनशीन बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों में कंचनपुर से लगते चम्पावत के टनकपुर और बनबसा में एकाएक पांच सौ से अधिक एक्टिव केस मिलने के बाद नेपाली इलाकों में खासी दहशत है। इसी को देखते हुए सोमवार से कंचनपुर जिल प्रशासन ने गड्ढा चौकी नाके से आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया। </p>
0
1,871,556
[ "एसी बनाने वाली सात यूनिट बंद, कर्मचारियों पर संकट " ]
<p><b>सेलाकुई </b>| <b>कैलाश बडोनी</b></p><p>औद्योगिक क्षेत्र की सेलाकुई स्थित एयर कंडीश्नर की दो बड़े उद्योगों की सात यूनिट ऑक्सीजन न मिलने के कारण एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गयी है। उद्योगों में इन दिनों देश-विदेश से बड़े पैमाने पर एयर कंडीश्नर की भारी डिमांड है।</p><p> दोनों उद्योगों से प्रतिमाह करीब तीन अरब रुपये की एयर कंडीश्नर का विक्रय किया जाता है। जिस पर केंद्र व राज्य सरकार को 28 प्रतिशत का जीएसटी दोनों उद्योग देते हैं। दोनों उद्योगों के बंद होने से जहां सरकार को जीएसटी का नुकसान उठाना पड़ेगा वहीं छह हजार से अधिक श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। दोनों उद्योगों की सेलाकुई में सात यूनिट हैं। लेकिन हाल में कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। वहीं सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देना बंद कर दिया है। जिसके चलते उत्तराखंड में एयर कंडीश्नर बनाने वाले सेलाकुई स्थित दोनों उद्योगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। इन दोनों उद्योगों में इन दिनों देश से प्रतिमाह तीन अरब रुपये की मशीनों की डिमांड है। एयर कंडीश्नर बनाने का काम चरम पर होने के बावजूद ऑक्सीजन न मिलने के कारण एयर कंडीश्नकर उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जिससे काम प्रभावित होने लगा। दोनों उद्योगों ने ऑक्सीजन न मिलने पर अपनी सभी सात यूनिटों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है। जिससे दोनों कंपनियों में कार्यरत छह हजार से अधिक श्रमिकों, कार्मिकों के सामने रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है।</p>
0
1,871,559
[ "बागेश्वर: हादसे में खाद्य अधिकारी की मौत" ]
<p><b>बागेश्वर । </b>नगर से लगे मालता गांव के पास मंगलवार शाम एक कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में डॺूटी से घर लौट रहे क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी प्रकाश रावत (48) पुत्र एमएस रावत, निवासी भंडारीगांव कपकोट की मौत हो गई, जबकि पूर्ति निरीक्षक बृजमोहन (32) पुत्र गिरीश चंद्र, निवासी पहाड़पानी नैनीताल गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों लोग मंगलवार को सहकारी सस्ते गल्ले की दुकानें जांचने दफौट के सिमल गांव गए थे। देर शाम वापस लौटते वक्त मालता गांव के पास इनकी कार असंतुलित होकर 150 मीटर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में प्रकाश रावत की मौके पर ही मौत हो गई।</p>
0
1,871,558
[ "पिथौरागढ़ जल संस्थान के ईई की कोरोना से मौत" ]
<p><b>पिथौरागढ़ </b><b>l </b><b>हमारे संवाददाता </b></p><p>कोरोना से पिथौरागढ़ जल संस्थान के ईई की मौत हो गई। उनके निधन पर विभाग के साथ ही सीमांत जनपद में शोक की लहर है। 18 दिन पहले ईई अशोक कुमार अवकाश पर अपने घर रुड़की गए थे। वहीं, उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। जानका री के यहां जल संस्थान के ईई अशोक कुमार बीते 8 अप्रैल को अवकाश पर अपने घर रुड़की गए। स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्होंने 12 अप्रैल को कोरोना जांच कराई। दो दिन बाद 14 अप्रैल को आई रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई।</p>
0
1,871,553
[ "1943 में नेताजी..... " ]
<p><b>1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जर्मनी से जापान की अपनी यात्रा के दौरान मेडागास्कर के निकट एक जर्मन पनडुब्बी से जापानी पनडुब्बी में सवार हुए।</b></p>
0
1,871,557
[ "कोरोना से पहले पत्नी फिर एसआई की मौत" ]
<p><b>देहरादून </b><b>l </b><b>कार्यालय संवाददाता</b></p><p>कोरोना ने पुलिसकर्मी के हंसते-खेलते परिवार की खुशियां छीन लीं। कालसी थाने में तैनात एसआई की पत्नी की चार दिन पहले कोरोना से मौत हो गई थी। परिवार अभी इस सदमे से उबरा भी नहीं था कि कोरोना ने एसआई की भी जान ले ली। मंगलवार को पुलिस लाइन में पुलिस अफसरों ने एसआई को श्रद्धांजलि अर्पित की। </p><p>पुलिस के अनुसार, कालसी थाने में तैनात उपनिरीक्षक (विशेष श्रेणी) धीरज सिंह (57) पुत्र स्वर्गीय गेंदा सिंह मूलरूप से पौड़ी यमकेश्वर ब्लॉक के रहने वाले थे। अब वह परिवार के साथ देहरादून के ब्राह्मणवाला खाला सहस्रधारा रोड में रह रहे थे। धीरज सिंह की 55 वर्षीय पत्नी द्रोपदी देवी की कोरोना से ग्रसित होने के कारण 22 अप्रैल को रिस्पना पुल स्थित एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके चलते धीरज सिंह अवकाश पर थे। अवकाश के दौरान धीरज सिंह की भी तबीयत बिगड़ गई। बीते सोमवार को धीरज सिंह को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर रात को उनकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, धीरज सिंह की कोरोना जांच कराई गई थी, जो पॉजिटिव आई। एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार धीरज सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। </p>
0
1,872,019
[ "भारत में..... " ]
<p>भारत में कोरोना वायरस महामारी से होने वाली मौतों का आधिकारिक आंकड़ा दो लाख से पार चला गया है। चूंकि यहां सामान्य तौर पर होने वाली मौतों की नियमित जानकारी रखने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसके लिए लंबी समयावधि की आवश्यकता होती है, ताकि देखा जा सके कि साल में कितनी मौतें सामान्य रूप से होती हैं। ऐसे में, कोरोना से होने वाली मौतों को सटीक ढंग से सामान्य मौतों से अलग कर पाना मुश्किल है। </p><p>इसका अकेला तरीका यह है कि कुछ अन्य मानकों का सहारा लिया जाए। जैसे फिलहाल चर्चा में बने हुए कुछ मॉडल मौतों की संख्या कम दर्ज कराए जाने को एक हकीकत मानकर चल रहे हैं। इस लिहाज से दो मान्यताओं के आधार पर तय करना अच्छा रहेगा। एक यह कि कोविड-19 में संक्रमण से होने वाली मौतों की दर, यानी संक्रमित हुए लोगों में मरने वालों का अनुपात, और दूसरा है, दर्ज हुए मामलों के साथ न दर्ज कराए गए या पकड़ में ही न आए संक्रमण के मामलों का अनुपात। इनमें दूसरे वाला अनुपात 10, 15 या 20, 25 का भी हो सकता है। और पहला अनुपात वायरल संक्रमणों के बारे में हमारी सामान्य जानकारी के अनुसार, 0.1 प्रतिशत (हाथ रोककर) हो सकता है। यह मैं पाठकों पर छोड़ता हूं कि वे इस गणित को कैसे समझते हैं, क्योंकि यह एक काल्पनिक कसरत है। हालांकि, यह हिन्दुस्तान टाइम्स और अन्य मीडिया समूहों की जमीनी रिपोर्टिंग से भी जाहिर है कि हर राज्य में आधिकारिक रूप से दर्ज की गई मौतों (जो राज्यों के स्वास्थ्य विभागों से मिली जानकारियों के आधार पर हिन्दुस्तान टाइम्स के डैशबोर्ड पर नजर आती हैं) और हर रोज कोविड-19 संक्रमितों के दाह-संस्कार और दफनाने के रूप में जाहिर होने वाली मृत्यु संख्या में भारी अंतर है।</p><p>संक्रमण अध्ययन के ज्यादातर मॉडल्स का मानना है कि मई के तीसरे हफ्ते तक नए मामलों का बढ़ना रुक जाएगा, लेकिन अभी से इस पर कुछ कहना मुश्किल है। ज्यादातर राज्यों में पॉजिटिविटी रेट (जांच के दौरान पाए गए संक्रमितों का प्रतिशत) उस स्तर पर है, जहां से इसका तेजी से कम होना असंभव प्रतीत होता है (या फिर अगर ऐसा हुआ, तो इससे आंकड़ों की हेराफेरी या कमी का संदेह ही मजबूत होगा), और कुछ राज्यों (मुख्य रूप से महाराष्ट्र) में तो भारत में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान भी पॉजिटिविटी रेट का ग्राफ तुलनात्मक रूप से बहुत ऊंचा था। इन कुछ जमीनी उदाहरणों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि देश में कुछ सकारात्मक अनुमानों के बावजूद आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों और उससे होने वाली मौतों का बढ़ना जारी रह सकता है। </p><p>आम बातचीत से पता चलता है कि ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स की कमी के कारण भी कुछ मौतें हुई हैं, और ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि देश के कई हिस्सों में अधिक संख्या में संक्रमण के मामले सामने आने से हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर बहुत भार पड़ गया है। इसका यह भी मतलब है कि एक बार अगर कोविड रोगियों की सेवा में जुटे अस्पतालों में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति और वितरण सुचारु हो जाए (जिसके प्रयास शुरू हो गए हैं और सप्ताह के अंत तक इसके पूरा होने के संकेत हैं), तो मौतों की संख्या भी घटनी शुरू हो जाएगी। हम साफ देख रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में ऑक्सीजन की कमी एक प्रमुख अड़चन के रूप में हमारे सामने आई है- और यहां यह याद रखना जरूरी है कि देश को कोरोना की तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है, जिसका किसी न किसी बिन्दु पर उभरना तय है। </p><p>कोरोना के टीके भी संक्रमण की दूसरी लहर को तोड़ने और तीसरी लहर की प्रचंडता को कम करने में बहुत मददगार हुए हैं, लेकिन इन टीकों की आपूर्ति और लोगों तक उपलब्धता के बारे में बहुत कम जानकारी है। भारतीय बाजार में उपलब्ध कोरोना के टीकों की खुराक को लेकर स्पष्टता नहीं है। </p><p>केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी खरीदारों के स्तर पर भी स्थिति साफ नहीं है। भारत की दो बड़ी घरेलू वैक्सीन उत्पादक कंपनियों, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की निर्यात संबंधी संविदाओं के बाद देश में इनकी आपूर्ति किस तरह या कितनी होगी, ठीक से कहा नहीं जा सकता। इस बारे में भी कोई स्पष्टता नहीं है कि रूस निर्मित वैक्सीन स्पुतनिक वी की कितनी खुराक भारत में उपलब्ध होगी (कितनी आयात की जाएगी और कितनी भारत में बनाई जाएगी)। </p><p>लोगों के बीच जो भी सीमित जानकारी उपलब्ध है, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत को जितने कोरोना टीकों की आवश्यकता है, उतने की आपूर्ति संभव नहीं हो पाएगी। अब जबकि मई की पहली तारीख से भारत में टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू होने वाला है, तब भी यह पता नहीं चल पा रहा है कि जिन राज्यों ने वैक्सीन के लिए ऑर्डर दिए हैं, उन्हें वैक्सीन की खुराक कब तक मिल पाएगी। </p><p>हमें इनकी उपलब्धता और समय के बारे में जानकारी की सख्त आवश्यकता है। और हमें वैक्सीन की व्यवस्था को लेकर ऐसीनिश्चित रणनीति बनानी होगी कि इसकी पूर्ण या दोनों खुराक के बजाय पहली खुराक को प्राथमिकता दी जाए, ताकि इस महामारी से ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। (खासकर कोविशील्ड वैक्सीन, जो 90 प्रतिशत लोगों को दी गई है)। अगर अगले छह हफ्तों तक ऐसा संभव हो पाए, तो भारत इस दूसरी लहर को तोड़ सकता है और तीसरी के लिए खुद को तैयार कर सकता है। </p>
0
1,872,021
[ "बना रहे भरोसा " ]
<p>आज पूरा देश कोरोना वायरस के सामने जैसे किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ा है। इतने निस्सहाय-निरुपाय हम पहले कभी नहीं थे। साल भर पहले जब इस महामारी ने हमारे देश में दस्तक दी थी, तब हमारे पास कोई तैयारी नहीं थी। इस एक वर्ष में हमने लंबी यात्रा तय की है। देश तरह-तरह के प्रयोगों के दौर से गुजरा है। हमने एक के बाद एक लॉकडाउन देखे हैं, अपने बीमार पिताजी को 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाकर बिहार ले जाने वाली किशोरी देखी है। अपने देस-गांव पैदल लौटते लाखों मजदूरों को देखा है, फिर भी हम इतने असहाय नहीं थे। हालांकि, इस बीच हमारे पास हर तरह के किट हैं, वेंटिलेटर हैं, हमारे पास वैक्सीन भी हैं, हमने वैक्सीन अपने पड़ोसियों को भी भेंट में दी है। हम वैक्सीन डिप्लोमेसी में भी अव्वल रहे। 15 करोड़ अपने लोगों को वैक्सीन लग भी चुकी है, फिर भी हम निरुपाय हैं, क्योंकि महामारी की मार इतनी तेज है कि हम कुछ कर नहीं पा रहे हैं। </p><p>शायद हम अपनी शुरुआती कामयाबी से कुछ ज्यादा ही फूल के कुप्पा हो गए थे। कोविड के संकट को भूलकर हमारे राजनेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने में जुट गए। कोविड प्रोटोकॉल सिर्फ कुछ ही जिम्मेदार लोगों के अनुपालन की चीज रह गया। नेतागण धड़ल्ले से चुनावों में कूद गए। चुनावी रैलियों में कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ने लगीं। यहां तक कि कुंभ जैसे, विशाल जनसमुद्र को आमंत्रित करने वाले आयोजन भी बिना खास तैयारी के होने लगे। सरकारों को ही क्यों दोष दें। जनता स्वयं जैसे चादर ताने सो रही थी। वैक्सीन है, लेकिन हम उसे लगवाने में कोताही बरतने लगे थे। शादी-ब्याह, उत्सव-त्यौहार उसी पुराने अंदाज में मनाने लगे थे, इसलिए जब कोरोना के बहुरूपिये वायरस ने हमें सुषुप्तावस्था में पाया, तो चौतरफा प्रहार कर दिया। एक साथ बड़ी संख्या में पीड़ित लोग अस्पतालों की तरफ कातर निगाह से देखने लगे। व्यवस्था चरमराने लगी। नियंत्रण कमजोर पड़ने लगा। न हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है, न रेम्देसिवियेर इंजेक्शन हैं, हैं भी तो कालाबाजारी करने वालों के पास, जो दूसरे महायुद्ध के दिनों की तरह एक-एक इंजेक्शन 50-50 हजार रुपये तक में बेच रहे हैं। कोरोना टेस्ट तक नहीं हो रहे। हो भी रहे हैं, तो पांच-पांच दिन तक रिपोर्ट नहीं आ रही। निजी जांच कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं, जो जांचें हो भी रही हैं, वे भरोसे लायक नहीं हैं। </p><p>अब हर रोज तीन लाख तक नए मरीज आ रहे हैं। ढाई-तीन हजार मौतें रोज हो रही हैं। आंकड़े घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां तक आशंका व्यक्त की जा रही है कि अभी इसका चरम बाकी है। चारों तरफ अव्यवस्था का आलम है। लोग अस्पताल जाने से घबरा रहे हैं। ये कैसे समय में जी रहे हैं हम? जाहिर है, ऐसी स्थिति में सर्वोच्च अदालत मूक दर्शक बनी नहीं रह सकती। यदि वह सरकार से आगे का रोडमैप मांग रही है, तो गलत नहीं कर रही। व्यवस्था को कसने के लिए अदालतों को न केवल कड़ाई करनी चाहिए, बल्कि कोरोना के खिलाफ युद्ध को वैचारिक रूप से भी बल देना पड़ेगा। अभी पूरा ध्यान जमीनी स्तर पर सुविधाओं को बहाल करने पर होना चाहिए। जितनी जल्दी हम सुविधाओं को बहाल करेंगे, उतना ही अच्छा होगा। यह वक्त भरोसे को कायम रखने का है और जब अदालतें दोटूक बात करती हैं, तब लोगों का मनोबल बढ़ता है। </p>
0
1,872,020
[ "बैरागी बनारस की आंखों में ये कैसी नमी है?", "लोगों के अंतिम संस्कार करने वाले भी अब दया की प्रार्थना करने लगे हैं। " ]
<p>मृत्यु पर उत्सव मनानेवाली काशी की आंखों में आज नमी है। मोक्ष के द्वार तक पहुंचाने की मान्यतावाली नगरी के उस समाज में भी गहरी वेदना है, जो शवों की तादाद को अपने पेशे के उतार-चढ़ाव से जोड़ता रहा है। जब चेचक और कालरा फैला था, तब दोनों श्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवों की कतारें लग गई थीं। लेकिन इतनी नहीं, जितनी आज दिखाई दे रही हैं। आम दिनों में मणिकर्णिका घाट पर जहां 60-70 तथा हरिश्चंद्र घाट पर 20-25 शवों के संस्कार होते थे, वहां कोरोना महामारी के दौरान यह तादाद क्रमश: 200-250 और 150-200 हो गई है। पांच से आठ घंटे की प्रतीक्षा और दिल दहला देनेवाले माहौल के बीच प्रशासन ने शहर के बाहर तीन अस्थाई शवदाह स्थल बनवा दिए हैं। नतीजतन मध्य आबादी में स्थित इन श्मशानों पर दबाव कुछ कम हुआ है, लेकिन उनका क्या, जो मानते हैं कि मोक्ष तो मणिकर्णिका या हरिश्चंद्र घाट पर ही मिलेगा। उन्हें आठ से दस घंटे का इंतजार अब भी गवारा है। </p><p>बनारस में ऐसे लोगों भी हैं, जो जान जोखिम में डालकर सेवा करने में जुटे हैं। शवों के संस्कार में जुटे ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर कहते हैं, ‘कभी नहीं सोचा था कि जो लावारिस नहीं हैं, उनको भी लावारिसों की तरह छोड़ दिया जाएगा। पिछले एक सप्ताह में पांच ऐसे लोगों की अंत्येष्टि करा चुका हूं, जो जिंदा रहते हुए बड़े-बड़े पदों पर तैनात थे, मगर कोरोना से मृत्यु के बाद उनके अपने भी शव के साथ खड़े नहीं हुए।’ </p><p>बीते 70 सालों से हरिश्चंद्र घाट की अगिन (मोक्षाग्नि) अगोर रहे डोमराजा परिवार के वंशज राधेश्याम चौधरी की आंखों में आंसू पहली बार लोगों ने देखे हैं। चौधरी के बड़े बेटे बहादुर चौधरी बताते हैं कि ‘यही बाऊ हऊवन जे ढोल नगाड़े के संगे आवेवाली हर मट्टी (शव) के कन्हवारन (अर्थी को कंधा देनेवाले) के संगे रकम के शर्त रखके नाच नचावत रहलन।’ बहादुर कहते हैं, ‘आज वही बूढ़े चौधरी अपनी आंखों के सामने कीट-पतंगों की तरह लाशें जलती देख, शोक से निढाल हैं। वेदना ऐसी कि बीते 15-20 दिनों से निवाला मुहाल है।’ खुद राधेश्याम बताते हैं कि 1960 के दशक में जब चेचक का प्रकोप हुआ था, तब परिवार के परिवार साफ हो गए थे। फिर भी लाशों का रेला 50-60 से ऊपर उस दौर में भी नहीं गया। आज 100-100 शवों की कतार लग रही है, तो धीरज साथ छोड़ने लगा है। घाट पर चारों ओर बस रुदन और क्रंदन है। अपने स्नेही स्वजन के शव का मुंह न देख पाने की बेबसी जब विलाप बनकर फूट रही है, तो कलेजा हिल जा रहा है। पिछले सप्ताह श्मशानों पर सबसे ज्यादा दबाव था, तब पड़ोसी जिला गाजीपुर, बलिया, मिर्जापुर और चंदौली से डोम परिवारों के 10 लोगों को मदद के लिए बुलाना पड़ा था। </p><p>काशी का पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार से शैक्षणिक व व्यावसायिक रिश्ता काफी पुराना रहा है, लेकिन गुजरे दशक में सुविधासंपन्न अस्पतालों की लंबी शृंखला ने बीएचयू अस्पताल के एकाधिकार को चुनौती दी है। कोरोना संक्रमण काल में इन अस्पतालों ने अपनी अलग भूमिका स्थापित की है। बेहतर रिकवरी रेट का प्रचार भरपूर किया गया, लिहाजा यहां बिस्तर, वेंटिलेटर पलक झपकते भर जा रहे हैं। यहां पहुंचने वाले बड़े शहरों के लोग भी हैं, जो अपने यहां बेड न मिलने की स्थिति में काशी का रुख कर लेते हैं। </p><p>यूं तो सरकारी कागजों में मौत के आंकड़े काशी में औसतन 10 से 11 दर्ज होते हैं, लेकिन एंबुलेंस पर लादकर लाए गए बड़ी संख्या में शव इस दावे पर सवाल खड़े करते हैं। कोरोना जांच रिपोर्ट आने में समय लगता है। गहरे होते लक्षण मरीज को अस्पताल में भर्ती होने को मजबूर कर देते हैं। कई मामलों में मौत के बाद जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है। लिहाजा सामान्य शव की तरह पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। आसपास के जिलों, यहां तक कि बिहार से भी शव हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट लाए जा रहे हैं। मान्यता है कि यहां संस्कार के बाद अस्थियों का विसर्जन कहीं और नहीं किया जाता। दहला देने वाले महौल के बीच डोमराजा परिवार के वरिष्ठ सदस्य 80 वर्षीय राधेश्याम चौधरी कहते हैं, ‘अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसी स्थिति देख रहा हूं। बाबा (महादेव) से रोज यही कामना करता हूं कि त्राहिमाम... अब बस करो भगवान। </p><p>(ये लेखक के अपने विचार हैं)</p>
0
1,872,023
[ "वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं", "ऑक्सीजन-सिलेंडरों का हाल पहले इश्क जैसा हो गया है, उनकी मिनट-मिनट की खबर चाहिए।" ]
<p>अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी नाराज हैं- ऐसे कोरोनामय माहौल में भी अभिनेता-अभिनेत्रियां मालदीव पहुंच मौज-मस्ती के अपने फोटू सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। सोशल मीडिया पर फोटू डालकर वे यह भी उम्मीद करते हैं कि लोग उन्हें लाइक करेंगे। मैं खुद परेशान हूं। सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन की खबरें देखता हूं, तो आ जाता है कि वनराज अनुपमा के साथ पिकनिक पर जाएगा- अनुपमा सीरियल में। जा भाई, तू जा शौक से जा, तेरी पिकनिक देखें कि लापता ऑक्सीजन की तलाश करें? तू दिखा दे, दिखाना तेरे अधिकार में है। लाइक मिलेंगे या नहीं, इस पर तेरा कोई दखल नहीं। दिखाधिकारेस्ते, मा लाइकेषु कदाचन।</p><p>दरअसल, लाइक करने की मन:स्थिति होनी चाहिए। इस समय तो सिर्फ ऑक्सीजन-सिलेंडरों को लाइक किया जा सकता है। ऑक्सीजन-सिलेंडरों का हाल पहले इश्क जैसा हो गया है, मिनट-मिनट की खबर चाहिए। मुझे तो लगता है कि जिगर मुरादाबादी ने ऑक्सीजन-सिलेंडरों के लिए ही कहा था— ये कह कह के हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं। सिलेंडर लखनऊ से चल दिए हैं, दिल्ली पहुंचने वाले हैं। चचा गालिब भी विकट आईसीयू में पडे़ कुछ कहते दिख रहे हैं इस टाइप से- हम वहां हैं जहां से हमको भी/ कुछ हमारी खबर नहीं आती।</p><p>ऑक्सीजन-सिलेंडर के अलावा कुछ और लाइक करने की मन:स्थिति नहीं है। खबर बता रही है, उस अभिनेत्री ने बिल्कुल अलग डिजाइन का चश्मा पहना है। मालदीव सूझ रहा है आपको? बेट्टे, अभी फंसे नहीं हो न सिलेंडर के चक्कर में। इसीलिए! धारावाहिकों की अलग दुनिया है, वहां सिर्फ नए-नए अफेयर की ऑक्सीजन जरूरी होती है। सीरियल का लुच्चा अभिनेता ऐसे विकट वक्त में भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। अपनी पड़ोसन पर डोरे डालते हुए पांच साल से ज्यादा हो गए उसे। कोरोना के वक्त में उससे उम्मीद थी कि कुछ भलाई के काम करेगा, पर नहीं भाई! वह तो लगा हुआ है अपनी दीर्घकालीन परियोजना में।</p><p><b>आलोक पुराणिक</b></p>
0
1,872,024
[ "रोकथाम जरूरी" ]
<p>भारत इतनी भयानक स्थिति में कैसे हो सकता है? भारत ने इस वर्ष की शुरुआत में दावा किया था कि वह वायरस को नियंत्रण में ले आया है। यह स्पष्ट है, भारत सरकार ने इस खतरे को कम आंका है कि वायरस कितना संक्रामक है और यह कितनी तेजी से फैल सकता है। मास्क पहनने या प्रभावी रोकथाम, नियंत्रण उपायों को अपनाने की जरूरत के परे भारत में बड़े पैमाने पर कुछ धार्मिक गतिविधियां आयोजित की गईं। दैनिक रूप से अगर देखें, तो लगभग 10,000 से 3,00,000 से अधिक संक्रमण तक पहुंचने में दो महीने से भी कम समय लगा। वायरस से संघर्ष के सबसे बुरे दौर में संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में भी तेजी से भारत में संक्रमण फैला। संयुक्त राज्य अमेरिका में जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार तक दुनिया भर में संक्रमण की संख्या 1450 लाख तक पहुंच गई थी और मरने वालों की संख्या 30 लाख से अधिक थी। इसके बावजूद कुछ यूरोपीय देशों ने घोषणा की है कि वे रोकथाम और नियंत्रण उपायों को उठाने का इरादा रखते हैं, क्योंकि यूरोपीय संघ के देशों में लगभग एक-चौथाई वयस्कों को टीका लगाया जा चुका है। हालांकि, भारत में वायरस के नए रूप सामने आए हैं और ये अत्यधिक संक्रामक साबित हुए हैं। भारत से यूरोपीय देशों में वायरस लाए जाने का खतरा अधिक है। यह अभी भी अज्ञात है कि क्या अनेक देशों में दिए जा रहे टीके कोरोना के नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। जितना संभव हो, उतने लोगों को टीका लगाया जाना आवश्यक है, लेकिन नियंत्रण और रोकथाम उपायों की जरूरत अभी भी अधिक है। इसके अलावा जो भी अंतरराष्ट्रीय मदद संभव हो, वह भारत में वायरस के प्रसार को जल्द से जल्द रोकने के लिए भी आवश्यक है। अगर एक देश में भी संक्रमण रहेगा, तो उससे पूरे क्षेत्र के लिए संक्रमण की आशंका बनी रहेगी, शायद दुनिया भर में महामारी की एक और लहर पैदा होगी। चीन ने पहले ही भारत को अपनी सहायता का प्रस्ताव किया है। आशा है, अन्य देश भी ऐसा ही करेंगे। विश्व स्तर पर महामारी को नियंत्रण में लाने की आवश्यकता है।</p><p><b> चाइना डेली, </b>चीन </p>
0
1,872,025
[ "यह वक्त भी कट जाएगा" ]
<p>कोरोना के कारण पूरी दुनिया में जैसी निराशा छाई हुई है, उसे देखते हुए एक कहानी याद आ रही है। एक राजा ने अपने सेनापति से कहा, दीवार पर कुछ ऐसा लिखो कि वह अच्छे और बुरे, दोनों वक्त में याद करने लायक हो। सेनापति ने लिखा, ‘यह समय भी कट जाएगा।’ एक व्यक्ति को नदी पार करनी थी, लेकिन उसके पास नाव नहीं थी। किसी ने उससे पूछा कि ऐसे में वह नदी कैसे पार करेगा? उस व्यक्ति ने कहा, नौका नहीं तो क्या, हौसले तो पास हैं। </p><p>सुबह होते ही एक भिखारी किसी सज्जन के घर पर भिक्षा मांगने के लिए आया। दरवाजे पर हुई दस्तक को सुनकर वह सज्जन बाहर आए। मगर उनकी जेब में भिखारी को देने के लिए कुछ नहीं था। लिहाजा वह कुछ दुखी होकर घर के अंदर गए और एक बर्तन उठाकर भिखारी को दे दिया। भिखारी के जाने के थोड़ी देर बाद ही वहां उस सज्जन की पत्नी आई और बर्तन न पाकर चिल्लाने लगी- यह क्या कर दिया आपने? चांदी का बर्तन था, भिखारी को दे दिया? जल्दी जाओ, और उस भिखारी को रोककर बर्तन वापस लाओ। वह सज्जन दौड़ते हुए भिखारी के पास पहुंचे और उसे रोककर बोले- भाई, मेरी पत्नी ने मुझे अभी-अभी बताया है कि जो बर्तन मैंने आपको दिया था, वह चांदी का है। कृपया उसे सस्ते में मत बेचना। वहीं पर उस सज्जन के एक मित्र खडे़ थे। उन्होंने पूछा- जब आपको पता चल गया था कि वह बर्तन चांदी का है, तब भी उसे क्यों ले जाने दिया? सज्जन ने कहा- मैंने मन को इस बात का अभ्यस्त बनाने के लिए उसे बर्तन ले जाने दिया कि बड़ी से बड़ी हानि में भी यह कभी दुखी और निराश न हो!</p><p><b> देवेंद्रराज सुथार</b></p>
0
1,872,026
[ "अरविंद कुमार का जाना" ]
<p>वह एक विलक्षण व्यक्ति थे। उनसे मिलकर मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि संत या ाषि-मुनि ऐसे ही होते होंगे। रात-दिन पढ़ने-लिखने में लगे रहते थे। 94 साल की उम्र में भी उनके पास खाली वक्त कभी नहीं होता था। वह समय तय करके बात करना पसंद करते थे, काम के बीच में नहीं। एक बार मैं उनके घर गया, तो वह अपने कंप्यूटर पर अंतरिक्ष से जुडे़ शब्दों की सूची बना रहे थे, साथ ही उनकी तुलना ग्रीक, अरबी और फारसी शब्दों से कर रहे थे। टेक्नोलॉजी में उनकी गहरी दिलचस्पी थी। वह माधुरी के पुराने अंकों को डिजिटाइज करने में मेरी मदद चाहते थे, वह तरह-तरह के ऑनलाइन टूल्स इस्तेमाल कर रहे थे। चाहते थे कि माधुरी के पुराने अंकों को स्कैन करके टेक्स्ट में बदला जा सके और फिर उन्हें एडिट किया जा सके। </p><p>उनके पास फिल्मी दुनिया के किस्सों का अपार खजाना था। गायक मुकेश और गीतकार शैलेंद्र उनके पारिवारिक दोस्त थे। ‘माधुरी’ के संपादन के समय वह फिल्म इंडस्ट्री के बडे़ आदमी माने जाते थे, लेकिन उन्होंने अचानक इस्तीफा देकर ‘सामांतर कोश’ बनाने का फैसला किया और मुंबई के मरीन ड्राइव से गाजियाबाद आ गए। वह प्रूफ रीडर से संपादक बने थे। न जाने कितने अनसुने किस्से अपने साथ ही लेकर चले गए अरविंद जी। लेकिन वह भरी-पूरी थाती छोड़ गए हैं।</p><p><b>राजेश प्रियदर्शी </b>की फेसबुक वॉल से</p>
0
1,872,027
[ "श्री बोस द्वारा आलोचना" ]
<p>कलकत्ता, २४ अप्रैल। ‘हमारा यह विश्वास नहीं है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई भूख हड़तालों से देश आजादी के ध्येय की ओर आगे बढ़ सकता था। जिस ध्येय की आवश्यकता है वह आम संघर्ष है जिससे कि लोगों के त्याग और कुर्बानियों के बल पर वास्तविक स्वराज्य प्राप्त किया जा सकता है।’ स्वामी सहजानन्द की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में श्रद्धानन्द पार्क में हुई एक सार्वजनिक सभा में भाषण देते हुए श्री सुभाषचन्द्र बोस ने उपरोक्त विचार प्रकट किये। स्वामी सहजानन्द के साहस और दृढ़ विश्वास की प्रशंसा करते हुए श्री बोस ने कहा कि स्वामी सहजानन्द फारवर्ड ब्लाक के शुभचिन्तक हैं। यद्यपि वे ब्लाक के सदस्य नहीं हैं। रामगढ़ में समझौता विरोधी सम्मेलन की सफलता का श्रेय स्वामी जी को ही है। श्री बोस ने कहा कि फारवर्ड ब्लाक की ताकत दिन पर दिन मजबूत होती जा रही है और केन्द्रीय तथा प्रान्तीय दोनों सरकारें भी यह समझ गई हैं। शुरू में तो सरकार ने इस संस्था की उपेक्षा की मगर अब देश भर में हुई गिरफ्तारियों से साफ प्रकट है कि सरकार यह महसूस करने लगी है कि इस संस्था की उपेक्षा करने में खैर नहीं है। भाषण जारी रखते हुए श्री बोस ने कहा कि उनकी ओर से सत्याग्रह शुरू हो चुका है। इस समय जरूरत आम जनता में जागृति पैदा करना है।</p>
0
1,872,022
[ "अनुकरणीय पहल" ]
<p>कोरोना संकट के बीच यदि जनसेवा अच्छा कार्य करने की प्रतिस्पर्धा हमारे माननियों के बीच हो जाए तो देश में रामराज्य स्थापित हो जाएगा। एक समाचार पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने गृह जिले सागर के गढ़ाकोटा में कुछ दिन पूर्व अपने खर्च पर 70 बेड वाला निजी कोविड सेंटर शुरू किया है। नियुक्त किए जाने वाले डॉक्टर को दो लाख रुपये मासिक वेतन भी मंत्री ही देंगे। पत्र के अनुसार कोविड केयर सेंटर में मरीजों को नाश्ता और दो समय का भोजन निशुल्क दिया जा रहा है। यदि उत्तराखंड समेत देश के सभी राज्यों के मंत्री संकट की इस घड़ी में इस प्रकार की पहल करें तो इससे अच्छी जन सेवा और क्या हो सकती है। इस प्रकार की दूसरी पहल अपने उत्तराखंड राज्य से शुरू होनी चाहिए।</p><p><b>मनोज कुमार खोलिया, </b>बागेश्वर</p><p><b>अपना बोया ही काट रहे</b></p><p>जल, जंगल, जमीन आदिकाल से मानव का सहारा रहा है आधुनिक मानव चंद भौतिक पदार्थों का ईजाद करके प्रकृति पर विजय पाने का दंभ भरने लगा था। स्वयं को परमेश्वर मान लिया। वह भूल गया कि यंत्र-तंत्र से आगे भी बहुत बड़ी दुनिया है। अब भी जीवन उपयोगी तमाम तत्व मनुष्य को प्रकृति से मुफ्त ही मिल रहे हैं- जैसे जल, वायु, जमीन। लेकिन जिस तरह से जल संकट अब गंभीर रूप लेने लगा है, वह आने वाले दिनों में बड़ी त्रासदी बनेगा। फिलहाल कोरोना वायरस के प्रकोप में जिस तरह ऑक्सीजन की कमी से लोग छटपटा रहे हैं, और जान गंवा रहे हैं, उससे तो ऐसा लगता है, मानो आधुनिक मानव ने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली है। उसने पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाया होता, तो वह इस हालत में नहीं पहुंचता।</p><p><b>मिथिलेश कुमार, </b>भागलपुर, बिहार</p><p><b>आंकड़े तो सही रखें</b></p><p>देश में कोविड-19 के भयानक रूप लेने के बाद सरकारों की नींद खुली, लेकिन तब तक अस्पताल मरीजों से और श्मशान शवों से पट गए। एक साथ जलती दर्जनों चिताएं आज चीख-चीखकर बता रही हैं कि तंत्र की काहिली जनता के लिए कितनी जानलेवा साबित हुई है। लेकिन ज्यादातर राज्य सरकारें अब भी वही गलती कर रही हैं, जो शुरू से करती आई हैं। एक श्मशान में कई-कई दर्जन अंतिम संस्कार हो रहे हैं, पर सरकारी आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं। जाहिर है, जब तक सच्चाई को नहीं स्वीकारा जाएगा, इस मुसीबत का समाधान नहीं होगा। सिर्फ महाराष्ट्र और केरल के आंकडे़ कुछ हद तक तसल्लीबख्श लगते हैं, वरना सभी राज्य सरकारें आंकड़ों से खिलवाड़ कर रही हैं, और उसी का नतीजा है कि स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। ध्यान रहे, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने बदनामी की परवाह नहीं की, बल्कि हरेक डाटा को दुरुस्त रखा। इन सटीक आंकड़ों की बुनियाद पर अपनी रणनीति तैयार की, तभी वे इस महामारी को काबू में करने के लिहाज से आज कामयाबी की ओर बढ़ दिख रहे हैं। इन दोनों देशों में आबादी के एक बडे़ प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है। हम कैसे कोई अचूक नीति बना सकते हैं, जब हमारे आंकड़े ही सही नहीं? </p><p><b>स्वाति सिंह</b></p><p>गुरु रामदास नगर, दिल्ली-92 </p><p><b>अक्षम्य अपराध</b></p><p>कर्नाटक में रेमडेसिविर की शीशी में पानी व एंटीबायोटिक भरकर बेचते हुए पांच गिरफ्तार। इनमें दो स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल। राजस्थान में भी रेमडेसिविर की खाली शीशी में दूसरी दवा भरकर बेचने की धोखाधड़ी में पांच गिरफ्तार। इसी तरह, भोपाल में एक नर्स को पकड़ा गया है, जो मरीजों को अन्य दवा का इंजेक्शन लगाकर असली रेमडेसिविर अपने प्रेमी को बेच दे रही थी।... एक तरफ, अनगिनत लोग मानवता की मिसाल पेश कर, अपनी जेब से खर्च करके दीन-दुखियों व पीड़ितों की मदद कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, इनकी करतूत देखिए। वैश्विक आपदा में धोखाधड़ी करने वालों पर रासुका व देशद्रोह कानून के तहत मुकदमा चलना चाहिए।</p><p><b>हेमा हरि उपाध्याय अक्षत, </b>खाचरोद उज्जैन मध्य प्रदेश</p>
0
1,872,030
[ "भारी पड़ गईं कुछ कमियां ", "अब जब देश दूसरी लहर का सामना कर रहा है, तब ऐसा प्रतीत होता है कि मार्च 2020 में हम जहां से चले थे, आज फिर वहीं पहुंच गए हैं। जो स्थितियां चारों तरफ हैं, वो पहले से भी कहीं बदतर हालात की ओर संकेत करती हैं। कहां क्या कमियां रही हैं, कहां कैसे सुधार संभव है? पेश है ब्यूरो चीफ मदन जैड़ा की रिपोर्ट.." ]
<p>क साल से अधिक का वक्त हो गया है और कोरोना महामारी के विरुद्ध हमारी जंग जारी है। मार्च 2020 में जब देश ने कोरोना से लड़ाई शुरू की थी, तब कोई तैयारी नहीं थी। तैयारियां करने के लिए देशव्यापी तालाबंदी की गई और उस समय का सदुपयोग कर संसाधन जुटाए गए और इस महामारी से लड़ा गया। तब देश सफल रहा और यूरोप, अमेरिका जैसे विकसित देशों की तुलना में कोरोना की पहली लहर में जनहानि और संक्रमण को न्यूनतम रखने में सफलता मिली थी। अब जब देश दूसरी लहर का सामना कर रहा है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि मार्च 2020 में हम जहां से चले थे, फिर वहीं पहुंच गए हैं। बल्कि जो स्थितियां चारों तरफ हैं, वह पहले से भी कहीं बदतर हालात की ओर संकेत करती हैं। </p><p><b>खतरे के आकलन में चूक</b></p><p>कोरोना संक्रमण के जो हालात हैं, वह बताते हैं कि दूसरी लहर के खतरे के आकलन में भारी चूक हुई है। जाने-माने वायरोलाजिस्ट शाहिद जमील कहते हैं कि पहली लहर के निकल जाने के बाद यह धारणा बन गई कि जंग जीत ली है। यह चूक कई स्तरों पर हुई है। फरवरी में संक्रमण के न्यूनतम स्तर पर आने के बावजूद वैज्ञानिक यह तो मान रहे थे कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन वह इतने भयावह रूप से फिर से वापस होगा, इसका अंदाजा नहीं कर पाए। यह पहली चूक थी। फरवरी के आखिर और मार्च में जब महाराष्ट्र में कोरोना गंभीर रूप धारण करने लगा, तब भी बाकी सूबों ने सबक नहीं लिया था तथा उसे महाराष्ट्र तक सीमित मानकर अनदेखी की। यह दूसरी चूक थी। मार्च में जब कोरोना 11-12 राज्यों में फैलने लगा, तब भी कारणों की जड़ में जाने की कोशिश नहीं हुई। वायरस के नए स्वरूपों से बीमारी का फैलाव तीव्र है तथा ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, इन बदलावों को बहुत देर से समझा गया। यह तीसरी बड़ी चूक थी। नतीजा यह हुआ कि इस दौरान निजी जलसों से लेकर चुनाव और कुंभ जैसे आयोजन चलते रहे और अप्रैल में बीमारी ने भयावह रूप धारण कर लिया। फिर एकाएक ऑक्सीजन, बेड, दवाओं, वेंटिलेटर, जांच किट का संकट पैदा हो गया।</p><p><b>मजूबत निगरानी तंत्र चाहिए</b></p><p>हमारे देश में संक्रामक बीमारियों की निगरानी के लिए कोई ठोस तंत्र तो नहीं है, लेकिन नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) अपने नेटवर्क के जरिये इस प्रकार की घटनाओं पर नजर रखता है। आईसीएमआर एवं अन्य वैज्ञानिक संस्थान उसे मदद करते हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर का आकलन कर पाने में यह तंत्र नाकाम रहा। एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर एम सी मिश्रा कहते हैं कि यह अंदाजा पहले लगा पाना बेहद कठिन है। कई देश नहीं लगा पाए। दूसरे, बीते 70 सालों में हमारे देश का स्वास्थ्य तंत्र मजबूत नहीं हो पाया, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि यह कमी एक साल में दूर नहीं की जा सकती। इस पर आगे कई सालों तक कार्य करना होगा। एक बात और जिस प्रकार से एकाएक मरीजों की संख्या बढ़ी है, उस स्थिति में कितना भी मजबूत स्वास्थ्य तंत्र हो, वह इस चुनौती का सामना नहीं कर सकता। हां, यह जरूर है कि ऑक्सीजन की संभावित कमी आदि को लेकर कुछ पहले प्रयास शुरू हो जाते, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। </p><p>विशेषज्ञ कहते हैं कि संक्रामक बीमारियों की निगरानी के लिए मजबूत तंत्र बनाए जाने की जरूरत है। यह तंत्र सरकार के लिए आंख, नाक और कान की तरह काम करे। भविष्य में सबसे पहले महामारियों के फैलाव के विरुद्ध ठोस कार्यनीति में निगरानी तंत्र को मजबूत किए जाने की जरूरत है। इसमें आईटी का भी इस्तेमाल हो और इसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नेटवर्क से जोड़ा जाए। बजट में निगरानी को लेकर कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने में देरी न हो।</p><p>दूसरे, देश में प्रवेश के सभी स्थानों जैसे एयरपोर्ट, बंदरगाह तथा कुछ सड़क मार्गों पर ऐसी बीमारियों की स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और क्वारंटीन की सुविधाएं होनी चाहिए। यदि कोरोना की पहली लहर के बाद भी ऐसा किया गया होता, तो यूके वेरिएंट के प्रसार को देश में रोका जा सकता था या सीमित किया जा सकता था, जो दूसरी लहर में सबसे ज्यादा तबाही मचाने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इस दिशा में सख्त कदम नहीं उठाए गए। </p><p>सही मायने में कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए दोहरी तैयारी की जरूरत है। देश के भीतर परिवहन के दूसरे तरीकों जैसे घरेलू हवाई सेवा, रेलवे और बस ट्रांसपोर्ट केंद्रों से होने वाली आवाजाही की स्क्रीनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। यदि किसी प्रकार की चूक एक स्तर पर होती है, तो दूसरे स्तर पर उसे दुरुस्त किया जाए। </p><p>वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष आलोक मुखोपाध्याय स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर देते हैं। वह कहते हैं कि भारत में जब पहला मेडिकल कॉलेज कोलकाता में खुला था और उसके 50 साल बाद चीन में पहला मेडिकल कॉलेज खुला था। लेकिन आज चीन कहां है और हम कहां? इस महामारी ने हमें सबक सिखाए हैं। हमें कई कदम नीतिगत स्तर पर उठाने होंगे। स्वास्थ्य को शीर्ष प्राथमिकता देनी होगी। यह मानना होगा कि पहले स्वास्थ्य फिर आर्थिक विकास है। स्वास्थ्य अभी राज्य का विषय है, लेकिन बेहतर है कि इसे समवर्ती सूची में लाया जाए। इससे स्वास्थ्य को लेकर केंद्र एवं राज्य, दोनों की जवाबदेही तय होगी। दूसरे, केंद्रीय स्वास्थ्य परिषद जो एक सांविधानिक बाडी है और जिसमें राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों का प्रतिनिधित्व है, इसे तत्काल प्रभावी बनाया जाए। ताकि राज्य भी अपने स्वास्थ्य ढांचे को सुधार सकें और केंद्र उन्हें हरसंभव मदद करे। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने के बजाय राज्य सरकारें इस परिषद के माध्यम से अपनी बात रखें। बाकी मानवीय संसाधन बढ़ाने और स्वास्थ्य पर निवेश बढ़ाने को प्राथमिकता देने की जरूरत है।</p><p><b>एक साल का सबक</b></p><p>प्रश्न यह उठता है कि पिछले एक साल में हमारे स्वास्थ्य तंत्र ने या नीति निर्माताओं ने इस महामारी से क्या सबक सीखा? जो स्थितियां जमीन पर हैं, उससे तो लगता है कि पहली लहर कमजोर पड़ने के बाद इसे खत्म मान लिया गया। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम केयर्स से पिछले साल 58,850 वेंटिलेटरों की खरीद की घोषणा हुई थी और एक साल बाद भी सिर्फ 29,695 ही खरीदे गए। यानी महामारी कमजोर पड़ने के साथ ही वेंटिलेटरों की खरीद भी धीमी पड़ गई। जो वेंटिलेटर खरीदे गए, कई राज्यों में उन्हें स्थापित करने के प्रयास नहीं किए गए तथा वह गोदामों में धूल खा रहे हैं। इसी प्रकार पीएम केयर्स से राज्यों के लिए मंजूर 165 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की रफ्तार भी बेहद धीमी है। इनमें से कुछ ही अभी तक संचालित हो पाए हैं। कई स्थानों पर अस्थाई अस्पताल बने थे, लेकिन उन्हें आगे यथावत बनाए नहीं रखा गया और आज वह इस्तेमाल के योग्य नहीं हैं। </p><p><b>निवेश बढ़ाना होगा</b></p><p>हमारे देश में स्वास्थ्य तंत्र आबादी के हिसाब से बेहद कमजोर है। इसकी दूसरी कमी यह है कि निजी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भरता बढ़ रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में हालांकि, यह बात कही गई है कि स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय को 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 फीसदी तक किया जाए, लेकिन जो रफ्तार है, उससे ऐसा प्रतीत नहीं होता है। यह कई सालों से डेढ़ फीसदी पर अटका हुआ है। लेकिन यदि निजी क्षेत्र के व्यय को भी जोड़ लें, तो यह 3.6 फीसदी तक होता है। यानि कुल व्यय में निजी हिस्सेदारी ज्यादा है। लेकिन भारत जैसी अर्थव्यवस्था वाले ब्राजील में सरकारी व्यय 3.9 फीसदी है। चीन में 2.9 फीसदी है। अमेरिका में यह जीडीपी का 16.9 तथा जर्मनी में 11.2 फीसदी है।</p><p>देश में हाल के वर्षों में प्रति व्यय स्वास्थ्य पर व्यय बढ़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में 1008 रुपये प्रति व्यक्ति था, जो 2020 में 1944 रुपये हो गया। वृद्धि दोगुने की हुई है, लेकिन अभी भी यह बहुत कम है। विशेषज्ञों की राय है कि स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय को जीडीपी के चार फीसदी तक ले जाने की जरूरत है, तभी हम भविष्य में कोविड जैसे संकटों का मुकाबला आसानी से कर सकेंगे। साथ ही, चिकित्सा सेवाओं को बेहतर भी बना पाएंगे। स्वास्थ्य में निवेश से न सिर्फ लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि यह क्षेत्र रोजगार सृजन के लिए भी उपयुक्त है। दवा और टीका उत्पादन में पहले ही भारत की मजबूत स्थिति बनी हुई है। </p><p><b>सेवाओं का दायरा </b></p><p>नेशनल सैंपल सर्वे की रिपोर्ट भी देश के स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को उजागर करती है। इसमें कहा गया है कि 65 फीसदी शहरी एवं 54 फीसदी ग्रामीण आबादी आज भी इलाज के लिए निजी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर है। इस रिपोर्ट में 2017-18 के आंकड़ों को आधार बनाया गया है, लेकिन यह रिपोर्ट इसलिए भी निराशा पैदा करती है, क्योंकि 1995-96 के दौरान इसी एजेंसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण में ग्रामीण क्षेत्रों की जो स्थिति थी, उसमें 22 सालों के बाद भी अपेक्षित बदलाव नहीं आया है। तब 56 फीसदी ग्रामीणों ने निजी अस्पतालों में इलाज कराया था। यानी 22 सालों में बदलाव यह हुआ कि निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों का प्रतिशत दो फीसदी घटा। यानी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में महज दो फीसदी बढ़ पाईं?</p><p>इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों का प्रतिशत 22 साल पूर्व 57 था, जो अब बढ़कर 65 हो गया। शहरों में भले ही स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ी हों, लेकिन यह रिपोर्ट बताती है कि जिस हिसाब से शहरों में आबादी बढ़ी है और शहरों का बेतरतीब फैलाव हुआ है, उस हिसाब से स्वास्थ्य सेवाएं नहीं बढ़ीं। </p><p>वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के प्रोेफेसर जुगल किशोर कहते हैं कि भारत जैसे लोकतांत्रिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि वाले देश में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भरता ज्यादा होनी चाहिए। 80 फीसदी लोगों तक सरकारी सेवाएं पहुंचनी चाहिए। निजी सेवाएं 20 फीसदी तक सीमित रहें, लेकिन असल में इसके ठीक उलट हो रहा है। इसलिए इसे बदलने के लिए स्वास्थ्य पर सार्वजनिक निवेश में इजाफा आज वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। </p><p><b>निचले स्तर की चिंता </b></p><p>कमियां लगातार उजागर हो रही हैं। लंबे समय से इस बात को कहा जा रहा है कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है। महानगरों एवं बड़े शहरों में स्वास्थ्य सेवाएं सरकारी एवं निजी, दोनों बेहतर हैं, लेकिन छोटे शहर और जिला मुख्यालयों पर अस्पतालों एवं उनमें संसाधनों की भारी कमी है। प्राथमिक स्वास्थ्य तंत्र केरल, कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए, तो बेहद कमजोर पड़ चुका है। इस तंत्र को सशक्त बनाने के लिए उपाय किए जाने की जरूरत है। वजह यह है कि स्वास्थ्य के बजट का करीब 51 फीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य पर खर्च होता है, जबकि स्वास्थ्य नीति के अनुसार, दो तिहाई खर्च होना चाहिए। इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत बनाने और जिला अस्पतालों को रेफरल अस्पतालों में विकसित किए जाने की जरूरत है। </p>
0
1,872,031
[ " पं...... " ]
<p><b> पं. राघवेन्द्र शर्मा</b></p><p>वैशाख कृष्ण पक्षारंभ। सूर्य उत्तरायण। सूर्य उत्तर गोल। ग्रीष्म ातु। मध्याह्न 12 बजे से मध्यह्न 1.30 बजे तक राहुकालम्। </p><p><b>28 अप्रैल, </b>बुधवार, 8 वैशाख (सौर) शक 1943, 16 वैशाख मास प्रविष्टे 2078, 15 रमजान सन् हिजरी 1442, वैशाख कृष्ण द्वितीया रात्रि 1.35 बजे तक उपरांत तृतीया, विशाखा नक्षत्र सायं 5.13 बजे तक तदनन्तर अनुराधा नक्षत्र, व्यतीपात योग सायं 3 बजकर 50 मिनट तक, पश्चात वरीयान योग, तैतिल करण, चंद्रमा प्रात: 11.56 बजे तक तुला राशि में तत्पश्चात वृश्चिक राशि में। </p><p><b>पं. वेणीमाधव गोस्वामी</b></p><p><b>ेधनु : </b>संयत रहें। धैर्यशीलता में कमी हो सकती है। बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। किसी मित्र से धन प्राप्त हो सकता है। </p><p><b>सिंह : </b>पठन-पाठन में रुचि रहेगी। किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है। शैक्षिक कार्यों के लिए यात्रा पर जा सकते हैं। </p><p><b>मेष: </b>क्षणे रुष्टा, क्षणे तुष्टा की मन:स्थिति रहेगी। शैक्षिक और बौद्धिक कार्यों में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।</p><p><b>मकर </b>: मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। आलस्य भी अधिक हो सकता है। परिवार का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। </p><p><b>कन्या </b>: मन परेशान रहेगा। मानसिक शांति के लिए प्रयास करें। परिवार की समस्याओं को नजरअंदाज ना करें। </p><p><b>वृष: </b>मन अशांत रहेगा। किसी अज्ञात भय से परेशान हो सकते हैं। खर्च अधिक रहेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। </p><p><b>मिथुन </b>: मानसिक शांति तो रहेगी। परंतु फिर भी संयत रहें। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। धन की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। </p><p><b>कुंभ</b>: संयत रहें। मन अशांत रहेगा। क्रोध से बचें। आय में वृद्धि के साधन विकसित हो सकते हैं। किसी मित्र का सहयोग मिलेगा। </p><p><b>तुला : </b>मन में शांति और प्रसन्नता रहेगी। मीठे-खानपान में रुचि बढ़ सकती है। नौकरी में स्थान परिवर्तन की संभावना है। </p><p><b>मीन : </b>नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। परंतु स्थान परिवर्तन संभव है। परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। </p><p><b>वृश्चिक </b>: आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। नौकरी में इच्छा विरु द्ध कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। </p><p><b>कर्क </b>: शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। संतान को कष्ट हो सकता है। खर्चों में वृद्धि हो सकती है। परिवार का साथ मिलेगा।</p>
0
1,872,034
[ "सुबह 7.30..... " ]
<p>सुबह 7.30 भीष्म, दोपहर 12.00 बादशाह, 3.00 चाइना गेट, शाम 6.00 मिस्टर नटवरलाल, रात 9.00 नजर के सामने</p><p>शाम 7.00 मेरे साईं, रात 7.30 पुण्यश्लोक अहिल्याबाई, 8.10 विघ्नहर्ता गणेश, 8.50 क्यों उत्थे दिल छोड़ आए, 9.30 इश्क पर जोर नहीं, 10.00 क्राइम पेट्रोल 5 (2019) </p>
0
1,872,028
[ "शाम 6.00 आपकी नजरों ने समझा, 6.30 मेहंदी है रचने वाली, 7.00 शौर्य और अनोखी की कहानी, 7.30 पांडॺा स्टोर, 8.00 गुम है किसी के प्यार में, 8.30 इमली, 9.00 साथ निभाना साथिया 2, 9.30 ये रिश्ता क्या कहलाता है, 10.00 अनुपमा, 10.30 ये हैं चाहतें, 11.00 पंडॺा स्टोर, 11.30 साथ निभाना साथिया" ]
<p>सुबह 7.00 विकेड टूना, 8.00 टु कैच ए स्मग्लर, 9.00 साइंस ऑफ स्टुपिड, 9.30 ब्रेन गेम्स, 10.00 एनिमल्स गॉन वाइल्ड विद जावेद जाफरी, 10.30 साइंस ऑफ स्टुपिड, 11.00 फिल्दी रिचेस, दोपहर 1.00 गोर्डन रामसे अनचार्टेड, 2.00 प्राइमल सर्वाइवर, 3.00 स्नेक्स इन द सिटी </p>
0
1,872,029
[ "सुबह 6.15 एअर फोर्स वन, 8.15 एड आस्ट्रा, 10.15 डेस्पिकेबल मी 3, 11.45 बॉस बेबी, दोपहर 1.15 द गुड डायनोसॉर, 2.45 होम, 4.15 एवेंजर्स : द एज ऑफ अल्ट्रॉन, शाम 6.45 लाइफ ऑफ पाए, रात 9.00 पर्ल हार्बर " ]
<p>सुबह 7.00 अर्थ्स सेक्रेड वंडर्स, 8.00 राउंड प्लानेट, 9.00 डेडली सिक्सटी ऑन ए मिशन- पोल टु पोल, 10.00 फैक्टोमीनिया</p><p>ेसुबह 6.30 सुपर नानी, 9.14 बंबल बी, 11.31 दौड़ लकी दौड़, 2.14 जिगर, 5.15 महारक्षक</p>
0
1,872,033
[ "खेलने का..... " ]
<p><b>खेलने का तरीका : </b>दिमागी खेल और नम्बरों की पहेली है यह। तर्क से इसे हल कर सकते हैं। ऊपर नौ-नौ खानों के नौ खाने दिए गए हैं। आपको 1 से 9 की संख्याएं इस तरह लिखनी हैं कि खड़ी और पड़ी लाइनों के हरेक खाने में 1 से 9 की सभी संख्याएं आएं। साथ ही 3x3 के हरेक बक्से में भी 1 से 9 तक की संख्याएं हों। पहेली का हल हम कल देंगे। </p>
0
1,872,032
[ "बाएं से..... " ]
<p><b>बाएं से दाएं </b></p><p>1. किए जाने वाले काम; काम का ढेर (5)</p><p>4. निगरानी; निगहबानी; रक्षा प्रबंध (3)</p><p>6. दशा; परिस्थिति; मौजूदा हैसियत (3)</p><p>8. पटकनी; मूर्च्छा; शोक के कारण विह्वल हो कर गिरने की स्थिति (3)</p><p>9. अल्पकालिक भिड़ंत; क्रोधपूर्ण कहा सुनी; झड़पने का भाव (3)</p><p>10. परस्पर निर्वाह करना; संबंध बनाए रखना; विचलित न होना (3)</p><p>11. काठ का छोटा पतला और लंबोतरा टुकड़ा; छोटा पटरा; सड़क के दोनों किनारों का कम चौड़ा पथ, जो पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित रहता है (3)</p><p>13. असुर; राक्षस; दनुज; विप्रचित्ति (3)</p><p>14. कड़ा; कठोर; दृढ़; दुस्साध्य (3)</p><p>15. राजा के लिए संबोधन; राजा को संबोधन (3)</p><p>16. मकान के प्रवेश द्वार के ऊपर बनाया गया बरामदा (3)</p><p>17. अबोध; अनाड़ी; मूर्ख (3)</p><p>18. अत्याचार; निरंकुश शासन (5)</p><p><b>ऊपर से नीचे </b></p><p>2. आह भरना; कुढ़ना; विलाप करना (4)</p><p>3. अपने से बड़े बलवान से भिड़ जाना; बहुत शक्तिशाली से टक्कर लेना; साहस दिखाना (3,1,3,2)</p><p>4. एक मौसम; वह ातु जिसमें पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं (4)</p><p>5. राष्ट्रपति का निवास स्थान (4,3)</p><p>7. अच्छी तरह से निश्चित कराना; अनुबंधित कराना; आरक्षित कराना; पक्का करवाना (4,3)</p><p>12. वैभव; सजधज; ठसक; मर्यादा (2,2)</p><p>13. कर्ण; बहुत बड़ा दानी; महादानी (4)</p><p><b>हरीश चन्द्र सन्सी, </b>विविधा विधा, दिल्ली</p><p>(उत्तर अगले अंक में)</p>
0
1,871,495
[ "लॉकडाउन से 44 फीसदी विद्यार्थियों के मस्तिष्क पर पड़ा गहरा प्रभाव" ]
<p><b>अलीगढ़ </b><b>| </b><b>प्रणव अग्रवाल </b></p><p>कोरोना की दूसरी लहर देश में कहर बरपा रही है। फिर से लॉकडाउन ज्वलंत मुद्दा बनता जा रहा है। लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि जनमानस और खासकर विद्यार्धियों की मनोदशा पर गहरा असर पड़ रहा है। इसका खुलासा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सा विभाग के शोध में सामने आया है। </p><p>शोध में पाया गया कि लॉकडाउन से 44 फीसदी विद्यार्थियों के दिमाग पर बहुत गहरा असर पड़ा है। मनोचिकित्सा विभाग ने मार्च 2020 के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर लॉकडाउन से पड़ने वाले असर का अध्ययन किया है। अध्ययन में चार बिंदु- संवेदगात्मक, पारिवारिक वातावरण, सामाजिक क्षेत्र व शैक्षिक क्षेत्र शामिल किया गया। इस अध्ययन में छात्रों की मानसिकता पर सबसे गहरा प्रभाव सामने आया है। बीते साल लगभग चार महीने के लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षाओं व विद्यार्थियों के घरों में कैद रहने की वजह से 44 विद्यार्थियां के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ज्यादातर एंजाइटी रोग के शिकार हो गए हैं। अंग्रेजी की पढ़ाई में गणित का भी गुना-भाग करने के मामले भी मिले। वहीं शोध में रिश्तों के बीच चिड़चिडा़पन ने घर बना लिया है।</p>
0
1,871,494
[ "देश में कोरोना वायरस के 3 लाख 23 हजार 144 नए मामले मिले, 2,771 लोगों ने इस दौरान दम तोड़ा", "पांच दिन बाद रोजाना के केस में गिरावट" ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>एजेंसी </b></p><p>देश में पांच दिन बाद कोरोना के रोजाना के मामलों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को 3 लाख 23 हजार 144 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। जबकि 2771 मरीजों की मौत हो गई। इससे पहले सोमवार को 3.52 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2,800 से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ा था। मौतों का आंकड़ा भी गिरा है। </p><p>देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,76,36,307 हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ठीक होने की दर गिरकर 82.54 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, संक्रमण से 2,771 और लोगों के दम तोड़ने से मृतक संख्या बढ़कर 1,97,894 हो गई है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। यह संख्या बढ़कर 28,82,204 हो गई है, जो कुल संक्रमितों का 16.34 प्रतिशत है।</p><p><b>क्रू सदस्य संक्रमित बिना यात्री भारत लौटी उड़ान: </b>सिडनी से उड़ान भरने वाले एअर इंडिया विमान के चालक दल के एक सदस्य के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने यात्रियों को विमान में सवार होने से रोक दिया, जिसके बाद उड़ान मंगलवार को केवल सामान लेकर दिल्ली पहुंची। दिल्ली-सिडनी के बीच उड़ान के संचालन से पहले शनिवार को दिल्ली में विमान के चालक दल के सभी सदस्यों की आरटी-पीसीआर जांच की गई और सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। संक्रमित चालक दल के सदस्य को सिडनी में ही पृथकवास में रखा गया है। </p><p><b>69.1 प्रतिशत मामले दस राज्यों से सामने आए </b></p><p>केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में एक दिन में कोविड-19 के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें से 69.1 प्रतिशत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 10 राज्यों से हैं। कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान उन दस राज्यों में शामिल हैं, जहां कुल कोविड मामलों में से 69.1 मामले सामने आए हैं। अब तक 28 करोड़ से अधिक जांच की जा चुकी हैं। संक्रमण की दर 6.28 प्रतिशत है।</p><p><b>अब तक 1,97,894 लोगों की जान गई</b></p><p>संक्रमण से अब तक 1,97,894 लोगों की मौत हुई है। इनमें से महाराष्ट्र में 65,284 मरीजों की, दिल्ली में 14,628, कर्नाटक में 14,627 , तमिलनाडु में 13,651, यपूी में 11,414 बंगाल में 11,009 मरीजों की मौत हुई है।</p><p><b>महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोगों की मौत</b></p><p>पिछले 24 घंटे में 2771 लोगों की मौत हो गई। इनमें महाराष्ट्र में 524 मरीजों की, दिल्ली में 380, उत्तर प्रदेश में 249, छत्तीसगढ़ में 226, कर्नाटक में 201, गुजरात में 158 और झारखंड में 124 मरीजों की मौत हुई।</p><p><b>ठीक होने की दर गिरकर 82.54 </b></p><p>्रराष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 से ठीक होने की दर गिरकर 82.54 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,45,56,209 हो गई है, जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.12 प्रतिशत हो गई है।</p>
0
1,871,496
[ "अंतिम संस्कार में देरी पर महाराष्ट्र सरकार तलब" ]
<p><b>मुंबई </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना मृतकों के शव घंटों तक नहीं रखे जा सकते। इसके साथ ही उसने महाराष्ट्र सरकार तथा बीएमसी को राज्य एवं मुंबई में श्मशानों की स्थिति के बारे में अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया। </p><p>मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि कई श्मशानों में शव के अंतिम संस्कार के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। पीड़ितों के रिश्तेदारों को श्मशान के बाहर कतार में लगे रहना पड़ता है।अदालत ने कहा कि अगर श्मशान में कतार लगी हुई है तो अस्पतालों से शव नहीं छोड़े जाने चाहिए। </p><p>न्यायमूर्ति कुलकर्णी ने यह बात महाराष्ट्र के बीड़ जिले की घटना का हवाला देते हुए कही, जहां कोविड-19 संक्रमण के शिकार 22 लोगों के शवों को एक ही एंबुलेंस से ठूंस ठूंसकर श्मशान में पहुंचाया गया। अदालत कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी, ऑक्सीजन की आपूर्ति, बेड की किल्लत और अन्य मुद्दों के संबंध में निर्देश देने का अनुरोधकिया गया।</p>
0
1,871,497
[ "खाली टैंकरों की एक और खेप थाईलैंड से लाई गई" ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>l </b><b>एजेंसी </b></p><p>केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन के परिवहन के लिए कंटेनरों की एक और खेप थाईलैंड से भारत पहुंच गई है। देश में कोरोना संकट की गंभीर स्थिति के बीच ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के मद्देनजर गृह मंत्रालय की ओर से वायुसेना के विमान की मदद से खाली कंटेनरों की यह तीसरी खेप मंगाई गई है।</p><p>गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा, बैंकॉक से कंटेनरों को हवाई मार्ग से लाया गया है। इन्हें लाने के काम में गृह मंत्रालय की ओर से समन्वय किया जा रहा है। कोविड संकट के बढ़ने की स्थिति को देखते हुए इससे ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ेगी। खाली ऑक्सीजन कंटेनरों की पहली खेप सिंगापुर व दूसरी खेप सोमवार को दुबई से मंगाई गई थी। कंटेनर लाने वाले तीनों परिवहन विमान पश्चिम बंगाल में उतरे। </p>
0
1,871,493
[ "ऑक्सीजन की मांग पांच गुना बढ़ी " ]
<p><b>जयपुर। </b>राजस्थान में वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच चिकित्सकीय ऑक्सीजन की मांग तीन महीने में पांच गुना बढ़कर 31,425 सिलेंडर प्रतिदिन हो गई है। राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया सरकार ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने की भरसक कोशिश कर रही है। </p>
0
1,871,492
[ "स्पूतनिक वी की पहली खेप मई अंत तक " ]
<p><b>हैदराबाद। </b>डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज ने मंगलवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि रूस की कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक वी की पहली खेप मई के अंत तक भारत आ जाएगी। कंपनी को भारतीय दवा नियामक से स्पूतनिक वी के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। कंपनी के पास भारत में वैक्सीन की 12.5करोड़ खुराकों के वितरण का अधिकार है।</p>
0
1,871,489
[ "वाजपेयी की भतीजी का कोरोना से निधन " ]
<p><b>रायपुर। </b>कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद करुणा शुक्ला का निधन हो गया। कोरोना से संक्रमित होने के कारण 70 वर्षीय शुक्ला को पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करुणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी थी। तबीयत बिगड़ने के बाद शुक्ला को 14 तारीख को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।</p>
0
1,871,491
[ "उमर अब्दुल्ला जांच में निगेटिव पाए गए " ]
<p><b>श्रीनगर। </b>नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला मंगलवार को जांच में कोविड-19 निगेटिव पाए गए। उमर 18 दिन पहले संक्रमित हुए थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा कि वह खुशनसीब रहे कि उनमें नाक बंद होने के अलावा और कोई लक्षण नहीं दिखा।</p>
0
1,871,490
[ "गोवा में रिपोर्ट से पहले इलाज" ]
<p><b>पणजी। </b>गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने अस्पतालों में पहुंच रहे कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही उनका उपचार शुरू करने का फैसला किया है। यानी संक्रमण उपचार नियमावली संशोधित कर दी है।</p><p>मंत्री ने कहा कि मृतकों के आंकड़ों से यह खुलासा है कि उनमें से कई की जान अस्पतालों में भर्ती में देरी होने से गई। सरकार ने नियमावली फिर तैयार की है जिसके तहत लक्षण वाले मरीजों के जांच के लिए पहुंचने के तत्काल बाद उन्हें दवा दी जाएगी। जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा। <b>(एजेंसी)</b></p>
0
1,872,047
[ "देश में दो दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा नकदी का चलन " ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>विवेक कौल </b></p><p>भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का चलन (करेंसी सर्कुलेशन) दो दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार, मार्च, 2021 तक अर्थव्यवस्था में नकदी का चलन बढ़कर 28.6 खबर पहुंच गया। </p><p> यह पिछले साल से16.8 फीसदी अधिक है। जानकारों का कहना है कि कोरोना की अनिश्चितता के कारण सर्तकता बरते हुए लोगों ने नकदी को प्राथमिकता दी है। </p><p>खरब रुपये पर पहुंचा मार्च, 2021 तक देश में नकदी का चलन </p><p>फीसदी की वृद्धि हुई पिछले साल की तुलना में नकदी में </p><p>लाख करोड़ रुपये था नकदी का चलन नोटबंदी से पहले</p><p><b>28.6 </b></p><p><b>16.8 </b></p><p><b>16.41</b></p><p><b>260 प्रतिशत का आया उछाल </b></p><p>रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी के अनुपात में नकदी का चलन मार्च, 2021 तक बढ़कर 14.6 फीसदी पर पहुंच गया। वहीं, मार्च, 2020 तक यह अनुपात 12 फीसदी पर था। यानी पिछले साल के मुकाबले इसमें 260 फीसदी का उछाल आया है जो पहली बार हुआ है। ऐसा नोटबंदी के बाद भी देखने को नहीं मिला था। भारत की मौजूदा जीडीपी का साइज 195.9 खरब रुपये आंका जा रहा है। </p><p>नकदी केचलन में जो तेजी पिछले वित्त वर्ष में दिखी वह 2010-11 के बाद का सबसे बड़ा उछाल है। उस समय 18.8 फीसदी की बढ़ोतरी एक साल में दर्ज की गई थी। हालांकि, नोटबंदी के बाद 2017-18 में 37 फीसदी की भी वृद्धि हुई लेकिन वह असमान्य घटना थी। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के बाद भीनकदी के चलन में वृिद्ध हैरान करने वाली है।</p>
0
1,872,046
[ "शेयरों बाजार में मिले रिटर्न ने निवेशकों को लुभाया, वर्क फ्रॉम होम का भी असर", "14 करोड़ नए डीमैट खाते खुले " ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>हिन्दुस्तान ब्यूरो </b></p><p>देश में कोरोना की दूसरी लहर से आर्थिक संकट गहराने की आशंका है लेकिन इसका असर शेयर बाजार के निवेशकों पर होता नहीं दिख रहा है। वित्त वर्ष 2021 (अप्रैल, 2020 से लेकर मार्च, 2021) में शेयर बाजार से जुड़ने वाले नए निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज की साझा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में 14.2 करोड़ नए डीमैट खाते खोले गए। नए डीमैट खातों की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले करीब तीन गुना है। </p><p>बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट के चलते बैंक जमा से लेकर बॉन्ड और रियल एस्टेट में निवेश पर निवेशकों को कम रिटर्न कम मिला रहा है। वहीं, मार्च, 2020 से बीएसई सेंसेक्स ने निवेशकों को 68 फीसदी का रिटर्न दिया है। इससे निवेशक शेयर बाजार की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। वहीं, वर्क फ्रॉम होम और छोटे शहरों से भी निवेश जुड़े रहे हैं।</p><p><b>नियम सरल करने का भी फायदा मिला </b></p><p>विशेषज्ञों का कहना है कि नियामक द्वारा डीमैट से जुड़े नियमों को सरल बनाने का भी फायदा मिला है। केवाईसी प्रक्रिया को सरल करने, मोबाइल एप के जरिये ट्रेडिंग की सुविधा और इंटरनेट का विस्तार ने नए निवेशकों को बाजार से जोड़ने का काम किया है। इससे नए डीमैट खाते खोलने वाले तेजी से बढ़े हैं। </p>
0
1,872,050
[ "दूसरी लहर बेकाबू होने से महंगाई बढ़ेगी " ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>विशेष संवाददाता</b></p><p>रिजर्व बैंक के अप्रैल बुलेटिन में संकेत दिए गए हैं कि अगर कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो जाती है और आवाजाही पर लगे प्रतिबंध लंबे समय तक लगे रहे तो महंगाई बढ़ सकती है। इसके पीछे वजह सप्लाई चेन का प्रभावित होना बताई गई है। बुलेटिन में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम की तरफ से लिखे गए लेख में ये संकेत दिए गए हैं। </p><p>साथ ही ये भी कहा गया है कि यह लेखकों के निजी विचार हैं ये जरूरी नहीं है कि इनको आरबीआई का विचार माना जाए। लेख में ये भी कहा गया है कि महामारी के बाद मजबूत और स्थाई विकास के लिए वैक्सीनेशन में तेजी लाने, महामारी संबंधी प्रोटोकॉल अपनाने, अस्पतालों की संख्या और क्षमता बढ़ाने पर फोकस करना होगा। वहीं ये भी कहा गया है कि महामारी की ये दूसरी लहर पिछले साल वाली लहर के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है। वायरस की म्यूटेंट वैराइटी </p>
0
1,872,052
[ "सेंसेक्स 558 अंक चढ़ा निफ्टी 14,650 के पार " ]
<p><b>मुंबई </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 558 अंक उछलकर बंद हुआ। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एलएंडटी में तेजी से बाजार को समर्थन मिला। </p><p>तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 557.63 अंक यानी 1.15 प्रतिशत मजबूत होकर 48,944.14 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 168.05 अंक यानी 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,653.05 अंक पर बंद हुआ।</p><p>सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में एल एंड टी रहा। इसमें तीन प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। </p>
0
1,872,051
[ "सांविधिक लेखा परीक्षक जल्द नियुक्त करें बैंक " ]
<p><b>मुंबई </b><b>| </b><b>एजेंसी</b></p><p>भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंकों और आवास ाण देने वाली कंपनियों सहित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए सांविधिक लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के दिशानिर्देश जारी किए।</p><p> दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), यूसीबी और एनबीएफसी (एचएफसी सहित) के लिए सांविधिक केंद्रीय लेखा परीक्षकों (एससीए) / सांविधिक लेखा परीक्षकों (एसए) की नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश वित्त वर्ष 2021-22 और उसके बाद लागू होंगे। हालांकि, जमाएं नहीं लेने वाली 1,000 करोड़ रुपये से कम की परिसंपत्ति वाली एनबीएफसी के पास मौजूदा प्रक्रिया को जारी रखने का विकल्प होगा। शहरी सहकारी बैंकों को एससीए/ एस की नियुक्ति के लिए रिजर्व बैंक से वार्षिक आधार पर स्वीकृति लेनी होगी। </p>
0
1,872,037
[ "एसबीआई कार्ड्स का लाभ दो गुना " ]
<p><b>नई दिल्ली। </b>एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सविर्सिज ने कहा कि मार्च 2021 को समाप्त चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 110 प्रतिशत बढ़कर 175 करोड़ रुपये रहा। </p><p>एसबीआई कार्ड्स का पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही 84 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दिखाया था। कंपनी ने बाजार सूचना में बताया है कि जनवरी-मार्च 2021 में उसने 2,309 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 2,433 करोड़ रुपये था। इस प्रकार समाप्त तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ तो बढ़ा है लेकिन कुल कारोबार कम हुआ है।</p>
0
1,872,041
[ "लोगों का नकद पर क्यों बढ़ा भरोसा " ]
<p>वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी लोगों ने ज्यादा नकदी जमा की थी। भारतीय समाज की अवधारणा को देखें तो जब भी संकट जैसी स्थिति पैदा हुई है, तब घरों में नकदी जमा करने की प्रवृत्ति रही। यह कारण है कि इस साल भी नकदी की मांग में बढ़ोतरी रही है क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक होती जा रही है। </p>
0
1,872,036
[ "ई-कॉमर्स कंपनियोंको लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें" ]
<p><b>नई दिल्ली। </b>कोरोना महामारी के दौर में ई-कॉमर्स का चलन बढ़ा है। भीड़भाड वाले स्थान से बचने के लिए लोग ई कॉमर्स से खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षो में ई कॉमर्स का कारोबार तेजी से बढा है। पर इसके साथ ई कॉमर्स कंपनियों को लेकर शिकायतें बढ़ी हैं।</p><p>उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा शिकायत पांच क्षेत्रों को लेकर है। इनमें बैंकिग, टेलीकॉम, इलेक्ट्रिोनिक प्रोडक्ट, ई कॉमर्स और कंयूमर्स डयूरेबल आइटम को लेकर आती है। इनमें पहले नंबर पर ई कॉमर्स और दूसरे नंबर पर बैंकिग क्षेत्र का नंबर आता है। इसके बाद दूसरे क्षेत्र हैं। कोरोना काल की बात करें तो पिछले साल जनवरी 2020 से अब तक ई कॉमर्स को लेकर तीन लाख से ज्यादा शिकायते में मिली हैं। जबकि टेलीकॉम के बार में एक लाख से कुछ ज्यादा शिकायत आई हैं। </p><p><b>हर माह करीब 70 हजार शिकायतें: </b>उपभोक्ता मंत्रालय को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के जरिए हर माह करीब सत्तर हजार शिकायतें मिलती हैं। अप्रैल 2017 से फरवरी 21 तक ई कॉमर्स को लेकर उपभोक्ताओं की 5 लाख 23 हजार 837 शिकायत मिली। </p>
0
1,872,049
[ "आरोग्य संजीवनी में 1 मई से 10 लाख का कवर " ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>| </b><b>हिन्दुस्तान ब्यूरो </b></p><p>कोरोना की दूसरी लहर के बीच बीमा नियामक इरडा ने आरोग्य संजीवनी पॉलिसी की कवर राशि को दोगुना करने का निर्देश दिया है। बीमा कंपनियों को 1 मई तक 10 लाख रुपये तक की कवर वाली पॉलिसी पेश करना होगा। </p><p>विशेषज्ञों का कहना है कि पहली दफा स्वास्थ्य बीमा लेने वालों लोगों के लिए यह अच्छी खबर है। वह कम प्रीमियम में आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत अब बड़ा कवर पा सकेंगे। पॉलिसी की शर्तें सभी कंपनियों के लिए एक जैसी होने से ग्राहकों को परेशानी भी नहीं होगी। </p><p><b>कोरोना कवर भी इसमें शामिल : </b>आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में कोरोना कवर भी शामिल है। यानी अगर आप या आपका परिवार कोरोना संक्रमित होता है तो आप इस बीमा के तहत इलाज पा सकते हैं। </p><p><b>पॉलिसी खरीदने की उम्र : </b>नियामक ने इस स्टैंडर्ड हेल्थ पॉलिसी को चुनने की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 65 साल तय की है। </p><p><b>आसान प्रीमियम भुगतान का विकल्प : </b>बढ़े कवर के साथ आरोग्य संजीवनी पॉलिसी अब और आकर्षक हो गई है। बीमाधारक आसानी से इस पॉलिसी को कम प्रीमियम चुकाकर खरीद सकते हैं। वह प्रीमियम का भुगतान सालाना, छमाही, तिमाही, मासिक आधार पर कर सकते हैं। </p><p><b>प्रीमियम 50 प्रतिशत तक सस्ता : </b>बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि यह पॉलिसी बुनियादी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के मुकाबले 20 से 50 प्रतिशत सस्ती है। </p>
0
1,872,039
[ "मारुति सुजुकी को 1,241 करोड़ रुपये का लाभ " ]
<p><b>नई दिल्ली। </b>कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 6.14 प्रतिशत घटकर 1,241.1 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के निदेशक मंडल ने 2020-21 के लिए प्रति शेयर 45 रुपये लाभांश देने की सिफारिश की है। कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसे 1,322.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।</p>
0
1,872,040
[ "पीएसीएल के 12.7 लाख निवेशकों को राहत" ]
<p><b>नई दिल्ली। </b>बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि पीएसीएल के 12.7 लाख से अधिक निवेशकों के 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के दावों में से 438 करोड़ रुपये की राशि लौटा दी गयी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जांच में पाया था कि पीएसीएल लि. ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से 18 साल में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अवैध सामूहिक निवेश योजना के जरिये जुटायी।</p>
0
1,872,042
[ "आरबीआई फरवरी में डॉलर का बिकवाल रहा" ]
<p><b>मुंबई। </b>आरबीआई फरवरी में डॉलर का शुद्ध बिकवाल रहा। उसने हाजिर बाजार में 1.219 अरब डॉलर बेचे। यह लगातार दूसरा मौका है जब वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्रीय बैंक ने हाजिर बाजार में शुद्ध रूप से अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली की। </p>
0
1,872,043
[ "एनटीपीसी समुद्री पानी से तैयार पेय जल बेचेगी " ]
<p><b>नई दिल्ली। </b>सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने तमिलनाडु में अपनी संयुक्त उद्यम परियोजना एनटीईसीएल वल्लुर में समुद्र के पानी से नमक की मात्रा हटाकर पीने योग्य बनाए गए पानी डिसैलिनेटेड वाटर को बेचने के लिए रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए हैं। </p>
0
1,872,044
[ "कोयला खनन में वित्तपोषण पर नीति जल्द" ]
<p><b>कोलकाता। </b>सरकार कोयला खनन के क्षेत्र में परियोजना वित्तपोषण को लेकर नीति जल्द ला सकती है। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि नीलामी की दूसरी किस्त को कोविड- 19 महामारी के कारण टाले जाने की संभावना नहीं है। </p>
0
1,872,045
[ "डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे चढ़ा" ]
<p><b>मुंबई। </b>अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे की तेजी के साथ 74.66 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.65 प्रति डॉलर पर खुला। </p>
0
1,872,038
[ "सोने में मामूली तेजी, चांदी 255 रुपये मजबूत" ]
<p><b>नई दिल्ली। </b>स्थानीय सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 69 रुपये की मामूली तेजी के साथ 46,906 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्युरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोने का भाव 46,837 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था। चांदी का भाव भी इस दौरान 255 रुपये की तेजी के साथ 67,890 रुपये प्रति किलो हो गया। इससे पिछले कारोबारी सत्र में यह 67,635 रुपये पर बंद हुआ था। </p>
0
1,872,048
[ "शीर्ष अदालत ने कहा-ऑक्सीजन की राष्ट्रीय आवश्यकता के मद्देनजर फैसला लिया, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए", "वेदांता को तूतीकोरिन ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन की मंजूरी " ]
<p><b>नई दिल्ली </b><b>l </b><b>एजेंसी</b></p><p>उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वेदांता को तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित उसके ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन की अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन की राष्ट्रीय आवश्यकता के मद्देनजर यह आदेश पारित किया गया है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर और न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट की पीठ ने कहा कि इस आदेश की आड़ में वेदांता को तांबा गलाने वाले संयंत्र में प्रवेश और उसके संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वेदांता द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस समय राष्ट्र संकट का सामना कर रहा है। </p><p>न्यायालय ने कहा कि वेदांता को ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन की अनुमति देने का आदेश किसी भी तरह से कंपनी के हित में किसी प्रकार का सृजन नहीं माना जाएगा। न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को ऑक्सीजन संयंत्र में गतिविधियों पर नजर रखने को डीएम व तूतीकोरिन एसपी को शामिल कर एक समिति गठित करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने 23 अप्रैल को कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं। उसने तमिलनाडु सरकार से पूछा था कि वह ऑक्सीजन उत्पादन के लिए तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट तांबा इकाई को अपने नियंत्रण में क्यों नहीं ले लेती, जो प्रदूषण चिंताओं को लेकर मई 2018 से बंद है।</p>
0
1,871,508
[ "इस सत्र में लगातार चार मैच जीतने वाली चेन्नई को तालिका में सबसे नीचे मौजूद हैदराबाद की कमजोर चुनौती ", "सीएसके के सामने सनराइजर्स की परीक्षा " ]
<p><b>नई दिल्ली: </b>पहला मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी करने वाली चेन्नई की टीम आईपीएल में बुधवार को यहां सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। इस मैच में हैदराबाद की कड़ी परीक्षा होगी।</p><p><b>चेन्नई ने लगातार चार मैच जीते : </b>महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई वाली टीम ने पहला मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी की। उसने लगातार चार मैच जीते हैं और अब उसे नए स्थल फिरोजशाह कोटला मैदान पर भी विजय अभियान जारी रखने की उम्मीद रहेगी। तीन बाद के चैंपियन चेन्नई के लिए 2020 का सत्र अच्छा नहीं रहा था लेकिन इस बार टीम के अनुभवी खिलाड़ी उससे जुड़ गए हैं जो अपना प्रभाव छोड़ रहे हैं। </p><p><b>जडेजा जबरदस्त फॉर्म में : </b>ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने सीएसके की जीत में अहम भूमिका निभाई है। जडेजा ने रविवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ आखिरी ओवर में 37 रन जोड़कर अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई थी। उन्होंने बाएं हाथ की अपनी सटीक गेंदबाजी से विकेट भी लिए और क्षेत्ररक्षण में भी अपना कमाल दिखाया। सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ और फाफ डुप्लेसिस अच्छी फॉर्म में है जबकि सुरेश रैना और अंबाती रायडू से बड़ी पारियों की दरकार है। सीएसके के बल्लेबाज राशिद खान की चुनौती से वाकिफ होंगे लेकिन सनराइजर्स के बाकी गेंदबाज नहीं चल पा रहे हैं जो उसका कमजोर पक्ष है। </p><p><b>हैदराबाद विदेशियों पर निर्भर : </b>सनराइजर्स अपने विदेशी खिलाड़ियों कप्तान डेविड वार्नर, सलामी बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो, न्यूजीलैंड के दिग्गज केन विलियम्सन और राशिद पर काफी निर्भर हैं। उसकी टीम में मौजूद भारतीय खिलाड़ियों का लचर प्रदर्शन उसके लिए चिंता का विषय है। सनराइजर्स की बल्लेबाजी बहुत हद तक शीर्ष क्रम पर निर्भर है। ऐसे में चोटी के बल्लेबाजों के नहीं चल पाने पर टीम की कमजोरी खुलकर सामने आ जाती है। मध्यक्रम में भारतीय खिलाड़ी हैं जो नहीं चल पा रहे हैं और यदि सनराइजर्स को आगे बढ़ना है तो उसके टीम प्रबंधन को जल्द ही यह कमजोरी दूर करनी होगी। </p><p><b>फॉर्म में वापसी जरूरी : </b>वार्नर को भी जल्द से जल्द खराब फॉर्म से उबरना होगा। उन्हें सीएसके के तेज गेंदबाज दीपक चाहर के सामने टिककर खेलना होगा जो शुरू में विकेट हासिल करने में माहिर हैं। चाहर के अलावा जडेजा, अनुभवी इमरान ताहिर और सैम कुरेन भी सीएसके की तरफ से अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। सनराइजर्स के लिए गेंदबाजी का चिंता का विषय है। वह इस विभाग में राशिद पर निर्भर है लेकिन बाकी 16 ओवरों में विपक्षी टीम अच्छे रन बना सकती है। अनुभवी भुवनेश्वर निरंतर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं जबकि यार्कर विशेषज्ञ टी नटराजन के चोट के कारण टीम से बाहर हैं। </p><p><b>हम दबाव बनाने में नाकाम रहे : </b><b>जोर्डन </b></p><p>मैच में 30 रन बनाने वाले पंजाब के हरफनमौला क्रिस जोर्डन ने कहा कि उनकी टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही। पंजाब की छह मैचों में यह चौथी हार है। जोर्डन ने कहा, हम केकेआर पर दबाव बनाने में असफल रहे। हमने मैच को आखिर तक ले जाने की कोशिश की लेकिन हमने ज्यादा रन नहीं बनाए और शायद यही हमारी हार का कारण बना। उन्होंने कहा कि इस हार से टीम का मनोबल कम नहीं हुआ। </p>
0
1,871,510
[ "विकेट" ]
<p>फिलहाल इस टूर्नामेंट में किसी भी तरह के बदलाव की कोई योजना नहीं है। यह तय कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित किया जाएगा। कोई खिलाड़ी पारिवारिक या निजी कारणों से अगर आईपीएल छोड़ना चाहता है तो उसकी हरसंभव मदद की जाएगी। </p><p><b>-सौरव गांगुली, </b>अध्यक्ष, बीसीसीआई</p><p><b>12</b></p><p><b> हल्द्वानी </b>● <b>बुधवार </b>● <b>28 अप्रैल 2021 </b>●</p>
0
1,871,511
[ "बोर्ड का विदेशी खिलाड़यों को सुरक्षित वापसी का आश्वासन " ]
<p><b>बीसीसीआई ने मंगलवार को कहा वह आईपीएल में भाग ले रहे खिलाड़ियों की टूर्नामेंट समाप्त होने के बाद बिना किसी रुकावट के स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करेगा। भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण तीन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के स्वदेश लौट जाने के बाद बोर्ड ने यह बयान दिया है। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के भी कई खिलाड़ी आईपीएल में खेल रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई चिंता नहीं जताई है। </b></p>
0
1,871,499
[ "सर्वाधिक चौके" ]
<p><b>टीममैचजीतेहारेरद्दरन रेटअंक</b></p><p>चेन्नई05 04 01 00 +1.612 08</p><p>दिल्ली05 04 01 00 +0.334 08</p><p>बेंगलुरु05 04 01 00 +0.096 08</p><p>मुंबई05 02 03 00 -0.032 04</p><p>कोलकाता06 02 04 00 -0.305 04</p><p>पंजाब06 02 04 00 -0.608 04 </p><p>राजस्थान05 02 03 00-0.68104 </p><p>हैदराबाद05 01 04 00 -0.018 02</p><p>दिल्ली के शिखर धवन पांच मैच में अब तक 32 चौके लगा चुके हैं।</p><p>(आंकड़े रविवार तक के हैं)</p>
0